पहली सदी की नाव
यह तसवीर दो सबूतों के आधार पर बनायी गयी है। पहला सबूत है, गलील झील के किनारे दलदल में पाया गया एक नाव का अवशेष, जो पहली सदी में मछलियाँ पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाती थी। दूसरा, समुद्र किनारे बसे मिगदल नगर में पहली सदी के एक घर में मिली पच्चीकारी। इस तरह की नाव में शायद एक मस्तूल और पाल लगे होते थे और पाँच लोगों की एक टोली होती थी, चार चप्पू चलानेवाले और एक पतवार चलानेवाला। पतवार चलानेवाला नाव के पिछले हिस्से में बनी छोटी-सी मचान पर खड़ा होता था। यह नाव करीब 26.5 फुट (8 मी.) लंबी होती थी। बीच में इसकी चौड़ाई करीब 8 फुट (2.5 मी.) और गहराई करीब 4 फुट (1.25 मी.) होती थी। ऐसा मालूम होता है कि इसमें 13 या उससे ज़्यादा लोग आ सकते थे।
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