फाख्ता और कबूतर
मूसा के कानून के मुताबिक एक औरत जब बच्चे को जन्म देती थी, तो उसे होम-बलि के लिए एक नर मेम्ना और पाप-बलि के लिए कबूतर का एक बच्चा या एक फाख्ता चढ़ाना होता था। लेकिन अगर एक परिवार के लिए मेढ़े की बलि देना मुमकिन नहीं था, जैसे मरियम और यूसुफ नहीं दे सके थे, तो दो फाख्ते या कबूतर के दो बच्चे चढ़ाए जा सकते थे। (लैव 12:6-8) यहाँ दिखायी फाख्ता (स्ट्रेप्टोपेलिया टुरटुर ) (1) इसराएल में ही नहीं बल्कि यूरोप, उत्तर अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में भी पायी जाती है। हर साल अक्टूबर में ये पक्षी दक्षिणी देशों की तरफ प्रवास करते हैं जहाँ मौसम गरम रहता है और वसंत में इसराएल लौटते हैं। दूसरा पक्षी कबूतर (कोलंबा लिविया ) (2) है। इसकी प्रजाति दुनिया-भर में पायी जाती है और आम तौर पर ये प्रवासी पक्षी नहीं हैं।
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Eyal Bartov; © blickwinkel/Alamy Stock Photo
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