बैतफगे, जैतून पहाड़ और यरूशलेम
इस छोटे-से वीडियो में पूरब से यरूशलेम तक का रास्ता दिखाया गया है। यह रास्ता एट-टूर गाँव से होकर जैतून पहाड़ की एक ऊँची जगह तक जाता है। मालूम होता है कि एट-टूर, बाइबल में बताया गया बैतफगे गाँव है। इसके पूरब में यानी जैतून पहाड़ की पूर्वी ढलान पर बैतनियाह गाँव बसा था। जब यीशु यरूशलेम आता था तो वह और उसके चेले अकसर बैतनियाह में रात काटते थे जो आज एल-अज़ारीया (या एल आइज़ारीया) के नाम से जाना जाता है। यह एक अरबी नाम है जिसका मतलब है “लाज़र की जगह।” यीशु यहीं मारथा, मरियम और लाज़र के घर रुकता था। (मत 21:17; मर 11:11; लूक 21:37; यूह 11:1) जब यीशु उनके घर से यरूशलेम जाता था, तो शायद वह उसी रास्ते से जाता था जो इस वीडियो में दिखाया गया है। ईसवी सन् 33 के नीसान 9 को जब यीशु एक गधी के बच्चे पर सवार होकर जैतून पहाड़ से यरूशलेम में दाखिल हुआ, तो वह बैतफगे के रास्ते से होकर आया होगा।
1. बैतनियाह से बैतफगे का रास्ता
2. बैतफगे
3. जैतून पहाड़
4. किदरोन घाटी
5. पहाड़ जिस पर पहले मंदिर था
आयतें: