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सजग होइए! ब्रोशर (1984) (gbr-1)
gbr-1 पेज 13-14

बड़ा व्यवसाय और अपराध

बड़ा व्यवसाय! हम सब पर इसका प्रभाव पड़ता है। यह हमारी सहायता करता है—और हमें हानि भी पहुँचाता है। और कुछ ऐसी बातें हैं जो हम उसके बारे में कर सकते हैं।

एक विशाल, या “बड़े” निगम के पास शायद १,५०,००,००,००० डॉलर की सम्पत्ति हो। बहुतों के पास इससे भी अधिक होता है। इस प्रकार का धन शक्‍ति का प्रतीक है। विशाल निगम अन्य देशों से लड़ाई करते हैं—जिसमें उनकी जीत होती है। इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं कि बहुतों को उन पर शक है!

फिर भी कई तरीकों से बड़े व्यवसायों ने दुनिया को ऐसा बनाया है जैसा कि आज हम देखते हैं। वह रेल मार्ग बनाता है, तेल पर नियंत्रण रखता है और बहुत से देशों में बिजली, गैस और परिवहन का प्रबन्ध करते हैं। इसके कारण, एक व्यक्‍ति ब्राजील में बनी जूते और हाँग-काँग में बने कपड़े पहन सकता है, जापान में बनी हुई कार को चलाता है, गर्म देशों के भोजन खा सकता है, और जर्मनी का अंगूरी शराब पी सकता है। बड़े व्यवसाय को धन्यवाद, जिनके कारण अब विदेशी यात्रा धनवान लोगों का एकमात्र विशेषाधिकार नहीं रह गया है। और अगर आप के पास एक कार, एक टेलीविज़न या टेलीफोन है, तो यह सब इसलिए है क्योंकि बड़े व्यवसाय ने इसको बड़ी संख्या में बनाकर काफी सस्ते दामों में उपलब्ध कराया है ताकि आसानी से खरीदा जा सके।

परन्तु कुछ समस्याएँ हैं। यह लेख उनमें से कुछ पर विचार करते हैं।

हमारी सड़कों पर होनेवाले अपराध की समस्या नई नहीं है। प्रत्येक दिन हम गला दबोचकर चोरी, चाकू से हमला, खून और दूसरी बातें सुनते हैं जो कानून और व्यवस्था के दिन-प्रति-दिन टूटने को प्रगट करती है। फिर भी, क्या आप यह जानते थे कि प्रत्येक दिन दूसरे अपराध भी, जो बिल्कुल अकल्पनीय हैं, किए जाते हैं? हर एक वर्ष आप के बटुआ से आप की जानकारी के बिना, एक चौंका देने वाली पैसे की संख्या निकाल ली जाती है। सिर्फ अमेरिका में ही यह कपटपूर्ण अपराध एक वर्ष में करीब २०० अरब डॉलर हड़प कर लेते हैं। इन्हें कौन करता है? बड़े निगम, जिनके कार्यकर्ता गैर कानूनी तरीकों से अपने आप को या अपनी कम्पनियों को धनवान बनाते हैं।

बड़े व्यवसाय के अपराध का प्रभाव सब पर पड़ता है। अक्सर यह प्राणनाशक और विनाशकारी होती है। किस प्रकार के लोग ऐसे अपराध करते हैं? अक्सर जो समाज के बहुत ही सम्मानित “खम्भे” माने जाते हैं।

बड़े व्यवसाय का अपराध इतना आम हो चुका है कि अधिकांश अधिकारी उसका सामना नहीं कर सकते हैं। कनेक्टिकट के कानून के प्रोफेसर लियोनार्ड ओरलैंड यह कहते हैं कि “निगम अपराध एक गुप्त और गंभीर रूप से गलत अर्थ लगाया हुआ घटना समझा जाता है।” वह महसूस करते हैं, कि अगर सही अंक उपलब्ध हो जाए, तो ‘छुपा हुआ’ निगम अपराध बहुत ही विशाल है, और सही निगम अपराध पर वास्तव में अल्प अभियोग लाया जाता है।”—यू.एस. न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट।

जब सफेद-पोश अपराधियों पर अभियोग लगाया जाता है, तब क्या होता है? इनकी सज़ा, चोरों और सेंधमारों की सज़ा के विपरीत हल्की होती हैं। उदाहरण के लिए, न्यू यॉर्क महानगर क्षेत्र के दूध की २५ कम्पनियों ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने अपने ग्राहकों से पिछले दस सालों में ठहराई हुई रकम से ज्यादा पैसा लिया था। इस अपराध से उन्होंने कितना लाभ उठाया था उसका अन्दाज़ा लगाना असम्भव था, परन्तु ६.७ लाख डॉलर की रकम कम्पनियों ने ग्राहकों को वापसी दण्ड में लगाया गया। उन कार्यकर्ताओं का क्या हुआ जिन्होंने गलत कामों से ग्राहकों को लाखों डॉलर की हानि पहुँचायी थी? उन्हें मात्र गलत कामों के लिए दोषी ठहराया गया और उन्हें जूर्माना भरना पड़ा।

दूसरा उदाहरण: अमेरिका की दवाइयाँ बेचने वाली कम्पनियों में से एक बड़ी कम्पनी के बारे में यह पता चला कि ओहायो के प्रान्त को उन्होंने डॉक्टर के नुसखों की दोहरी रसीदें मेडिक-एड कार्यक्रम के अन्तर्गत दी। ऐसे निगम अपराध से कर-दाताओं से पाँच लाख डॉलर का चोरी किया गया। फिर भी अपराधी कम्पनी को सिर्फ जुर्माना दे कर चुराई हुई सम्पत्ति को वापस लौटाना पड़ा।

दोषी कार्यकर्ता उन से, जो यह समझते हैं कि अपराध से कोई लाभ नहीं होता, बहुत ही अच्छा बहस कर सकते हैं। पर उन्हें तो स्पष्ट रूप से इससे लाभ हो ही जाता है। यू.एस. न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट एक ऐसी घटना के बारे में बताती है जहाँ पर कम्पनी के समिति के सभापति और अध्यक्ष १.२ करोड़ डॉलर की रकम के कर को छुपाने के मामले में दोषी पाए गए थे और उन्हें जेल में सज़ा काटने के बदले में जनता की सेवा करने की सज़ा दी गई। और जब वे यह काम कर रहे थे, तो कम्पनी के सीमावर्ती फायदों का आनन्द भी उठा रहे थे, और अध्यक्ष सलाहकार के रूप में १०० डॉलर प्रति घण्टे पा रहा था।

कई बार जनता को अपने जीवन से कीमत चुकाना पड़ा है। उदाहरण के लिए, १९८१ में, एक नया, कम कीमत का खाद्य तेल स्पेन के बाज़ारों में आने लगे। बोझ से दबे श्रमिक वर्ग के लोग उसे एक सौदा समझके खरीदने लगे। आह, उपभोक्‍ताओं में कुछ अद्‌भुत रोग के लक्षण दिखाई देने लगे! २० हज़ार से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए और मई १९८३ तक सरकारी आँकड़ों के अनुसार ३३९ लोग मर गए। क्यों? क्योंकि व्यापारी लोग फ्रांस से सस्ते औध्योगिक तेल को खरीदते थे और उसे संसाधित करके खाद्य तेल के रूप में स्पेन में बेच रहे थे।

निगम अपराध ज़हरीले रसायन पदार्थ को फेंक देने में भी शामिल है। पाँच वर्ष पहले न्यू-यॉर्क स्टेट के लव कैनाल विभाग, अखबार की मुख्य खबरों में प्रगट हुआ था जब लोगों को अपने घरों को जबरदस्ती छोड़ना पड़ा क्योंकि उनके आंगन से एक हानिकारक ज़हरीली गैस बाहर आने लगी थी। ये रसायन पदार्थ कहाँ से आए थे? एक बड़े रसायन कम्पनी ने इस व्यर्थ खतरनाक पदार्थ को इस क्षेत्र में डाल दिया था।

पाँच साल बाद मिसौरी प्रान्त के, टाइम्स बीच नगर के निवासियों को भी अपने घरों को छोड़ना पड़ा था, और सड़कों पर रोक लगाया गया जिस पर खोपड़ी और तिरछे हड्डियों का चिन्ह लगा दिया गया और बड़े अक्षरों में “खतरा! प्रवेश न करें।” लिखा था। क्यों? क्योंकि नगर डायओक्सिन से दुषित हो चुका था।

ऐसे अनुभवों के पश्‍चात्‌ भी, कई व्यवसाय अपराधिक लापरवाही से ऐसी ज़हरीली व्यर्थ वस्तु को कहीं भी डाल देते हैं। “आधी रात को फेंकने” के तरीके का उपयोग करके ज़हरीली वस्तुओं को नालियों में छोड़ा जाता है, साधारण कचरे में मिलाया जाता है, या तापन तेल में मिलाकर ज़मीनदारों को सौदा किए हुए कीमत पर बेचा जाता है। “आधी रात को फेंकने का तरीका . . . कोई दूसरा सफेद-पोश अपराध नहीं है। यह प्रत्यक्ष रूप से शक नहीं करनेवालों के स्वास्थ्य को और अनजन्मा हुओं को धमकी देता है,” ऐसा द न्यू यॉर्क टाइम्स के एक सम्पादकीय में कहा था।

जी हाँ, एक साधारण व्यक्‍ति असुरक्षित हो जाता है जब ऐसे बड़े व्यवसाय अपराध की तरफ मुड जाते हैं। जब कि, अक्सर, वे दूसरे कारणों से असुरक्षित हैं। उस समय क्या होता है जब बड़े निगम, कानून के दायरे में सख्ती के साथ तो रहते हैं, लेकिन नैतिक अर्थ में कमी दिखाते हैं? तब बहुत से लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।

[पेज 14 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

जब सफेद-पोश अपराधियों पर मुकदमा चलाया जाता है, तब क्या होता है? अक्सर बहुत ही कम

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