आतंकवाद—कौन ग्रस्त हैं?
इस पुस्तिका को राजनीति में कोई उलझाव नहीं। इस विश्व के राजनैतिक संघर्षों में यह एक तटस्थ स्थान लेती है। किन्तु, उसके उद्देश्य के अनुसार, यह बाह्य रूप के नीचे तहकीकात करती है और वर्तमान घटनाओं के वास्तविक अर्थ की ओर संकेत करता है। इस कारण से यह पुस्तिका आतंकवाद के पीछे के उद्देश्यों को वैसे जाँचती है जैसे इस क्षेत्र के विशेषज्ञ इसे देखते हैं। हम पाठकों को उनके अपने निष्कर्ष निकालने के लिए छोड़ते हैं।
“आतंकवादियों के छोटे-छोटे झुण्ड और अकेला हत्यारें राजनैतिक लक्ष्यों को पाने का प्रयत्न करने से, आज दुनिया के बड़े-बड़े शहरों के रास्ते, उसके हवाई-पत्तन मार्ग और सैनिक आस्थानों को रणक्षेत्र में बदल दिया जा रहा है।”
“१९७३ से १९८४ तक विश्व भर ५००० आतंकवादी घटनाएं अभिलिखित है जो ४००० से अधिक प्राणों को ले लिए और इससे दुगुना घायल हो गए।”
“गए पंद्रह वर्षों के दौरान ११३ देशों के राजनयिक आतंकवादी कार्यों के लक्ष्य बन गए हैं, जो १२८ अलग देशों में घटित हो रही है।”—फायटिंग बॉक—विनिंग द वॉर अगेन्स्ट टेररिज़म।
क्या आप आतंकवाद से प्रभावित हुए हैं? १९८६ के दौरान आतंकवादियों के भय से, क्या आपने कोई यात्रा की योजनाएँ निरस्त किए या बदल दिए थे? आतंकवाद आज कई लोगों की ज़िन्दगी में एक अवचेतन या चेतन तनाव का कारण है। जैसे इस्राएल के रक्षा मंत्री इसहाक रबीन ने लिखा: ‘‘आतंकवाद का भय दुनिया भर के कई लोगों के लिए जीवन-चर्य्या का एक साधारण विषय बन गया है।’’ यह बहुत सम्भव है कि आप आतंकवाद द्वारा थोपे गए खर्चों को पूर्ण करने में मदद कर रहे होंगे। यह कैसे? आपके टैक्स का एक भाग शायद उस बेहतर सुरक्षा और कई सरकारों द्वारा आतंकवाद की धमकियों के कारण ली गयी अधिक तैयारी के उच्चतर खर्चों पर व्यय हो रहे हैं।
उत्तरी आयरलैन्ड और मध्य-पूर्व कई दशकों से आतंकवाद के साथ जी रहे हैं। हाल के वर्षों में आतंकवाद कई यूरोपियन और मध्य और दक्षिण अमेरिका के देशों में अपना प्रभाव छोड़ गए हैं। और दूरदर्शन और प्रेस के द्वारा हम सब आतंकवादी अत्याचार से परिचित हुए हैं। यह करीब-करीब हमारा दैनिक भाग बन गया है। आतंकवादी बम, खून और अपहरण इतने लगातार हो गए हैं कि हम शायद बेदर्द बन गए हैं। परिणामस्वरूप असाधारण साधारण, कल्पनातीत कल्पनीय, और कुछ देशों में जैसे लेबानोन में असहनीय सहनीय बन गया है।
जी हाँ, आतंकवाद जीवन कि एक सच्चाई है—जनसंचार माध्यमों का नियमित उत्पादन का भाग, जो आतंकवादी नेताओं और समूहों को घरेलू नामों में बदल दिया है। आतंकवाद आज एक विश्वव्यापी महाविपत्ति है।—संलग्न मानचित्र देखिए।
आतंकवाद क्या है
एक आतंकवादी को परिभाषित करना शायद आसान प्रतीत होगा। पर यह उस पर निर्भर है कि आप विषय के कौन से पहलू में अपने आप को पाते हो। क्या एल सॉलवाडोर के क्रान्तिकारी आतंकवादी हैं या वे ‘लोगों का एक राष्ट्रीय स्वतंत्रता योध्दा’ है? क्या निकारागुआ के कॉन्ट्रास आतंकवादी हैं या “स्वतंत्रता सेवक”? आतंकवाद भी, सुन्दरता की तरह दर्शक की आँखों में है। राजनैतिक प्रत्ययकारिता एक परिभाषा को विकृत कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के लिए इस्राएल के राजदूत बेन्जामिन नेतन्याहू ने यह परिभाषा दी: ‘‘राजनीतिक लक्ष्यों के लिए सोच-समझकर और सुव्यवस्थित रूप से किए गए खून, अंगभग और निर्दोषों को धमकाना।” (टेररिज़म—हौ द वेस्ट कॉन विन) शिकागो के लयोला विश्वविद्यालय के सॉम सरकेशन ने कहा कि, “साधारणतः उसकी विशेषता युक्तियों की विविधता से होता है, जैसे, हत्या, वाहनों का और व्यक्तियों का अपहरण ध्वंसन और ‘निर्दोष’ व्यक्तियों का एक तीसरी पार्टी पर असर करने के लिए इस्तेमाल किए जाना। थोड़े में कहो तो, आतंकवाद एक जनसमुदाय में भय की उत्पत्ति है, ताकि मौजूदा व्यवस्था, आतंकवादियों की माँगों और उनके उद्देश्य की ओर प्रतिक्रिया दिखाने के लिए मजबूर हो जाए।”—हायड्रा ऑफ कारनेज।
दूसरी ओर, कैथॉलिक धर्मविज्ञान के प्रॉफेसर जेम्स बर्टशेल लिखते हैं: “आतंकवाद निराशाजनक व्यक्तियों का युध्द है। . . . यह उनका कार्य है जो अपने आप को प्रतिकूल परिस्थितियों में पाते हैं।”—फायटिंग बॉक।
आप चाहे जैसे भी उसकी ओर देखें आतंकवाद का मतलब साधारणतः निर्दोष लोगों के लिए अत्याचार और मृत्यु है। जैसे जॉन स्क्रीबर अपनी पुस्तक द अल्टिमेट वेपन में लिखते हैं: “एक सेना की तरह एक आतंकवादी दल एक अमानवीय ढंग से काम करती है और दैनिक जीवन में अत्याचार को साधारण कर दिया है।”
एक नई घटना नहीं
हालाँकि यह सदियों पुरानी है, हाल के शतकों में इसे खासकर एक राजनैतिक प्रत्ययकारिता के रूप में उपयोग किया गया है। पहले १९४५ में जब यह प्रकट हुआ कि अँग्रेजी श्रमिक सरकार यहूदियों को फिलस्तीन न देंगे तब आतंकवादी दल उठ खड़े हुए जिस में अरगुन ज़्वाई ल्यूमी (राष्ट्रीय सैनिक संस्था जिसका नाम एट्ज़ेल था) और लॉहामी हीरूट इस्राएल (इस्राएल की स्वतंत्रता के लिए लड़नेवाले योध्दा) [लेही या स्टन दल के रूप में भी जाने गए हैं]—[जो] आतंकवादी कार्यो में भाग लिए थे। जुलाई २२ को एट्ज़ेल ने यरूशलेम के किंग डेविड़ होटेल का एक भाग उड़ा दिया जो सरकारी मंत्रिमण्डल को ठहराया करता था, और करीब १०० यहूदी, अँग्रेज़ और अरबी मारे गए।”—डेविड़ बेन-गूरियन द्वारा लिखित, द ज्यूस इन देर लैन्ड।
१९६० से लेकर आतंकवाद बढ़ते आया है, खासकर इस्राएल, फिलस्तीन के शरणार्थियों और अरब देशों की समस्याओं से सम्बन्धित।
आतंकवाद उत्तरीय आयरलैन्ड और मध्य-पूर्व में ही सीमित नहीं है। स्पेन में बास्क ई टी ए आतंकवादी हैं; समान रूप से भारत और श्री लंका संघर्ष से ग्रस्त है।परू में माओवादी सेन्डेरो लूमिनोसो (दीप्यमान मार्ग) योध्दा हैं। तथाकथित प्रजातांत्रिक दुनिया में यह सुची अन्तहीन है।
लेकिन ये प्रजातांत्रिक देश ऐसे ग्रस्त क्यों हैं? और सचमुच आतंकवाद के पीछे क्या कारण है? क्या आतंकवादी केवल एक उत्पीड़ित समूह है जो न्याय और हरज़ाना चाहते हैं? या इस में कुछ और भी सम्मिलित है? और क्या आतंकवाद यहाँ हमेशा के लिए रहेगी? उत्तरवर्ती आलेख इन्हें और अन्य प्रश्नों की जाँच करेगी।
[पेज 5 पर नक्शा]
(For fully formatted text, see publication)]
आतंकवाद के कारण हाल के समाचारों में आए कुछ राज्य
United Kingdom
N. Ireland
Germany
France
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S. Korea
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