क्या आप अपने मित्रों का मनोरंजन करना पसंद करेंगे?
संध्या का समय था, और एक सामाजिक समूहन चल रहा था। सभी उपस्थित जन आनंद उठा रहे थे जब यह घोषणा की गयी कि दो युवा व्यक्ति कुछ मनोरंजन करने जा रहे हैं, जिसमें संगीत और एक लघु-नाटक सम्मिलित होगा।
इन दोनों ने बहुत बार सफलतापूर्वक अभिनय किया था और इसलिए एक उत्साही प्रतिक्रिया की प्रत्याशा की। परंतु वे लज्जित हुए, कि उनके अभिनय के प्रति अटपटे तरीके से घूरना, सन्नाटा, और अन्त में रूखी प्रशंसा की प्रतिक्रिया थी। उनका प्रदर्शन असफल हुआ! क्या ग़लती हुई?
यदि आपमें प्रतिभा है और इसे अपने मित्रों के साथ बाँटना चाहते हैं, तो क्या आप ऐसे ही अनुभव का सामना करने के डर से संकोच करते हैं? इसकी कुंजी क्या है कि लोग सचमुच महसूस करें कि उनका मनोरंजन हो रहा है? या शायद आपने खुद कभी अभिनय करने के बारे में विचार नहीं किया हो परंतु अपने घर में हुए समूहनों में अन्य लोगों से ऐसा करने के लिए कहा हो। यदि ऐसा है, तो आप किस तरह निश्चित हो सकते हैं कि आपके मेहमान प्रस्तुति का आनंद उठाएँगे?
निम्नलिखित सुझाव गृह संगीतमय मनोरंजन के दृष्टिकोण से विकसित किए गए हैं। फिर भी, आप पाएँगे कि अधिकांश सिद्धान्त अन्य प्रकार के मनोरंजन पर लागू होते हैं, जैसे लघु-नाटक रूपक प्रस्तुत करना, स्लाइड शो दिखाना, कहानियाँ, और अनुभव बताना।
वातावरण पैदा करना
मान लीजिए कि आप एक समूहन की योजना बना रहे हैं, जिसमें एक संगीतमय प्रस्तुति को शामिल करने का इरादा रखते हैं। यह ज़रूरी नहीं कि आप (या जो अभिनय कर रहे हैं) मनोरंजन का स्त्रोत बनने के लिए संगीतमय तकनीकी में भरपूर हों। असल में, कुछ कुशल संगीतकार अच्छे मनोरंजक नहीं होते। यह इसलिए है क्योंकि मनोरंजन कराने में यह जानना शामिल है कि लोगों को आनंद उठा सकने में कैसे मदद करनी है। यह एक ऐसा वातावरण बनाने से शुरू होता है जो आनंद उठाने के लिए प्रेरक हो। उदाहरण के लिए, आप कितने मेहमानों को आमंत्रित करेंगे?
आपको लोगों की बड़ी भीड़ के बजाय छोटे समूह से ज़्यादा सफलता मिलने की संभावना है। एक छोटा समूह प्रत्येक व्यक्ति को अन्य लोगों से बात करने और संगति का आनंद उठाने का अवसर देता है। इसी तरह, आनंदमय वातावरण बनाने में मदद करने के लिए, भोजन या फिर अल्पाहार द्वारा जलपान रखने का विचार कीजिए। यदि आप सिर्फ अल्पाहार परोसेंगे, तो अपने मेहमानों को इसके बारे में अवगत करा दीजिए ताकि वे ज़्यादा पाने की आशा में न आएँ।
यह समझना ज़रूरी है कि आप अपनी संगीतमय प्रस्तुति कब करेंगे। बहुत से लोग स्वाभाविकता का आनंद उठाते हैं और थोड़े या बिना किसी निर्देशन के खाने में और बातचीत में स्वयं को अन्तर्लीन कर लेते हैं। यदि यह आपके मेहमानों के बारे में सच है, तो अचानक आयोजित कार्यक्रम प्रस्तुत करने से पहले उन्हें समय दीजिए। इसी बात की उन दो युवा व्यक्तियों ने उपेक्षा की जिनका शुरू में ज़िक्र किया गया है। यदि उन्होंने उस समय का इन्तज़ार किया होता जब अन्य गतिविधियाँ मंद होने लगतीं, तो शायद वे अपने दर्शकों को ज़्यादा ग्रहणशील पाते।
यदि आप एक समूह गीत की योजना बनाते हैं, तो आप शायद सबको पास-पास लाना लाभप्रद पाएँगे, जैसे कि अँगीठी के चारों ओर या फिर ज़मीन पर बैठना। लोग तब बेहतर गा पाते हैं जब उनके मिज़ाज और हालात ठीक होते हैं। सही वातावरण बनाने से काफ़ी हद तक यह निश्चित किया जा सकता है कि मेहमान आपकी प्रस्तुति का आनंद उठाएँगे। यह उनको आपके संगीतमय मनोरंजन के लिए मानसिक रूप से भी ग्रहणशील होने के लिए तैयार करेगा।
अपने मेहमानों का मनोरंजन करने का समय अब आ गया है। आप किस तरह अपने दर्शकगणों का सफलतापूर्वक मनोरंजन कर सकते हैं?
दर्शकगण को मोहित करना
अधिकांश लोग एक अच्छे अभिनय को देखना पसंद करते हैं। क्यों, हाल ही के सिर्फ़ एक साल में, ब्रॉडवे प्रदर्शनों के ८१,४२,००० टिकट बेचे गए, जिसमें २५ करोड़ ३४ लाख अमरीकी डॉलर लिए गए! परन्तु यदि अभिनय करना आपका शौक है जिसके लिए आप को कोई वेतन प्राप्त नहीं होता, तो आप दर्शकगण की दिलचस्पी को बनाए रखने की चुनौती का सामना करते हैं जिन्होंने आप के द्वारा प्रस्तुत मनोरंजन को ज़रूरतन नहीं माँगा था। इसका समाधान? पर्याप्त प्रतिभा के साथ-साथ अपने दर्शकगण के साथ संपर्क कायम कीजिए। यहाँ कुछ सुझाव हैं:
भली-भांति सीखी हुई सामग्री प्रयोग कीजिए। गिटार प्रशिक्षक फ्रेडरिक नोड सावधान करता है: “यह ज़रूरी है कि संगीतमय रचना इतनी अच्छी तरह से याद होनी चाहिए कि आप कोई और बात सोचते हुए भी इसे लगभग बजा सकें।” इसलिए यह बुद्धिमानी की बात होगी कि आप नई सीखी हुई रचनाओं को भविष्य के लिए बचा कर रखें। मिस्टर नोड टिप्पणी करता है: “एक प्रभावशाली रचना को भद्दे ढंग से बजाने के बजाय एक साधारण रचना को अच्छी तरह बजाना कहीं बेहतर होगा।”
अपने दर्शकगण को शामिल कीजिए। एक संगीतज्ञ जिसे सालों का व्यावसायिक अनुभव है, ने दर्शकगण को शामिल करने के महत्त्व पर ज़ोर दिया, यह कहते हुए कि वह गीत पत्रियों को अपने दर्शकगण में बाँट देता था और उनको साथ गाने के लिए आमंत्रित करता था। दर्शकगण को अपनी प्रस्तुति का भाग बनाने से उनके उत्साही समर्थन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
विविधता का लक्ष्य रखिए। हर चीज़ को संकोच से और धीमे बजाना कुछ लोगों की आम प्रवृत्ति होती है। फिर भी, फ्रेडरिक नोड सलाह देता है: “हमेशा प्रत्येक रचना में ऊँचे और धीमे की विविधता को उत्पन्न करने की कोशिश कीजिए; उदाहरण के लिए, जब एक टुकड़ा दोहराया जाता है तो पहली उक्ति को ज़ोर से और बाक़ी के हिस्से को धीमे बजाना अकसर प्रभावकारी होता है, क़रीब-क़रीब एक प्रतिध्वनि का प्रभाव देता है। . . . बजाने में आधा संतोष तो इस तरह के उतार-चढ़ाव में मिलता है जो संगीतमय प्रदर्शन को सिर्फ़ स्वर से अलग करता है।”
आनंद लीजिए। यदि आप रूखे, अधीर, या संकोची प्रतीत हों, तो आपके मेहमान तनावमुक्त नहीं होंगे; न ही वे प्रमुदित होंगे यदि आप स्पष्ट रीति से किसी सुप्रसिद्ध प्रदर्शक की नकल करते हैं। जब सबकी आँखें आप पर हों तो तनावमुक्त होना मुश्किल होता है, परन्तु आपको तनावमुक्त होना और अपने आपको संभालना सीखना चाहिए, उत्साही होइए, और जो आप कर रहे हैं उसमें आनंद लीजिए। सिर्फ़ तब ही आपके दर्शकगण तनावमुक्त होंगे और आपके मनोरंजन का आनंद उठाएँगे।
संगीतमय प्रदर्शन को छोटा रखिए! एक असली मनोरंजनकर्त्ता एक गीत कम ही गाता है, एक गीत ज़्यादा नहीं। एक अनौपचारिक घर की बैठक जैसी व्यवस्था में, लोग शायद २० या ३० मिनट बाद बेचैन महसूस करने लगें। जब आपका प्रदर्शन खत्म होता है, तो अपने मेहमानों को स्वैच्छिक गतिविधियों को पुन: आरम्भ करने दीजिए। प्रदर्शन खत्म हो गया है, परन्तु वे उसे स्नेह से लगातार याद रखेंगे क्योंकि आपने उन्हें ज़्यादा चाहने के लिए छोड़ दिया था।
घबराहट पर कार्य करना
पेशेवर भी मंचभीति से लड़ते हैं। फिर भी, वे इस पर काबू पाना सीखते हैं और कम से कम यह दिखाते हैं कि वे निश्चिन्त हैं। आप भी ऐसा ही कैसे कर सकते हैं?
एक बात है, तैयारी कीजिए! डेल कारनेगी, जिसने प्रत्येक वर्ष हज़ारों भाषणों का परिगणन किया, ने दावे के साथ कहा: “सिर्फ़ वह वक्ता ही आत्मविश्वस्त होने के योग्य है जिसने तैयारी की है।” यही बात निश्चित रूप से मनोरंजनकर्त्ताओं के बारे में भी सच है। अग्रिम अभ्यास, साथ ही प्रदर्शन समय से पहले अभ्यास करने से काफ़ी फ़र्क पड़ सकता है। अभिनय करते समय, अपनी सामग्री में आत्मसात् हो जाइए। हर चीज़ जो आप बजाते हैं उसे सोचिए और महसूस कीजिए। संगीत के न्यू इंग्लैंड कॉनसरवेटरी का फ्रैंक बाटीसटी सुझाव देता है: “यह ज़रूरी है कि एक व्यक्ति जो कर रहा है उस पर अपना ध्यान केंद्रित करे, और इस बात की चिन्ता नहीं करे कि कोई व्यक्ति उसके बारे में क्या सोचता है। यदि आप स्वयं को उस एकाग्रता में ला सकते हैं तब वास्तव में आप नहीं डर सकते।”
यदि आप कोई ग़लती करते हैं, तो परेशानी दिखाने के द्वारा अपने सुननेवालों को सूचित मत कीजिए। कुछ ही ने शायद ग़लती पर ध्यान दिया होगा, और बाकी लोगों को संभवत: कोई आपत्ति नहीं होगी। वे आपकी तरफ़ संकेत के लिए देखेंगे—यदि आप अपने अभिनय को जारी रखेंगे मानो ग़लती तुच्छ हो, तो वे भी उसे वैसा ही समझेंगे।
प्रतिभा जो सृष्टिकर्ता को आदर देती है
यदि मित्र कभी-कभी आपको उनके लिए बजाने को कहते हैं, तो उनको जल्दी से मना मत कीजिए, शायद यह सोचते हुए कि आप अयोग्य हैं। यदि वे पूर्णता चाहते, तो क्या वे इसके बजाय रिकार्ड किए हुए संगीत को न चुनते? एक स्त्री, जो अपने मित्रों के बीच आनंदपूर्ण छोटे गृह समूहनों के लिए प्रसिद्ध है, ने कहा: “कितना अच्छा लगता है जब एक मेहमान संगीतमय होता है और यहाँ तक कि मनोरंजन करने के लिए तैयार होकर आता है और प्रदर्शन में सबको शामिल करता है!”
जी हाँ, बहुत से लोग उस उत्तेजना और आमोद-प्रमोद का मूल्यांकन करते हैं जो ख़ासकर प्रत्यक्ष गृह मनोरंजन से प्राप्त होता है। यह भी याद रखिए, कि शायद आपके मित्र हितकर मनोरंजन की खोज कर रहे हैं, जिसका मिलना इस व्यावसायिक दुनिया में ज़्यादा मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए यदि आप दूसरों का मनोरंजन करने की योग्यता में प्रतिभाशाली हैं, तो ऐसा हो कि आप उसे हमारे महान सृष्टिकर्ता के आदर के लिए प्रयोग करें, जो ‘हर एक अच्छे वरदान और हर एक उत्तम दान’ का देनेवाला है।—याकूब १:१७.
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अतिरिक्त सलाह
बहुमुखी बनिए। यदि आप विभिन्न शैलियाँ बजा सकते हैं, चाहे प्रत्येक वर्ग में सिर्फ़ कुछ ही रचनाएँ, तो आपको दर्शकगण की प्राथमिकताओं और निवेदनों को संतुष्ट करने में समर्थ होने का लाभ प्राप्त है।
अपनी सामग्री को आकर्षक तरीक़े से व्यवस्थित कीजिए। छोटी और अभिज्ञेय रचनाओं से शुरू और अन्त करना अकसर सबसे प्रभावशाली होता है। लम्बी या ज़्यादा माँग करनेवाली रचनाओं को, अगर बजाया जाता है, अपनी प्रस्तुति के बीच में प्रस्तुत करना सर्वोत्तम होगा।
अपने दर्शकों का आभार मानिए। शायद घूर के देखने से वे बेचैन महसूस करें, आप निश्चित रूप से रचनाओं के बीच में अपने दर्शकों को देख सकते हैं और उनसे बात कर सकते हैं।
प्रदर्शन को प्रगतिशील रखिए। जबकि कभी कभी परिचायक टिप्पणी सबको (आपको भी) तनावमुक्त होने में मदद कर सकती है, ये ज़रूरत से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही, अत्यधिक पुन: समस्वरण के कारण लम्बे सन्नाटे करने से बचिए। आपके सुननेवाले संभवत: हल्की-सी भी स्वरोच्चारण समस्या पर ध्यान नहीं देंगे जितना कि वे लगातार विलंब करने से खीज उठेंगे।