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  • एक जीवन जो मैं बदलना नहीं चाहूँगी
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सजग होइए!–1994
g94 4/8 पेज 21-24

एक जीवन जो मैं बदलना नहीं चाहूँगी

अनेक लोगों ने अपना जीवन जैसे व्यतीत किया उसके लिए उन्हें खेद है। वे शायद कहें: ‘यदि मैं अपना जीवन फिर से शुरू कर सकता, तो मैं कितनी चीज़ें भिन्‍न रूप से करता!’ लेकिन अपने जीवन पर पुनर्विचार करने से, हालाँकि यह जीवन सरल नहीं रहा, यह एक ऐसा जीवन रहा है जो मैं बदलना नहीं चाहूँगी।

मेरे माता-पिता ने मेरा पालन-पोषण एक यहोवा की गवाह के रूप में किया और शिशुपन से मेरे हृदय में परमेश्‍वर के नियम बिठाए। (२ तीमुथियुस ३:१५) मुझे ऐसा कोई समय याद नहीं जब मैं यहोवा के गवाहों की सभाओं और अधिवेशनों में नहीं जाती थी। और जब मैं बच्ची थी, मैं बड़े गवाहों के साथ लोगों से मिलने भी जाती थी कि उन्हें परमेश्‍वर के राज्य के शासन के अधीन परादीस पृथ्वी पर अनन्त जीवन की बाइबल की आशा के बारे में सीखने में मदद कर सकूँ। (मत्ती २४:१४) मुझे अभी-भी याद है, पाँच वर्ष की उम्र में मैं लोगों को राज्य, संसार की आशा (अंग्रेज़ी) शीर्षकवाली पुस्तिका प्रस्तुत किया करती थी।

मेरे माता-पिता ने परमेश्‍वर के राज्य के बारे में सत्य पहली बार १९१७ में सुना। हालाँकि वे गिरजे जाते थे, उन्होंने ब्रिजटन, न्यू जर्सी, यू.एस.ए. में वॉचटावर सोसाइटी के एक सफ़री प्रतिनिधि द्वारा दिए एक भाषण में सत्य की खनक पहचान ली। मेरे नाना ने भी वही भाषण सुना, और उन्हें भी विश्‍वास हो गया कि जो उन्होंने सुना था वह सत्य था। फिर, जब मैं १४ वर्ष की थी, डिट्‌रॉइट, मिशिगन में यहोवा के गवाहों के एक अधिवेशन में मेरा बपतिस्मा इस बात का प्रतीक देने के लिए हुआ कि मैंने अपना जीवन यहोवा को समर्पित कर दिया था।

उन दिनों में बाइबल अध्ययन के लिए हमारी साप्ताहिक सभाएँ हमारी बैठक में हुआ करती थीं। आख़िर में एक दुकान ख़रीदकर उसे राज्यगृह में परिवर्तित किया गया। उस समय बहुत कम राज्यगृह थे। लेकिन आज, संसार-भर में हज़ारों ऐसे सभागृह यहोवा के गवाहों की ७०,००० से अधिक कलीसियाओं के स्थान हैं।

पूर्ण-समय की सेवकाई शुरू करना

मेरी माँ ने पूर्ण-समय की सेविका के रूप में अपना जीवन १९३९ में शुरू किया और ८५ वर्ष की उम्र में अपनी मृत्यु तक करती रही। मेरे भैया, डिक और मैं ने पूर्ण-समय की सेवा में अपना जीवन अप्रैल १, १९४१ में शुरू किया, जब यूरोप में दूसरा विश्‍व युद्ध भड़का हुआ था और राजनीति के सम्बन्ध में हमारी तटस्थ स्थिति के कारण यहोवा के गवाहों का हर जगह विरोध हो रहा था।

हमारी कलीसिया के तीन युवक गवाहों को उनकी तटस्थता के कारण पाँच वर्ष की क़ैद हो गयी थी। उन में से दो भाइयों को अभी-भी कलीसिया में प्राचीनों के रूप में सेवा करते हुए देखना कितना प्रोत्साहक है! मेरे भैया ने बाद में ब्रुकलिन बेथेल, न्यू यॉर्क में यहोवा के गवाहों के मुख्यालय में सेवा की। और वह अभी-भी हमारे गृह नगर, मिलविल, न्यू जर्सी में एक प्राचीन के रूप में सेवा कर रहा है।

यहोवा के गवाहों के लिए वे युद्ध वर्ष अमरीका में और दूसरे स्थानों में भी बहुत मुश्‍किल थे। उत्तेजित भीड़ द्वारा आक्रमण सामान्य था। बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया। (लिलयन गोबाइटस क्लोज़ा के जीवन पर जुलाई २२, १९९३ की अवेक! देखिए।) हमारे हज़ारों आध्यात्मिक भाई जेल गए, इसलिए हम स्त्रियों को विभिन्‍न कलीसिया कार्य करने पड़े। इसी कारण, एक छोटी उम्र में मैं साहित्य सेवक थी। यहोवा की मदद से हम उन मुश्‍किल युद्ध वर्षों से बच निकले, और जब हमारे भाई जेल से वापस आए, तो कार्य आगे बढ़ा।

इस समय बेथेल से लाइमन स्विंग्गल ने हमारी कलीसिया में भेंट की। उसने मुझे ब्रुकलिन आने और राहत प्रयासों में मदद करने का प्रोत्साहन दिया। ये राहत प्रयास दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद यूरोप में हमारे संगी गवाहों की मदद के लिए किए जा रहे थे। सो मार्च १९४८ में मैं ब्रुकलिन गयी।

नयी कलीसिया में आनन्दित वर्ष

मुझे मेरी नयी कलीसिया, ब्रुकलिन सेंटर में नियुक्‍त किया गया। प्रथम विश्‍व युद्ध से पहले यह न्यू यॉर्क शहर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सबसे पहली कलीसिया बनी थी, हालाँकि उस समय इसका नाम फ़र्क था। उस समय, यह ब्रुकलिन हाइटस्‌ क्षेत्र में स्थित थी। लेकिन जब मैं १९४८ में ब्रुकलिन सेंटर में आयी, यह ब्रुकलिन में ५वें एवन्यू और ८वीं सड़क पर थी। लगभग ३० वर्षों तक वह किराए की जगह हमारा सभा स्थान था, जब तक कि वहाँ से थोड़ी दूरी पर एक नया सभागृह नहीं ख़रीद लिया गया।

मैं ब्रुकलिन में हेनरी स्ट्रीट पर प्रचार कार्य में अपना पहला दिन कभी नहीं भूलूँगी। एक छोटे से नगर में गवाही देने से यह काफ़ी फ़र्क था। लेकिन जल्द ही मुझे एक जवान स्त्री मिली जिसने बाइबल साहित्य स्वीकार किया और एक गृह बाइबल अध्ययन के लिए सहमत हो गयी। कुछ समय बाद वह और उसके दो बच्चे यहोवा के समर्पित गवाह बन गए। उसका बेटा, आर्थर आइनोनी अभी ब्रुकलिन बेथेल में अपनी पत्नी लिन्डा, और बेटे तथा बहू के साथ सेवा कर रहा है।

कलीसिया का क्षेत्र जहाँ हम प्रचार करते थे बड़ा और फलवन्त था। यहोवा की मदद से मैं ने अपने अनेक बाइबल विद्यार्थियों को सत्य सीखते और बपतिस्मा लेते देखा। आज तक उनमें से कुछ इस देश में पूर्ण-समय के सेवकों के रूप में सेवा कर रहे हैं। अन्य लोग दूर देशों में मिशनरी हैं। कुछ लोग कलीसियाओं में प्राचीन बन गए। और अन्य अनेक लोगों ने परमेश्‍वर के राज्य के सुसमाचार के वफ़ादार उद्‌घोषकों के रूप में अन्य हैसियतों में सेवा की है।

वृद्धि आश्‍चर्यजनक थी। जहाँ शुरूआत में न्यू यॉर्क शहर और आस-पास के क्षेत्र के लिए सिर्फ़ एक कलीसिया थी, वहाँ अब सिर्फ़ न्यू यॉर्क शहर में ही लगभग ४०० कलीसियाएँ हैं। इस वृद्धि में मैंने जो भाग लिया उसकी मेरे पास कितनी ही प्रिय यादें हैं!

फ्रांसीसी-भाषी दिलचस्पी पुष्पित होती है

दशक १९६० में, हमें कलीसिया के क्षेत्र में अनेक फ्रांसीसी-भाषी लोग मिलना शुरू हो गए जो हैटी से आए थे। अधिकांश लोग थोड़ी अंग्रेज़ी बोलते थे या अंग्रेज़ी बोलते ही नहीं थे। यह एक चुनौती थी। बाइबल के बारे में ज़्यादा सीखने में हम किस प्रकार उनकी मदद कर सकते थे? मैं फ्रांसीसी नहीं बोलती थी, लेकिन एक हाथ में एक मूल बाइबल पाठ्य-पुस्तक की अंग्रेज़ी प्रति पकड़े और दूसरे हाथ में उसी पुस्तक के फ्रांसीसी अनुवाद के साथ, मैं बाइबल अध्ययन संचालित करने में समर्थ हुई।

लेकिन, आध्यात्मिक रूप से बढ़ने में इन लोगों की मदद करने के लिए फ्रांसीसी में कोई सभाएँ नहीं थीं। इसी कारण कोई गवाह मिशनरी जो ब्रुकलिन भेंट करता और फ्रांसीसी बोलना जानता, उसे तुरंत मदद करने के लिए कहा जाता। हमारी मदद के लिए आनेवाले पहले लोगों में से एक था नीकोला ब्रीज़ार, जो ग्वाडेलूप में शाखा कमेटी का समन्वयक है। उसने फ्रांसीसी में हमारा पहला जन भाषण बहन बरथा ल्वीडोन के घर पर दिया, जो अभी-भी वफ़ादारी से यहोवा की सेवा कर रही है। सत्ताइस व्यक्‍ति उपस्थित थे।

फिर भी, उस समय स्पैनिश के अलावा, न्यू यॉर्क शहर में कोई विदेशी-भाषा कलीसियाएँ नहीं थीं। तो एक औपचारिक फ्रांसीसी-भाषी कलीसिया को स्थापित करने के विचार की कल्पना करना भी कठिन था। वास्तव में, एक सफ़री अध्यक्ष ने जब हमें बताया कि उस समय नीति यह थी कि इस देश में रहने वाले लोगों को अंग्रेज़ी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, तो स्थिति और भी धुँधली प्रतीत हुई।

भाई फ्रेड डब्ल्यू. फ्रान्ज़, जो बाद में वॉच टावर सोसाइटी का अध्यक्ष बना, प्रोत्साहन का एक स्रोत था। उसने कहा: “मेरी, यदि यह यहोवा की इच्छा है, तो एक फ्रांसीसी कलीसिया बनेगी।” ब्रुकलिन सेंटर कलीसिया का प्रिसाइडिंग ओवरसियर, भाई हैरी पलॉइअन भी प्रोत्साहक था। उसने कहा कि जिन शामों को राज्यगृह प्रयोग में नहीं होता था, उस समय जब भी कोई फ्रांसीसी-भाषी भेंटकर्ता आए तो हम अनौपचारिक कलीसिया पुस्तक अध्ययन और जन भाषण कर सकते थे।

इस समय तक हमारे पास हैटी से आए कई बपतिस्मा-प्राप्त भाई थे, लेकिन फिर भी कोई इतना अनुभवी नहीं था कि फ्रांसीसी भाषा में संगठनात्मक नेतृत्व ले सके। फिर, भाई तिमोथी गालफ़स को हमारी स्थिति के बारे में पता चला। भाई गालफ़स ने फ्रांस में शिक्षा प्राप्त की थी और अब ब्रुकलिन बेथेल परिवार का सदस्य था। हर शनिवार बेथेल में काम करने के बाद वह बाहर आता और हम हैटी के भाई-बहनों की तलाश करते, जो यहाँ रहते थे लेकिन नहीं जानते थे कि कहाँ संगति करें।

जल्द ही हमारे साथ ४० व्यक्‍ति संगति कर रहे थे। हम ने अपने सर्किट ओवरसियर से संस्था को लिखने को कहा कि हमें फ्रांसीसी में औपचारिक कलीसिया पुस्तक अध्ययन के लिए स्वीकृति दी जाए। और जब हमें स्वीकृति मिल गयी तो हम कितने ख्प्ताश हुए! बाद में हमें नियमित जन भाषण और साप्ताहिक प्रहरीदुर्ग अध्ययन के लिए भी अनुमति मिल गयी।

पहली फ्रांसीसी कलीसिया

दिसम्बर १, १९६७ में हमें अमरीका में पहली, एक फ्रांसीसी-भाषी कलीसिया स्थापित करने की स्वीकृति मिल गयी। यह कलीसिया ब्रुकलिन सेंटर और प्रॉस्पेक्ट कलीसियाओं का राज्यगृह प्रयोग करती। हम अति प्रसन्‍न थे! हम जानते थे कि सभी लोग उस भाषा में ज़्यादा आध्यात्मिक उन्‍नति करेंगे जिसे वे समझते थे। हमारी वृद्धि की पीड़ाओं के उन वर्षों के दौरान हैरी पलॉइअन, जॉर्ज हेडैड, और कार्लोस क्वीलस जैसे भाइयों के समर्थन का बहुत मूल्यांकन किया गया। ये भाई ब्रुकलिन सेंटर सेवा कमिटी के सदस्य थे।

हम जल्दी से बढ़ गए। जल्द ही नयी फ्रांसीसी कलीसियाएँ मैनहैटन, क्वीनस्‌, और नाइएक, न्यू यॉर्क में बनायी गयीं। इस विस्तार में ब्रुकलिन बेथेल के जेफ़ केल्टस्‌ और टॉम सिसल ने मदद की। भाई केल्टस्‌ हमारा सर्किट ओवरसियर था, और भाई सिसल ने हमारे ज़िला अधिवेशन कमेटी के सदस्य के रूप में सेवा की। अन्य लोगों ने भी मदद की, जैसे कि वे मिशनरी जिनको स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन देशों से अमरीका लौटना पड़ा, जहाँ की भाषा फ्रांसीसी थी। उनकी सहायता कितनी उपयोगी साबित हुई! उन में से एक है स्टैन्ली बोगस, जो प्रिसाइडिंग ओवरसियर और एवज़ी सर्किट ओवरसियर के रूप में सेवा करता है।

पाँचवे एवन्यू और ८वीं सड़क पर उस छोटे-से फ्रांसीसी समूह को दर्जनों कलीसियाओं और दो सर्किटों में बढ़ते देखना कितना आनन्दप्रद समय रहा है! वास्तव में, फ्रांसीसी में हमारा पहला सर्किट सम्मेलन अप्रैल १९७० में हुआ। उस समय वॉच टावर सोसाइटी के अध्यक्ष, भाई नेथन एच. नॉर ने शुक्रवार की रात हमें सम्बोधित किया और शुभकामनाएँ दीं। उस वर्ष गर्मियों में न्यू जर्सी, जर्सी शहर के रूज़वेल्ट स्टेडियम के खुले हिस्से में हमारा पहला ज़िला अधिवेशन भी आयोजित किया गया। गर्मी थी और धूल उड़ रही थी, लेकिन २०० से अधिक उपस्थित लोगों ने पूरे कार्यक्रम को फ्रांसीसी में सुनने का आनन्द लिया। कार्यक्रम में फ्रांसीसी भाषा में नाटक भी सम्मिलित था।

यह भी प्रसन्‍नता की बात थी जब, १९८६ में हमें अपने ज़िला अधिवेशन के लिए यहोवा के गवाहों का जर्सी शहर सम्मेलन गृह प्रयोग करने की अनुमति मिली। पिछले वर्ष एक फ्रांसीसी अधिवेशन में ४,५०६ लोग उपस्थित हुए, और १०१ लोगों ने बपतिस्मा लिया। उसी समय, फ्लॉरिडा में एक और फ्रांसीसी अधिवेशन आयोजित किया गया था।

वफ़ादार कमरा-साथी

मेरे जीवन का एक और सुखद हिस्सा रहा है ब्रुकलिन में एक ही मकान में दूसरी बहनों के साथ रहना, जो पूर्ण-समय की सेवा में थीं। पहली दो (रोज़ लूईस पलॉइअन और मैडलन मरडक वाइल्डमैन) बेथेल चली गयीं। बाद में दो और (लाइला रॉजर्स्‌ मॉलहान और मार्ग्रेट स्टेल्मा) भी बेथेल परिवार की सदस्या बन गयीं। दो और (बार्बरा रपास्की फ़ोर्बज्‌ और वर्जीनिया बुरिस बेल्टरामेली) वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ़ गिलियड गयीं और अभी-भी क्रमशः ग्वाटेमाला और युरुग्वे में सेवा कर रही हैं।

हम बहनें अपना दिन शुरू करने के लिए समय निकालकर हमेशा एक शास्त्रवचन पाठ पर चर्चा करती थीं। फिर हम अपने लौकिक कार्य और सेवकाई में जाती थीं। हम रात को थकी और भूखी लेकिन ख्प्ताश लौटतीं! हमारे पास बाँटने के लिए अनेक प्रोत्साहक अनुभव होते! उदाहरण के लिए, एक बार की बात है, मैं एक जवान स्त्री, एलीज़ा बोमॉन फ़रीना के साथ अध्ययन करती थी। वह आग्रह करती थी कि उसका अध्ययन रात १०:०० बजे हो। उसने तेज़ प्रगति की। जब पहली बार मैं उसे सेवकाई में ले गयी तो उसने कहा: “यह मत सोचिए कि मैं यह सब हमेशा करूँगी!” लेकिन वह एक पूर्ण-समय की सेविका बनी, बाद में गिलियड स्कूल में भाग लिया और कई वर्षों तक इक्वेडोर में सेवा की। वह अभी-भी ट्रेनटन, न्यू जर्सी में पूर्ण-समय सेवा कर रही है।

मेरी कुछ कमरा-साथियों ने बच्चों का पालन-पोषण किया है और वे भी यहोवा का मूल्यांकन और सेवा करते हैं। पिछले वर्ष मेरी एक भूतपूर्व कमरा-साथी (वर्जीनिया हेनडी रॉबर्टसन) की बेटी (जोडी रॉबर्टसन साकीमा) का विवाह हुआ और अभी वह अपने पति के साथ ब्रुकलिन बेथेल में सेवा कर रही है।

मेरी २० से ज़्यादा कमरा-साथी रही हैं, और मैं यह कहने में ख्प्ताश हूँ कि सभी यहोवा के प्रति वफ़ादार रहीं, और उनमें से अनेक अभी तक पूर्ण-समय की सेवा में हैं।

हमारे विश्‍वव्यापी परिवार का आनन्द लेना

दूसरे देशों के अनेक गवाहों से परिचित होना भी मेरे लिए एक आनन्द का स्रोत रहा है। उदाहरण के लिए, चूँकि हम संस्था के मुख्यालय के पास रहते थे, हमारे पास गिलियड मिशनरी स्कूल में भाग ले रहे विद्यार्थियों के साथ संगति करने का विशेषाधिकार था। यह स्कूल उस समय ब्रुकलिन बेथेल में स्थित था।

दो विद्यार्थी, गूनटर बुशबेक, जो अभी ऑस्ट्रिया शाखा में सेवा कर रहा है, और विली कोन्सटानटी, जो जर्मनी शाखा में सेवा कर रहा है, गिलियड में भाग लेते समय ब्रुकलिन सेंटर कलीसिया में नियुक्‍त किए गए थे। वे क्या ही प्रोत्साहन के स्रोत थे! उनका मेरी कमरा-साथियों पर इतना सकारात्मक प्रभाव पड़ा कि जल्द ही वे भी गिलियड सेवा के बारे में सोचने लगीं।

कई बार अन्य देशों में यात्रा करने से मुझे हमारे विश्‍वव्यापी परिवार के साथ मित्रता बढ़ाने का विशेषाधिकार मिला है। मैं अंतरराष्ट्रीय अधिवेशनों में उपस्थित हुई हूँ और फिर से उन अनेक गिलियड स्नातकों से उनकी नियुक्‍तियों में मिली हूँ, जिन्हें मैं पहले से जानती थी।

एक भरपूर जीवन

अपने जीवन पर पुनर्विचार करने से, मैं कह सकती हूँ कि मेरा जीवन शानदार रहा है—आशिषों से भरा एक ख्प्ताशहाल जीवन। जबकि मुझे अनेक सामान्य समस्याएँ हुई हैं जो इस रीति-व्यवस्था में सामान्य हैं, किसी बात ने मुझे अपने बीते समय पर पछताने या पूर्ण-समय की सेवा के बहुमोल विशेषाधिकार को छोड़ने के लिए प्रेरित नहीं किया।

एक छोटी उम्र में मेरी माँ ने मेरे अन्दर भजन १२६:५, ६ के शब्द बिठा दिए: “जो आंसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएंगे। चाहे बोनेवाला बीज लेकर रोता हुआ चला जाए, परन्तु वह फिर पूलियां लिए जयजयकार करता हुआ निश्‍चय लौट आएगा।” यह शास्त्रवचन अभी-भी मेरे लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। चाहे समस्याएँ जो भी थीं, उनको पार करने के लिए रास्ता ढूँढने में और उस आनन्द को बनाए रखने में यहोवा ने मेरी मदद की।

मेरा जीवन एक ऐसा जीवन है जिसे मैं बदलना नहीं चाहूँगी। पूर्ण-समय की सेवकाई में यहोवा को कुछ ५३ वर्ष देने में मुझे कोई खेद नहीं है। मैं अनन्तकाल तक उसके नए संसार में उसकी सेवा करते रहने की उत्सुकता से आशा करती हूँ।—मेरी केंडल द्वारा बताया गया.

[पेज 23 पर तसवीर]

मेरी केंडल

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