पर्वत सृष्टि की उत्कृष्ट रचनाएँ
ऐंडीज़, कैस्केड, हिमालय, राकी, आल्पस, और यूरल पर्वत—पृथ्वी ग्रह के पर्वतों में से मात्र कुछ ही पर्वत हैं। इन पर्वतों का विशाल आकार आपको अभिभूत कर सकता है।
एवरेस्ट पर्वत के सामने खड़े होने की कल्पना कीजिए। यह ऊँचाई में पृथ्वी का शो-पीस है, ८,८४८ मीटर—नौ किलोमीटर ऊँचा स्मारक! और यह एक शिखर वैभवशाली हिमालय पर्वतों का मात्र एक छोटा भाग है। हिमालय पर्वतमाला में सत्तर से भी अधिक शिखर हैं, और प्रत्येक शिखर की ऊँचाई चकरानेवाली ६,४०० मीटर है। यह पर्वतमाला यूरोप के आल्पस पर्वतों से आकार में दुगुनी है!
अनोखे जीव-मंडल
अधिकांश पर्वतों के विभिन्न जीव-मंडल, या वातावरण होते हैं, ज़्यादातर इसलिए कि हर ३०० मीटर की ऊँचाई पर तापमान क़रीब-क़रीब १.८ डिग्री सेल्सियस गिरता है। वर्षा, मिट्टी, और हवा में भिन्नताएँ भी प्रत्येक मंडल को अनोखा बनाती हैं।
ऐसे भिन्न वातावरणों का एक उदाहरण एरीज़ोना, अमरीका में सैन फ्रैंसिस्को शिखर हैं। उस राज्य में वे सबसे ऊँचे पर्वत हैं। यदि आप कोकोनीनो पठार पर पर्वतों के तल से शुरू करें, और सैन फ्रैंसिस्को शिखर के किसी पर्वत पर चढ़ें, तो आप एक पारिस्थितिक समुदाय को देखेंगे जिसमें रेगिस्तानी वातावरण की छिपकलियाँ और कैक्टस सम्मिलित हैं। धीरे-धीरे आप ज़्यादा ठंडे जीव-मंडलों में प्रवेश करेंगे, जो बारहसिंगों और स्प्रूस वृक्षों का घर हैं। आख़िरकार आप पर्वत की ठंडी-पर्वतीय परिस्थितियों में प्रवेश करेंगे। मात्र इस एक चढ़ाव में, आपको जीवन के क़िस्मों और वातावरणों की वही भिन्नता मिलती है जो अन्यथा सिर्फ़ तभी पायी जा सकती है जब आप भीतरी प्रदेश में समुद्र तल के निकट मैक्सिको से कनाडा तक यात्रा करते!
क्या आपने पर्वतों की स्फूर्तिदायक, ताज़ी हवा में साँस लेने की आनन्ददायक अनुभूति का अनुभव किया है? हवा का कम तापमान इस अनुभूति के लिए एक स्पष्टीकरण है। लेकिन जहाँ आस-पास कोई शहर नहीं हैं, वहाँ पर्वतीय हवा ज़्यादा साफ़ और ज़्यादा शुद्ध भी हो सकती है। हवा के प्रत्येक त्रिघात सेंटीमीटर में, २,००० मीटर की ऊँचाई पर शायद धूल, पराग, इत्यादि के मात्र २,५०० छोटे कण हों। उसकी तुलना बड़े शहरों की हवा से कीजिए, जहाँ हवा की उतनी ही मात्रा में लगभग १,५०,००० कण पाए जा सकते हैं! यह समझाता है कि क्यों आधुनिक वेधशालाएँ अकसर पर्वतों पर बनायी जाती हैं जहाँ साफ़, शुष्क हवा खगोलीय प्रेक्षण के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रदान करती है।
निश्चय ही, पर्वत ज़्यादा ऊँचाई पर इतने सत्कारशील नहीं होते जहाँ वायुमण्डलीय दबाव और ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है, सूर्य की विकिरण बढ़ जाती है, और तूफ़ानी हवाएँ तापमान को कम कर देती हैं। आश्चर्य की बात है कि ऐसी परिस्थितियों में भी, कुछ जीवन दृढ़तापूर्वक फिर भी फलता-फूलता है। उदाहरण के लिए, छोटे-से साल्टीसिड, या उछलने वाले मकड़े पर विचार कीजिए। यह पर्वतीय निवासी हिमालयों में ६,००० मीटर से भी अधिक की ऊँचाई में रहकर अपने वातावरण के लिए अनुकूल है! यह प्राणी कैसे जीवित रहता है यह वैज्ञानिकों के लिए पूर्णतया स्पष्ट नहीं है।
मनुष्य पर प्रभाव
पर्वत सारी मानवजाति पर प्रभाव करते हैं। उदाहरण के लिए, संसार के नक़्शे पर एक नज़र डालिए। ध्यान दीजिए कि कैसे पिरेनीज़ पर्वत, जिसके शिखर ३,००० मीटर से अधिक की ऊँचाई के हैं, स्पेन को फ्राँस और अन्य सारे यूरोप से अलग करते हैं। समान रूप से आप देखेंगे कि अनेक अन्य राजनीतिक सीमाएँ विशालकाय पर्वतमालाओं के साथ-साथ निकाली हुई हैं। इन अचल अवरोधों ने भिन्न-भिन्न भाषाओं और रिवाज़ों के लोगों के बीच यात्रा और व्यापार को सीमित कर दिया है। इसलिए, जिस देश में आप रहते हैं उसकी आकृति और आकार पर, आपकी भाषा पर, और आपके देश के रिवाज़ों पर पर्वतों की मौजूदगी ने संभवतः रूपांतरकारी प्रभाव डाला है।
ऊँचे पर्वत हवाओं के प्रवाह को भी रोक देते हैं। इससे वर्षा, हिम, वायु और तापमान के चक्रों पर प्रभाव हो सकता है। और बदले में, जिस विभिन्न प्रकार के भोजन का मज़ा आप उठाते हैं, जिस प्रकार के कपड़े आप पहनते हैं, और शायद आपके घर की संरचनात्मक बनावट को यह प्रभावित करता है।
उदाहरण के लिए, कुनलुन, तीअन शान, हिंदू कुश, हिमालय, और केन्द्रीय एशिया में पूर्व से पश्चिम तक फैली अन्य पर्वतमालाएँ। ये पर्वतमालाएँ साइबीरिया से आनेवाली सर्द, शुष्क हवाओं को रोकती हैं और हिंद महासागर से चलनेवाली गर्म, नम हवाओं को रोकती हैं। इस प्रकार, इन पर्वतों के उत्तर में, इन पर्वतों के दक्षिण से बिल्कुल ही भिन्न मौसम होता है, और ये लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करता है।
एक संकटग्रस्त वातावरण?
यह आश्चर्यजनक बात है कि पर्वतों की सुन्दरता और गौरव को मानव बिगाड़ रहा है। बनबिलाव और भालू जो कभी आल्पस पर्वतों पर घूमते थे, अनियंत्रित शिकार के कारण ग़ायब हो चुके हैं। वन कटाई के परिणामस्वरूप अनेक ढलानों से बहुमूल्य ऊपरी मिट्टी बह गयी है। औद्योगिक प्रदूषण और अत्यधिक पर्यटन भी कुछ पर्वतीय क्षेत्रों के नाज्प्ताक पारिस्थितिक संतुलन पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाल रहे हैं।
यह ख्प्ताशी की बात है कि पर्वत पृथ्वी के परिदृश्य की एक स्थायी विशिष्टता हैं। (उत्पत्ति ४९:२६ से तुलना कीजिए।) यह तथ्य उल्लेखनीय है कि बाइबल आनेवाली नए संसार सरकार की समानता एक पर्वत से करती है। इस पृथ्वी को भरकर, यह पर्वत-समान सरकार इस ग्रह को पहुँचायी गयी किसी भी हानि को दुरुस्त करेगी। (दानिय्येल २:३५, ४४, ४५) इस तरह हमें यह आश्वासन है कि हम सृष्टि की इन उत्कृष्ट रचनाओं का सर्वदा के लिए आनन्द उठा सकेंगे।
[पेज 17, 18 पर तसवीरें]
फ्रांस में ब्लांक पर्वत, ४,८१० मीटर ऊँचा
[चित्र का श्रेय]
M. Thonig/H. Armstrong Roberts
[पेज 19 पर तसवीरें]
जापान में फूजी पर्वत, ३,७७८ मीटर ऊँचा
[चित्र का श्रेय]
A. Tovy/H. Armstrong Roberts