मगरमच्छ पर क़रीब से एक नज़र
केन्या में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
जब एक अमरीकी पर्यटक मारा नदी के पास उत्सुकता से दरियाई घोड़ों के फ़ोटो खींच रहा था, तब वह कुछ पत्थरों पर फिसला और अंदर गिर पड़ा। इस बात से चमड़े जैसे पशु, एक मगरमच्छ का ध्यान आकर्षित हुआ जो उस समय धूप-स्नान कर रहा था। यद्यपि यह सरीसृप आम तौर से मछली खाता है, इस स्वादिष्ट निवाले का दृश्य बहुत ही प्रलोभक था जिसका विरोध वह नहीं कर सका। जाँच करने के लिए वह तुरंत पानी के अन्दर चला गया। ख़ुशी की बात है कि पर्यटक ने मगरमच्छ को आते हुए देख लिया और नदी से बाहर आ गया—इतनी जल्दी ऐसा लगा मानो वह पानी पर चल रहा है!
अफ्रीका की नदियों, झीलों और दलदल को देखने के लिए आनेवालों को अकसर मगरमच्छ देखने को मिलते हैं, हालाँकि ऊपर बताए पर्यटक के लिए यह मुलाक़ात शायद कुछ ज़्यादा ही क़रीब से थी। केन्या नाईल मगरमच्छ का घर है। स्थानीय स्वाहिली भाषा में उसे माम्बा के नाम से जाना जाता है। लंबाई में ७ मीटर तक, मगरमच्छ ऐसे सरीसृप हैं जो ज़मीन पर और पानी में समान रूप से फुर्तीले हैं। अपनी चपटी, चप्पू-समान आकार की पूँछ के कारण वे पानी में बहुत रफ़्तार से तैर सकते हैं। वे ४० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तैर सकते हैं! और उनके लिए दो, यहाँ तक कि तीन घंटे भी पानी के नीचे रहना असामान्य बात नहीं है। ज़मीन पर वे थोड़ी दूरी तक लपककर तेज़ दौड़ सकते हैं।
तो फिर, इसमें आश्चर्य नहीं कि बाइबल, लिब्यातान नामक परमेश्वर की भय-प्रेरक सृष्टि के उदाहरण के तौर पर प्रत्यक्षतः मगरमच्छ का उल्लेख करती है। अय्यूब ४१:८, १० कहता है: “तू [लिब्यातान] पर अपना हाथ ही धरे, तो लड़ाई को कभी न भूलेगा, और भविष्य में कभी ऐसा न करेगा। . . . कोई ऐसा साहसी नहीं, जो उसको भड़काए।” बहुत ही विवेकपूर्ण चेतावनी! मॉरीस रिचर्डसन की किताब सरीसृप का आकर्षण (अंग्रेज़ी) के अनुसार, मगरमच्छ इंजनवाली नावों पर आक्रमण करने के लिए भी जाने जाते हैं! अय्यूब ४१:२५ उचित रूप से कहता है: “जब वह उठने लगता है, तब सामर्थी भी डर जाते हैं, और डर के मारे उनकी सुध बुध लोप हो जाती है।”
इस शल्की पशु को देखते ही लोग क्यों डर के मारे भाग निकलते हैं? आयत १४ इसका एक कारण बताती है: “उसके मुख के दोनों किवाड़ कौन खोल सकता है? उसके दांत चारों ओर से डरावने हैं।” मगरमच्छ के ऊपरी और निचले, दोनों जबड़ों पर विभिन्न आकार के लगभग २४ दाँत होते हैं, और यह सभी उसके जीवनकाल के दौरान निरन्तर रूप से प्रतिस्थापित होते रहते हैं। दिलचस्पी की बात है कि मगरमच्छ के निचले जबड़े का चौथा दाँत ऊपरी जबड़े के बाहर एक खाँचे में ठीक बैठता है और जब जबड़े बन्द होते हैं तब वह आसानी से नज़र आ सकता है। यह उसके और उसके भाई, घड़ियाल के बीच में भेद करने में मदद करता है। समस्या यह है कि यदि आप दाँतों का यह छोटा परीक्षण करते-करते कुछ ज़्यादा ही क़रीब चले गए, तो आप शायद अपने आपको मगरमच्छ के सारे दाँतों की परीक्षा उसके अंदर से करते हुए पाएँ!
इसलिए शायद आप एक सुरक्षित अनुकूल स्थान से मगरमच्छ पर क़रीब से एक नज़र डालना पसंद करें, और केन्या में ऐसे अनेक स्थान हैं जहाँ आप ऐसा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मोमबासा में माम्बा गाँव एक ऐसी जगह है जहाँ मगरमच्छ बंदी-स्थिति में पाले जाते हैं।
आप पूछेंगे, ‘लेकिन क्यों कोई मगरमच्छ पालना चाहेगा?’ एक कारण है उन्हें विलुप्ति से बचाने के लिए। जंगलों में, जीवन के पहले वर्ष में मगरमच्छों की मृत्यु दर ९९-प्रतिशत होती है। ऐसा प्रतीत होता है कि मॉनिटर छिपकली, माराबो लग-लग और यहाँ तक कि कुछ लोग भी मगरमच्छ के अंडों और छोटे बच्चों को खाना पसंद करते हैं। लेकिन, एक मगरमच्छ जिसकी मगरमच्छ फ़ार्म में अच्छी तरह देखभाल की जाती है, उसकी मृत्यु दर १० प्रतिशत से कम हो जाती है। एक वर्ष के अंदर, छोटे मगरमच्छ १.५ मीटर की लंबाई प्राप्त कर लेते हैं—निश्चय ही वे इतने बड़े होते हैं कि अधिकांश ख़तरों को टाल सकें। जंगलों में इसी लंबाई को प्राप्त करने के लिए छोटे मगरमच्छों को क़रीब तीन साल लग सकते हैं।
मगरमच्छ फ़ार्म इन प्राणियों को वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए भी पालते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में, आपको मगरमच्छ के पेट की नर्म खाल से बने जूते, बेल्ट, हैंडबैग और फ़ैशन की अन्य वस्तुएँ मिल सकती हैं। माम्बा गाँव से हर वर्ष लगभग २,००० चमड़े अन्य देशों, जैसे कि इटली और फ्रांस को चर्म-शोधन के लिए निर्यात किए जाते हैं। इस जानवर के बाक़ी के भाग का क्या होता है? केन्या में, मगरमच्छ का गोश्त पर्यटन उद्योग में एक अनोखे व्यंजन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
अक्तूबर से अप्रैल तक मगरमच्छ के प्रजनन का मौसम है। जंगल में एक मादा २० से ८० अंडे देगी। उसी समय में, जो मादाएँ बंदी-स्थिति में हैं वे विभिन्न तालाबों के प्रजनन क्षेत्रों में लगभग ३६ अंडे देंगी। उसके बाद अंडों को इकट्ठा किया जाता है और सेने के लिए इनक्युबेटर में डाला जाता है। इसे क़रीब तीन महीने लगते हैं।
माम्बा गाँव इन आकर्षक प्राणियों को सुरक्षित रीति से देखने का एक बढ़िया मौक़ा प्रदान करता है। यह २०-एकड़ की खदान में स्थित है जिसे पुनःअभिकल्पित किया गया है ताकि एक मगरमच्छ फ़ार्म, बोटानिकल गार्डन, मरीन अक्वेरियम और मनोरंजन के स्थान का काम दे। ये १०,००० से अधिक सरीसृप यहाँ रहते हैं। निश्चय ही आप सभी को नहीं देखेंगे। लेकिन दो प्रजनन स्थानों में, आप सौ से भी अधिक वयस्क मगरमच्छ देख सकते हैं और दूसरे क्षेत्रों में सैकड़ों ऐसे युवा मगरमच्छ हैं जो बड़े होने के सभी चरणों में हैं।
भोजन के समय मगरमच्छ प्रभावशाली प्रदर्शन करते हैं। कुछ तो तालाब पर लटकते हुए गोश्त तक पहुँचने के लिए पानी से बाहर भी उछलते हैं। यहाँ आप ‘बड़े पापा’ नामक कुख्यात मगरमच्छ को देख सकते हैं जिसने ताना नदी के क्षेत्र के लोगों को आतंकित कर रखा था, और पकड़े जाने तथा फ़ार्म पर लाए जाने से पहले कम-से-कम पाँच लोगों को मार चुका था। यदि मगरमच्छों को आमने-सामने देखने से आप घबरा जाते हैं, तो आप विडियो थिएटर में उनको अच्छी तरह देख सकते हैं।
मगरमच्छ को क़रीब से देखना आपको शायद मोहित करे या डरा दे। लेकिन आप इस बात को बेहतर समझ सकेंगे कि बाइबल अय्यूब ४१:३४ (NW) में क्यों कहती है: “सब प्रतापी जंगली पशुओं पर वह राजा है।”
[पेज 17 पर तसवीर]
दाएँ: माम्बा गाँव का ऊपर से दृश्य
[पेज 17 पर तसवीर]
दूर दाएँ: भोजन के समय गोश्त पाने के लिए पानी से बाहर उछलता हुआ एक मगरमच्छ