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  • हानिकर बचकाना बोली
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    सजग होइए!–1999
सजग होइए!–1997
g97 5/8 पेज 28-29

विश्‍व-दर्शन

बच्चे का लिंग पूर्व-निर्धारित करना

पॉप्युलर साइंस (अंग्रेज़ी) पत्रिका के अनुसार, “अब पिता के शुक्राणु को छाँटने के द्वारा बच्चे का लिंग पूर्व-निर्धारित करना संभव है, क्योंकि शुक्राणु प्रकार लिंग निर्धारित करता है।” पहले, शुक्राणु पर एक प्रतिदीप्तिशील डाइ लगायी जाती है। फिर, X (स्त्रीलिंगी) शुक्राणु और Y (पुलिंगी) शुक्राणु की पहचान करने के लिए लेज़र किरण का प्रयोग किया जाता है। कंप्यूटर भिन्‍नता को नोट करता है, और एक प्रयोगशाला उपकरण, जो सामान्यतः ‘खून की जाँच के लिए प्रयोग किया जाता है, X शुक्राणु को पॉज़िटिव विद्युत चार्ज देता है और Y शुक्राणु को नॆगॆटिव चार्ज देता है। फिर शुक्राणु को आकर्षित करने के लिए विपरीत विद्युत चार्ज के टर्मिनलों का प्रयोग करके उन्हें छाँटा जाता है।’ उस वैज्ञानिक के अनुसार जिसने यह तकनीक मूलतः पशु उद्योग के लिए निकाली थी, यह छँटाई क़रीब ९० प्रतिशत सही है। उसके बाद, चुने हुए शुक्राणु का अण्डाणु को निषेचित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, और “फिर इच्छित लिंग के भ्रूण को गर्भ में डाल दिया जाता है।” लेकिन, अब तक इस प्रक्रिया से केवल एक मानव बच्चे का जन्म हुआ है।

हानिकर बचकाना बोली

बच्चों का शुरू-शुरू में बात करने की कोशिश करना अकसर बड़ा प्यारा लगता है, और बहुत-से माता-पिता ख़ुद भी बचकाना बोली बोलकर स्नेह से प्रतिक्रिया दिखाते हैं। लेकिन, यह बच्चों के वाक्‌ विकास को जोख़िम में डाल सकता है, ब्राज़िल की वाक्‌ विशेषज्ञ इलिएनी रेजीना कारास्कू वेज़ा पत्रिका में लिखती है। जब माता-पिता बच्चे के ग़लत उच्चारण को दोहराते हैं, तब यह “उस नमूने को बढ़ावा देता है जो सही नहीं है,” कारास्कू कहती है। उसका कहना है कि यह वाक्‌ समस्याएँ उत्पन्‍न कर सकता है। यह बच्चे के सामाजिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है, वह आगे कहती है। “प्रायः, ऐसे बच्चे एकाकी, डरपोक, और असुरक्षित हो जाते हैं, और ऐसी स्थितियों से बचते हैं जिनमें उनका [उपहास] हो सकता है।” छोटे बच्चों का शब्दों को ठीक से न बोल पाना सामान्य है, और उन्हें हर समय सुधारते रहने की ज़रूरत नहीं, कारास्कू बताती है। लेकिन उनके साथ सही तरह बात करना और यह याद रखना महत्त्वपूर्ण है कि “वे अक्लमंद हैं और उनमें सीखने की क्षमता है।”

चीन जल प्रदूषण कम करेगा

“चीन में जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, और जल प्रदूषण कम करना बहुत ज़रूरी हो गया है,” चीन की राष्ट्रीय पर्यावरण बचाव एजॆन्सी का एक प्रवक्‍ता कहता है। इसलिए चीनी सरकार चीन की सबसे प्रदूषित नदियों और झीलों में जल प्रदूषण कम करने के लिए क़दम उठा रही है, चाइना टुडे (अंग्रेज़ी) पत्रिका रिपोर्ट करती है। उदाहरण के लिए, देश की एक बहुत-ही बुरी तरह से प्रदूषित नदी, हुआइ में जानेवाले कचरे को कम करने के लिए सरकार ने “हुआइ घाटी में काग़ज़-बनानेवाली ९९९ छोटी फ़ैक्टरियाँ बंद कर दी हैं।” लगभग १५.४ करोड़ लोग हुआइ घाटी में रहते हैं, जो चीन का एक प्रमुख अनाज- और ऊर्जा-उत्पादन क्षेत्र है।

पठन कार्यक्रम अपराध घटाने में मदद करता है

ब्रैडफ़र्ड, इंग्लैंड में, स्कूली बच्चों की पठन क्षमता सुधारने के लिए बनाया गया एक सरकारी कार्यक्रम बड़ी सफलता पा रहा है, ब्रिटिश समाचार-पत्र दी इंडिपॆंडॆंट (अंग्रेज़ी) रिपोर्ट करता है। इस पठन कार्यक्रम ने न केवल पठन कौशल सुधारने में मदद दी है परंतु इसे अपराध घटाने में मदद करने का श्रेय भी प्राप्त हुआ है! “हमने लोगों के घर में घुसकर चोरी करनेवाले युवाओं की संख्या का स्कूल से नाग़ा करने की दर के साथ सीधा संबंध पाया है,” बेहतर पठन साझा का अध्यक्ष, जॉन वॉटसन कहता है। “यदि बच्चे पढ़ने में समर्थ हैं तो यह अधिक संभव है कि वे स्कूल की बातों में दिलचस्पी लेंगे और कम नाग़ा करेंगे। क्योंकि वे सड़कों पर नहीं होते तो इसकी संभावना कम है कि वे लोगों के घरों में घुसेंगे।”

ओलंपिक-खेल और ग़रीबी

“ओलंपिक-खेलों में कुछ देशों द्वारा जितने पदक जीते गए हैं और जितना पैसा इन खेलों के लिए सुविधाओं और सामूहिक प्रायोजकता पर लगाया गया है वह ग़रीबी मिटाने की विश्‍व की वचनबद्धता के बारे में प्रश्‍न खड़े करता है,” स्विट्‌ज़रलैंड का इएनआइ बुलॆटिन रिपोर्ट करता है। “इसका यह अर्थ नहीं कि हमें उत्कृष्टता का हर्ष नहीं मनाना चाहिए या मानव कौशल और धीरता की अनुपम उपलब्धियों की प्रशंसा नहीं करनी चाहिए,” ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड विज़न एजॆन्सी का ग्रॆग फ़ुट कहता है। “लेकिन,” वह आगे कहता है, “हमें यह पूछना है कि क्या हम संतुलन में हैं जब हम अपने नामी खिलाड़ियों के आहार को सिद्ध करने में इतना पैसा ख़र्च करते हैं जबकि हमारे करोड़ों पड़ोसियों के पास खाने को मुश्‍किल से इतना है कि चल भी पाएँ।” यह अनुमान लगाया जाता है कि उन दो सप्ताहों के दौरान जब ओलंपिक-खेल अटलान्टा में आयोजित किए गए थे, संसार-भर में ४,९०,००० बच्चे भूख और निवार्य रोगों से मरे।

ग़रीबी में बढ़ोतरी

संसार-भर में उन लोगों की संख्या जो अभी अति ग़रीबी—प्रति वर्ष $३७० से कम की आमदनी—में रहते हैं १.३ अरब के क़रीब है, जो कि संसार की जनसंख्या का लगभग एक तिहाई है। इनमें से अधिकतर विकासशील देशों में रहते हैं। ठेठ रूप से, इन लोगों को पर्याप्त भोजन, साफ़ पानी, स्वास्थ्य सेवा, ढंग का घर, शिक्षा, और रोज़गार प्राप्त नहीं है। अधिकतर मामलों में, जिस समाज में वे रहते हैं उसमें उनका महत्त्व नहीं जाना जाता और उनमें अपनी परिस्थितियों को बदलने की शक्‍ति नहीं। संयुक्‍त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार, अति ग़रीबी में रहनेवाले लोगों की संख्या हर साल तक़रीबन २.५ करोड़ के हिसाब से बढ़ रही है।

हर दिन फल खाइए

हर दिन ताज़े फल खाने का संबंध दिल की बीमारी के जोख़िम में कमी के साथ जोड़ा गया है, ब्रिटिश मॆडिकल जरनल (अंग्रेज़ी) में प्रकाशित, ११,००० लोगों पर एक १७-वर्षीय अध्ययन के अनुसार। अध्ययनगत लोगों में से उनके बीच जो हर दिन ताज़े फल खाते थे, दिल के दौरे से हुई मौतें २४ प्रतिशत कम थीं और आघात से हुई मौतें ३२ प्रतिशत कम थीं। उनकी तुलना में जो उतनी नियमितता से फल नहीं खाते थे हर दिन फल खानेवालों के बीच हुई मौतें २१ प्रतिशत कम थीं। जिस आहार में ताज़े फलों की कमी है वह अमुक लोगों में प्रघात और दिल की बीमारी जैसे वाहिका रोगों की बढ़त में योग दे सकता है, ब्रिटिश और स्पैनिश वैज्ञानिकों का एक दल कहता है। अधिकतम स्वास्थ्य लाभ के लिए, अनुसंधायक अब कहते हैं कि हर दिन कम-से-कम पाँच बार सब्ज़ियाँ और फल खाने चाहिए। ब्रिटिश मॆडिकल जरनल के अनुसार, यदि ताज़े फल और सब्ज़ियाँ उपलब्ध नहीं हैं तो हिमीभूत फल और सब्ज़ियाँ वैसे ही लाभ पहुँचा सकते हैं।

जीवन-भर का मित्र

जर्मनी में, १० में से ९ लोग कहते हैं कि उनका एक जीवन-भर का मित्र है, नासऑइशि नोइ प्रॆसि रिपोर्ट करता है। यह बात एक सर्वेक्षण ने प्रकट की जो अनुभवजन्य वैज्ञानिक सामाजिक अनुसंधान संस्था ने किया था। इसमें १६ से ६० साल की उम्र के १,००० से अधिक लोगों से प्रश्‍न किए गए। संचार और ईमानदारी को चिर-कालिक मित्रता के तत्वों में से प्रमुख महत्त्व का समझा गया। लगभग सभी मतदाता सहमत थे कि निष्ठाहीनता और धोखा निश्‍चित ही ऐसी मित्रता का अंत कर देंगे। समाचार-पत्र के अनुसार, “केवल १६ प्रतिशत एक अच्छे मित्र से अपेक्षा करते हैं कि [उन्हें] आपात स्थिति में पैसे उधार दे।” दूसरी ओर, बड़ी संख्या ने कहा कि बीमारी के समय एक मित्र का सहारा मिलना बड़ा महत्त्व रखता है।

धूम्रपान से भी ख़तरनाक?

सांख्यिकी कनाडा के अनुसार, “एक निषादी जीवन-शैली सिगरेट पीने की तुलना में दुगने से अधिक स्वास्थ्य जोख़िम खड़ा करती है,” द मॆडिकल पोस्ट (अंग्रेज़ी) रिपोर्ट करता है। जबकि कुछ सत्तर लाख कनाडावासियों को तंबाकू पीने के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ होने और असमय मृत्यु की संभावना है, १.४ करोड़ से १.७ करोड़ लोग व्यायाम की कमी के फलस्वरूप ऐसे ही स्वास्थ्य जोख़िमों का सामना कर रहे हैं। समय, शक्‍ति, और प्रेरणा की कमी नियमित व्यायाम में बाधा डालनेवाले मुख्य तत्व बताए जाते हैं। इसकी भी संभावना अधिक है कि निषादी लोग अधिक वसा और कम फल तथा सब्ज़ियाँ खाएँगे। “हृदय को अधिकतम लाभ पहुँचाने के लिए वर्तमान लक्ष्य है कि कम-से-कम हर दूसरे दिन मध्यम या अधिक तीव्रता के साथ कम-से-कम ३० मिनट लोगों से व्यायाम करवाएँ,” पोस्ट कहता है।

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