थकान ट्रक-ड्राइवरों के सामने अदृश्य फंदा
जर्मनी में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
कई घंटे ट्रक चलाते-चलाते, इंजन की एकसुरी घर्राहट और सड़क पर १४ पहियों की आवाज़, दोनों मिलकर ट्रक-ड्राइवर के लिए थकान से जूझना मुश्किल कर देते हैं। सड़क पर लगे निशान, हॆडलाइट की रोशनी में चुपचाप गुज़रते जाते हैं। अचानक, ट्रेलर लहराने लगता है; वह सड़क से उतरने लगा है।
फौरन स्टियरिंग व्हील घुमाकर ड्राइवर अपनी ४०-टन की गाड़ी को फिर से सड़क पर लाता है। होश में आने पर वह देखता है कि उसे पिछले कुछ सैकेंड का कुछ याद नहीं। वह थकान का मारा है।a
गाड़ी चलाते समय थकान से जूझते हुए, किसी को भी नींद के झोंके आ सकते हैं। आजकल की भीड़-भरी सड़कों में यह बहुत ख़तरनाक हो सकता है—सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों के लिए भी। मिसाल के तौर पर, दक्षिण अफ्रीका में, जनवरी १९८९ और मार्च १९९४ के बीच भारी वाहनों की सारी दुर्घटनाओं में से ३५ प्रतिशत से ज़्यादा दुर्घटनाएँ, ड्राइवर द्वारा गाड़ी चलाते-चलाते सो जाने के कारण घटीं।
प्रोफेसर जी. श्टॉकर ने, जो ड्राइवरों के व्यवहार पर अनुसंधान करते हैं, जर्मन पत्रिका फॉरशूल में कहा कि बढ़ती हुई थकान उनींदेपन की ओर ले जाती है, और इसका वैसा ही असर होता है जैसा शराब का। इसमें कोई शक नहीं कि उनकी टिप्पणियाँ सब तरह की गाड़ियों के ड्राइवरों के लिए हैं, सिर्फ़ ट्रक के ही नहीं।
थकान की वजह
थकान से संबंधित इतनी सारी दुर्घटनाएँ क्यों होती हैं, जबकि कई देशों में कानून सलाह देता है और तय करता है कि एक ट्रक-ड्राइवर गाड़ी चलाते हुए अधिकतम कितने घंटे बिता सकता है? सबसे पहले, हमें ट्रक-ड्राइवरों के काम करने के कुल घंटों की ओर देखना चाहिए, जिनमें सिर्फ़ गाड़ी चलाने में ही नहीं बल्कि दूसरे काम-काज में लगा समय भी शामिल है। काम के यह घंटे अकसर लंबे और अनियमित होते हैं।
अधिकांश ट्रक-ड्राइवर किसी काम को शुरू से आख़िर तक, खुद ही पूरा करना पसंद करते हैं, जिसका मतलब है ग्राहक को कैसे भी मौसम में माल पहुँचाना। कार्य क्षमता को, तय की गई दूरी और पहुँचाए गए माल से नापा जाता है। काम के घंटे औसत से भी ज़्यादा हो सकते हैं। जर्मनी में अधिकांश लोग सप्ताह में ४० घंटों से कम काम करते हैं, लेकिन बहुत से ट्रक-ड्राइवर इसके दोगुने से भी ज़्यादा काम कर जाते हैं।
दूसरे देशों में भी ऐसे ही हालात हैं। दक्षिण अफ्रीका में तनख़ाह कम है, सो ड्राइवर अपनी कमाई में इज़ाफे के लिए ज़्यादा समय गाड़ी चलाते हैं। भारत से रिपोर्टें संकेत देती हैं कि हालाँकि ट्राँसपोर्ट कंपनियाँ ड्राइवरों को अपना सफ़र पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देती हैं, पर बहुत से ड्राइवर दूसरी जगहों पर अतिरिक्त माल ले जाकर अपनी कमाई बढ़ाते हैं। और यह ज़्यादा समय गाड़ी चलाने की माँग करता है। फिर कंपनी तक समय पर लौटने के लिए उन्हें नींद में कटौती करने की ज़रूरत पड़ती है।
यूरोपीय संघ में, कानून द्वारा अनुमत अधिकतम घंटों का इस्तेमाल करके, एक ट्रक-ड्राइवर सप्ताह भर में ५६ घंटे गाड़ी चला सकता है। लेकिन अगले सप्ताह उसे केवल ३४ घंटे गाड़ी चलाने की अनुमती मिलती है। उसके काम के घंटे, जिनमें माल चढ़ाना और उतारना शामिल है, एक निरीक्षक यंत्र द्वारा रिकॉर्ड किए जाते हैं। यह रिकॉर्ड इस बात की जाँच करना संभव करता है कि प्रत्येक ड्राइवर नियमों का पालन कर रहा है या नहीं।
दूसरी बात जो गाड़ी चलाने के समय को प्रभावित करती है, वह है ट्रक के मालिक का नज़रिया। उसका ट्रक एक भारी पूँजी-निवेश है जिससे अच्छा मुनाफ़ा कमाने की ज़रूरत है, हो सके तो दिन में चौबीसों घंटे सामान लादे गाड़ी चलाकर। ट्राँसपोर्ट कंपनियों के बीच होड़ बढ़ रही है, और मैनेजर ड्राइवरों पर दबाव डालते हैं कि वे अपनी मर्ज़ी से लंबे समय तक काम करें।
जब काम के घंटे लंबे होते हैं तो थकान हो जाती है। ऐसा तब भी होता है जब वे असामान्य समय शुरू होते हैं। उदाहरण के लिए, सवेरे एक से चार के बीच काम शुरू करना सामान्य बात है। यह ऐसा समय होता है जब कई ड्राइवर एकदम निढाल होते हैं और उनकी एकाग्रता सबसे कम होती है। दबाव तब बढ़ जाता है जब ग्राहक कंपनियाँ स्टॉक में कम माल रखती हैं, और माल ‘एकदम टाइम पर’ पहुँचाने की माँग करती हैं। इसका मतलब है ड्राइवर को माल लेकर ग्राहक के पास ठीक तयशुदा समय पर पहुँचना होता है। व्यस्त यातायात, ख़राब मौसम, और सड़कों की मरम्मत के कारण देरी हो सकती है, जिसकी ड्राइवर को किसी तरह पूर्ति करनी पड़ती है।
गाड़ी चलाने के लिए अनुमत घंटों की संख्या पर पाबंदी के बावजूद, पुलिस द्वारा अचानक जाँच किए जाने पर नियमों के उल्लंघन उजागर हुए हैं। पोलीत्सी फ़ॆर्केर उन्त टॆख़्निक नामक पत्रिका के अनुसार, “सभी ट्रकों, बसों और ख़तरनाक सामानवाली गाड़ियों के ८ ड्राइवरों में से तक़रीबन १ गाड़ी चलाने और आराम करने के लिए निर्धारित घंटों की सीमा में नहीं रहता।” हॆम्बर्ग में एक यातायात जाँच के दौरान पुलिस ने एक ऐसा ट्रक-ड्राइवर पाया जो बिना रुके गाड़ी चलाते हुए ३२ घंटे बिता चुका था।
ख़तरे को पहचानना
लंबा सफ़र करनेवाले एक ड्राइवर से, जो ३० साल से अंतर्राष्ट्रीय माल-सामान ढो रहा था, थकान की समस्या के बारे में पूछा गया। उसने कहा: “घमंड और ख़ुद पर हद से ज़्यादा भरोसे के कारण एक ड्राइवर थकावट को नज़रअंदाज़ कर सकता है। और इस तरह दुर्घटनाएँ होती हैं।” थकान के चिन्ह पृष्ठ २२ के बॉक्स में दिए गए हैं।
शुरू के चेतावनी चिन्हों को पहचानना, कई जानें बचा सकता है। अमरीका में राष्ट्रीय यातायात सुरक्षा बोर्ड द्वारा किए गए अध्ययन से भयानक आँकड़े सामने आए: १०७ दुर्घटनाओं में जिनमें कोई अन्य गाड़ी शामिल नहीं थी, ६२ दुर्घटनाएँ थकान-संबंधी थीं। इसलिए, यह व्यवसाय ऐसे तकनीकी साधनों के विकास को भारी महत्त्व देता है, जो तब-तब एक चेतावनी दें जब-जब ड्राइवर सोने लगे।
एक जापानी कंपनी, विडियो कैमेरे का प्रयोग करनेवाली एक इलॆक्ट्रॉनिक मशीन पर काम कर रही है जो नोट करती है कि ड्राइवर अपनी आँखें कितनी देर में झपकता है। बार-बार लंबी झपकी हो, तो रिकॉर्ड की हुई एक आवाज़ उसे उसकी ख़तरनाक स्थिति की चेतावनी देती है। एक यूरोपीय कंपनी ऐसे यंत्र पर काम कर रही है जो यह नोट करता है कि गाड़ी कितनी सफ़ाई के साथ चलाई जा रही है। अगर ट्रक लहराता है, तो केबिन में एक चेतावनी सुनाई देती है। लेकिन प्रभावकारी साधनों को उपलब्ध होने में अभी कुछ समय लगेगा।
ख़तरे को दूर करना
लगभग हर गाड़ी में, थकान एक बिन-बुलाया और अप्रिय मुसाफ़िर रहा है। लेकिन सवाल है, इसे कैसे भगाया जाए। कुछ ड्राइवर भारी मात्रा में कैफ़ीन-युक्त पेय पीते हैं, लेकिन पाते हैं कि थकान फिर भी उनका पीछा नहीं छोड़ती। अन्य कुछ दूसरे उत्तेजक पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं। कहने की ज़रूरत नहीं कि इनसे स्वास्थ्य को ख़तरा है। मॆक्सिको में कुछ ड्राइवर जागे रहने के लिए मिर्चियाँ खाते हैं।
जल्दी निकलने से पहले, पर्याप्त नींद लेना अच्छा है। और एक सिद्धांत के तौर पर, व्यक्ति को गाड़ी चलाने के निर्धारित घंटों का पालन करना चाहिए। दक्षिण अफ्रीका में, विशेषज्ञ हर पाँच घंटे गाड़ी चलाने के बाद रुकने की सलाह देते हैं। नीरस सड़कों पर, ड्राइवर को अपना दिमाग़ सक्रिय और एकाग्र रखना चाहिए। कुछ ड्राइवर रेडियो सुनते हैं या CB रेडियो पर दूसरे ड्राइवरों से बात करते हैं। एक ड्राइवर, जो कि यहोवा के साक्षियों में से एक है, बाइबलीय विषयों की कैसॆट सुनता है, जैसे कि प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! और बाइबल के परिच्छेद। अतिरिक्त सुझाव इसी पृष्ठ के बॉक्स में मिल सकते हैं।
घर चलाने के लिए पर्याप्त कमाई करना दिन-ब-दिन ज़्यादा मुश्किल हो रहा है, सो संतुलित रहना आसान नहीं है। थकान के फंदे से ड्राइवरों को जो ख़तरा है, कुछ कंपनियाँ या मैनेजर उसको कम महत्त्व देते हैं। तो फिर, अच्छा होगा कि ट्राँसपोर्ट के व्यवसाय से संबंधित हर व्यक्ति, थकान के बारे में वह सब याद रखे जो अब तक सीखा गया है। इसके अलावा, ड्राइवरों के अपने अनुभव से उनके पास अकसर उपयोगी सुझाव होते हैं, जो उनींदेपन से मुक़ाबला करने में दूसरों को मदद दे सकते हैं।
चौकन्ना रहने का सबसे अच्छा तरीक़ा है अपने शरीर की माँगें पूरी करना: यदि आपको कोई चेतावनी चिन्ह नज़र आते हैं, तो आराम करने के अगले मुक़ाम पर रुकिए और थोड़ी नींद ले लीजिए। इसके बाद, एक बार फिर गाड़ी चलाने की चुनौती स्वीकार कीजिए। थकान के अदृश्य फँदे में मत फँसिए!
[फुटनोट]
a चूँकि जर्मनी में कुछ ही महिला ट्रक-ड्राइवर हैं, इसलिए इस लेख में पुंलिंग का इस्तेमाल किया गया है।
[पेज 22 पर बक्स]
चेतावनी चिन्ह जो तुरंत कार्यवाही की माँग करते हैं
● क्या आपकी आँखें जल रही हैं या पलकें भारी हो रही हैं?
● क्या आप कुछ चीज़ों की कल्पना कर रहे हैं या ख़ुद को दिवास्वप्न देखते पाते हैं?
● क्या सड़क सँकरी नज़र आती है, जिससे कि आप गाड़ी को बीच की लाइन के क़रीब चलाने पर मजबूर हो रहे हैं?
● क्या सफ़र के कुछ हिस्सों की आपकी याददाश्त ग़ायब है?
● क्या आपका स्टियरिंग और ब्रेक का इस्तेमाल सामान्य से ज़्यादा झटकेदार है?
इन सवालों में से सिर्फ़ एक का भी जवाब हाँ होने का मतलब है आपको तुरंत आराम करने की ज़रूरत है
[पेज 23 पर बक्स]
लंबी-दूरी के सफ़र में
● पर्याप्त नींद लेकर चलिए
● उत्तेजक पदार्थों पर निर्भर मत रहिए
● नियमित रूप से आराम लीजिए, और चुस्ती के लिए कुछ कसरत कीजिए
● यह याद रखिए कि नीरस सड़कें ख़ासतौर पर ख़तरनाक होती हैं
● ख़ाली पेट सफ़र शुरू मत कीजिए। खानपान की अच्छी आदतें डालिए: एक हलका और स्वास्थ्यपूर्ण खानपान
● भरपूर पेय-पदार्थ लीजिए, लेकिन शराब से बचिए