बाइबल का दृष्टिकोण
क्या मसीहियों को समलिंगियों से घृणा करनी चाहिए?
समलिंगियों के प्रति अकारण भय या बैर का वर्णन करने के लिए १९६९ में अंग्रेज़ी भाषा में एक शब्द रचा गया था। वह शब्द है “होमोफ़ोबिया।” अनेक भाषाओं में ऐसा सुनिश्चित शब्द नहीं है, लेकिन हज़ारों साल से अनेक देशों और भाषाओं के लोगों ने समलिंगियों से नफ़रत की है।
लेकिन, हाल के सालों में समलिंगता को लैंगिक अभिव्यक्ति का मात्र एक वैकल्पिक रूप कहते हुए व्यापक रूप से बढ़ावा दिया गया है। “समलिंगता जो भी है, उसके प्रति जन स्वीकृति और आदर की बढ़ती माँग” के बारे में इतिहासकार जॆरी ज़ॆड. मलर ने हाल ही में लिखा। उसने समझाया कि समलिंगी “अपने अभ्यास को प्रशंसनीय कहने और यह माँग करने के लिए कि दूसरे भी उसे वैसा ही कहें, अधिकाधिक संयुक्त हुए हैं।” यह ख़ासकर पाश्चात्य देशों में देखा गया है। लेकिन, संसार के अधिकतर भागों में, तथाकथित उदार देशों में भी, आज तक अनेक लोग समलिंगता की निंदा करते हैं और उसे ठुकराते हैं।
समलिंगी और जिन पर समलिंगी होने का संदेह किया जाता है, अकसर तिरस्कारपूर्ण टिप्पणियों, उत्पीड़न और हिंसा के निशाने बनाये जाते हैं। धार्मिक नेताओं ने भी ऐसी घृणा व्यक्त की है। कुछ लोगों ने ऐसा व्यवहार शुरू किया है जो समलिंगियों के विरुद्ध उनका निजी युद्ध प्रतीत हो सकता है। उदाहरण के लिए, ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक बिशप द्वारा की गयी टिप्पणियों को लीजिए जो हाल ही में यूनानी राष्ट्रीय रेडियो पर प्रसारित की गयी थीं। उसने कहा: “परमेश्वर समलिंगियों को नरक के धधकते कुंड में हमेशा के लिए जलाएगा। उनके गंदे मुँह की चीखें सदा गूँजती रहेंगी। उनके पतित शरीर असहनीय यातना सहेंगे।” क्या यह सचमुच सही है? परमेश्वर समलिंगियों के बारे में कैसा महसूस करता है?
परमेश्वर का दृष्टिकोण
बाइबल समलिंगियों पर एक ऐसे समूह के रूप में ख़ास ध्यान नहीं खींचती जिनसे मसीहियों को बहिष्कृतों जैसा व्यवहार करना चाहिए या घृणा करनी चाहिए। इसके अलावा, बाइबल नहीं सिखाती कि परमेश्वर समलिंगियों—या अपनी किसी भी सृष्टि—को धधकते नरक में हमेशा के लिए जलाने के द्वारा दंड देगा।—रोमियों ६:२३ से तुलना कीजिए।
लेकिन, शास्त्र हमारे सृष्टिकर्ता के नैतिक स्तर स्पष्ट करता है, जो अकसर आधुनिक समय के चलन के विपरीत होते हैं। समलिंगी काम, अविवाहित व्यक्तियों के बीच इतरलिंगी संबंध और पशुगमन, इन सभी की बाइबल में निंदा की गयी है। (निर्गमन २२:१९; इफिसियों ५:३-५) परमेश्वर ने ऐसे ही लैंगिक अभ्यासों के कारण सदोम और अमोरा का नाश किया।—उत्पत्ति १३:१३; १८:२०; १९:४, ५, २४, २५.
समलिंगी कामों के विषय में, परमेश्वर का वचन स्पष्ट रूप से कहता है: “वह तो घिनौना काम है।” (लैव्यव्यवस्था १८:२२) इस्राएल को दी गयी परमेश्वर की व्यवस्था ने निर्धारित किया: “यदि कोई जिस रीति स्त्री से उसी रीति पुरुष से प्रसंग करे, तो वे दोनों घिनौना काम करनेवाले ठहरेंगे; इस कारण वे निश्चय मार डाले जाएं।” (लैव्यव्यवस्था २०:१३) यही दंड पशुगमन, कौटुंबिक व्यभिचार और परस्त्रीगमन करनेवालों के लिए नियत किया गया था।—लैव्यव्यवस्था २०:१०-१२, १४-१७.
प्रेरित पौलुस समलिंगी कामों को “नीच कामनाओं” की अभिव्यक्तियाँ और “स्वभाव के विरुद्ध” कहने के लिए ईश्वरप्रेरित हुआ। वह लिखता है: “इसलिये परमेश्वर ने उन्हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्त्रियों ने भी स्वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्वभाव के विरुद्ध है, बदल डाला। वैसे ही पुरुष भी स्त्रियों के साथ स्वाभाविक व्यवहार छोड़कर आपस में कामातुर होकर जलने लगे, और पुरुषों ने पुरुषों के साथ निर्लज्ज काम करके अपने भ्रम का ठीक फल पाया। और जब उन्हों ने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।”—रोमियों १:२६-२८.
शास्त्र में कोई छूट, कोई रिआयत, कोई अस्पष्टता नहीं; समलिंगी अभ्यास, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, ये सभी परमेश्वर की दृष्टि में घृणित हैं। इसलिए, सच्चे मसीही मात्र अधिक लोकप्रिय होने या आधुनिक संस्कृति में अधिक स्वीकार्य होने के लिए “नीच कामनाओं” के बारे में बाइबल की स्थिति को हलका नहीं करते। न ही वे किसी ऐसे आंदोलन से सहमत होते हैं जो समलिंगता को एक सामान्य जीवन-शैली के रूप में प्रोत्साहित करने को अर्पित हो।
“बुराई से घृणा करो”
बाइबल सलाह देती है: “हे यहोवा के प्रेमियो, बुराई से घृणा करो।” (भजन ९७:१०) इसलिए, मसीहियों से अपेक्षा की जाती है कि ऐसे हर अभ्यास से घृणा करें जो यहोवा के नियमों का उल्लंघन करता है। कुछ लोग समलिंगता को अस्वाभाविक लैंगिक विकृति समझते हुए, शायद उसके प्रति दूसरी तरह की अनैतिकता की तुलना में और भी अधिक तीव्र बैरभाव व्यक्त करें। लेकिन, क्या मसीहियों को उन व्यक्तियों से घृणा करनी चाहिए जो ऐसे कामों का अभ्यास करते हैं?
भजन १३९:२१, २२ में भजनहार इस मुद्दे पर कुछ प्रकाश डालता है: “हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूं, और तेरे विरोधियों से रूठ न जाऊं? हां, मैं उन से पूर्ण बैर रखता हूं; मैं उनको अपना शत्रु समझता हूं।” यहोवा और उसके सिद्धांतों के प्रति हमारी निष्ठा के कारण हमारे अंदर उन लोगों के लिए बड़ी नफ़रत पैदा होनी चाहिए जो जानबूझकर यहोवा के विरुद्ध विद्रोह करते हैं और जो अपने आपको परमेश्वर का शत्रु बनाते हैं। शैतान और पिशाच परमेश्वर के ऐसे पक्के शत्रुओं में से हैं। कुछ मनुष्य भी प्रत्यक्षतः इस वर्ग में आते हैं। लेकिन, बाहरी रूप देखकर ऐसे लोगों की पहचान करना मसीहियों के लिए शायद बहुत कठिन हो। हम हृदय नहीं जाँच सकते। (यिर्मयाह १७:९, १०) यह मान लेना ग़लत होगा कि एक व्यक्ति परमेश्वर का असुधार्य शत्रु है क्योंकि वह कुकर्म कर रहा या रही है। अनेक क़िस्सों में कुकर्मियों को परमेश्वर के स्तर पता ही नहीं होते।
इसलिए, आम तौर पर मसीही संगी मनुष्यों से घृणा करने में उतावली नहीं करते। चाहे उनमें अमुक जीवन-शैलियों के प्रति घृणा की तीव्र भावनाएँ हों, तो भी वे दूसरों को चोट पहुँचाने की कोशिश नहीं करते, न ही वे उनके प्रति दुर्भावना या द्वेष रखते हैं। इसके बजाय, बाइबल मसीहियों को सलाह देती है कि “सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।”—रोमियों १२:९, १७-१९.
“परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता”
एक व्यक्ति चाहे जैसी भी अनैतिकता कर रहा हो, यदि वह सच्चा पश्चाताप करता है तो यहोवा उसे क्षमा करेगा। इसका कोई प्रमाण नहीं कि यहोवा एक प्रकार की अनैतिकता को दूसरे प्रकार की अनैतिकता से बदतर समझता है। “परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता।” (प्रेरितों १०:३५) उदाहरण के लिए, कुरिन्थ में प्रथम-शताब्दी कलीसिया का क़िस्सा लीजिए। प्रेरित पौलुस ने उन्हें लिखा: “न वेश्यागामी, न मूर्त्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे [अस्वाभाविक व्यवहार के लिए रखे गये पुरुष], न पुरुषगामी। न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देनेवाले, न अन्धेर करनेवाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।” (तिरछे टाइप हमारे।) फिर पौलुस ने स्वीकार किया कि पहले के कुछ व्यभिचारियों, परस्त्रीगामियों, समलिंगियों और चोरों को कुरिन्थ की मसीही कलीसिया में स्वीकार कर लिया गया था। उसने बताया: “और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे।”—१ कुरिन्थियों ६:९-११.
निःसंदेह, यहोवा यह सहन नहीं करता कि उसके सिद्ध नैतिक स्तरों का निरंतर और सतत उल्लंघन किया जाए। वह निश्चित ही इस बात से घृणा करता है कि उसके सिद्धांतों का हठपूर्ण तिरस्कार किया जाए। लेकिन, वह मेलमिलाप का द्वार खुला रखता है। (भजन ८६:५; यशायाह ५५:७) इसके सामंजस्य में, मसीही, समलिंगियों या किसी और को दुर्भावना, उपहास या उत्पीड़न का निशाना नहीं बनाते। सच्चे मसीही अपने संगी मनुष्यों को मसीह के भावी शिष्यों के रूप में देखते हैं और उनसे आदर और गरिमा के साथ व्यवहार करते हैं। बाइबल कहती है: “यह हमारे उद्धारकर्त्ता परमेश्वर को अच्छा लगता, और भाता भी है। वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।”—१ तीमुथियुस २:३, ४.
मसीही पश्चातापी का स्वागत करते हैं
बारंबार बाइबल कहती है कि परमेश्वर क्षमाशील है। यह उसे “क्षमा करनेवाला अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से कोप करनेवाला, और अति करुणामय ईश्वर” कहती है। (नहेमायाह ९:१७; यहेजकेल ३३:११; २ पतरस ३:९) और बाइबल उसकी समानता उड़ाऊ पुत्र के बारे में यीशु की नीतिकथा में पिता के साथ करती है। उस पुत्र ने अपनी संपत्ति किसी दूर देश में लुचपन में उड़ा दी थी। जब पुत्र अंततः अपने होश में आया, पछताया, और अपने पिता के घर लौटा, तब पिता बाहें फैलाए अपने पुत्र का स्वागत करने के लिए खड़ा था।—लूका १५:११-२४.
जी हाँ, एक कुकर्मी का बदलना संभव है। लोगों को यह प्रोत्साहन देने के द्वारा कि पुराना मनुष्यत्व उतारकर नया मनुष्यत्व धारण करें और “अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते” जाएँ, शास्त्र इस बात को स्वीकार करता है। (इफिसियों ४:२२-२४) कुकर्म करनेवाले, समलिंगी भी अपने सोच-विचार और व्यवहार के तरीक़े में आमूल परिवर्तन कर सकते हैं, और अनेक लोग यह बदलाव करने में सचमुच सफल हुए हैं।a स्वयं यीशु ने ऐसों को प्रचार किया; और पछतावा करने पर उसने उन्हें स्वीकार किया।—मत्ती २१:३१, ३२.
समाज के अलग-अलग वर्ग के पश्चातापी लोगों का मसीही स्वागत करते हैं। अनैतिक काम छोड़ देने के बाद, चाहे वे जैसे भी रहे हों, सभी परमेश्वर की क्षमाशीलता का पूरा लाभ उठा सकते हैं क्योंकि “यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।”—भजन १४५:९.
मसीही उन्हें भी ज़रूरी आध्यात्मिक सहारा देने को इच्छुक हैं जो अब तक समलिंगी कामनाओं से जूझ रहे हैं। यह स्वयं परमेश्वर के प्रेम के प्रकटन के सामंजस्य में है, क्योंकि बाइबल कहती है: “परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।”—रोमियों ५:८.
[फुटनोट]
a सजग होइए! (अंग्रेज़ी) के मार्च २२, १९९५ अंक में लेख “मैं इन भावनाओं को कैसे दूर करूँ?” देखिए।
[पेज 17 पर तसवीर]
समलिंगता के बारे में बाइबल के दृष्टिकोण को मसीही हलका नहीं करते
[पेज 16 पर चित्र का श्रेय]
Punch