बात दिल को छू गयी
“हमारे परिवार में १३ बच्चे हैं,” ग्लोर्या आडाम लिखती है, “४ लड़के और ९ लड़कियाँ। यह १९८४ की बात है। पिताजी अमरीका से मॆक्सिको लौटे और उन्हें पता चला कि जब वह अमरीका में काम कर रहे थे, तब हमारे परिवार ने यहाँ यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन शुरू कर दिया था। उन्हें यह जानकर कोई खुशी नहीं हुई, और उन्होंने हमारा विरोध करना शुरू कर दिया। ऐसा लगता था कि हर दिन के गुज़रते उनका दिल कठोर होता जा रहा है।
“हम अपने पिताजी से बहुत प्रेम करते थे, और हम चाहते थे कि वह भी उस जीवनदायी ज्ञान से लाभ उठाएँ जो हम प्राप्त कर रहे थे। दिन-प्रति-दिन, हम यहोवा से गिड़गिड़ाकर प्रार्थना करते थे, उससे बिनती करते थे कि रास्ता खोल दे और हम अपने पिताजी से यहोवा के उद्देश्यों के बारे में बात कर पाएँ। यहोवा ने हमारा निवेदन सुना क्योंकि उसने हमें साहस दिया कि हम हर शाम बैठक में इकट्ठे हों, जहाँ पिताजी हर रात टॆलिविज़न देखा करते थे। वहाँ, मेरी माँ और हम लड़कियाँ मिलते और दैनिक बाइबल पाठ पढ़ा करते।
“माँ चर्चा को संचालित करतीं, और टिप्पणियाँ पढ़ने के बाद, हम बारी-बारी से प्रार्थना करते। जब हमारी सबसे छोटी बहन, मारी प्रार्थना करती, जो सिर्फ पाँच साल की थी, वह गिड़गिड़ाकर बिनती करती: ‘यहोवा, कृपा करके पापा के दिल को नरम कर दीजिए ताकि वह भी आपके साक्षी बन जाएँ।’ ऐसा लगता था कि पिताजी नहीं सुन रहे, क्योंकि वह टी.वी. की आवाज़ तेज़ कर देते थे। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीता, उन्होंने आवाज़ धीमी करनी शुरू कर दी, और एक रात तो टी.वी. बंद ही कर दिया।
“उस शाम, अपनी आदत के अनुसार, माँ ने पूछा कि पाठ पढ़ने की किसकी बारी है। हम तो दंग रह गये, जब पिताजी ने कहा: ‘मेरी बारी है।’ हम हैरान थे लेकिन हमने कुछ कहा नहीं। माँ ने न तो विरोध किया न ही प्रश्न पूछे, बस उन्हें प्रतिदिन शास्त्रवचनों की जाँच करना पुस्तिका पकड़ा दी। जब वह बाइबल पाठ की चर्चा का संचालन कर चुके, तब माँ ने पूछा कि प्रार्थना करने की किसकी बारी है। ‘मेरी बारी है,’ पिताजी ने कहा।
“हमारा तो मुँह खुला-का-खुला रह गया। प्रार्थना के बीच में, हम अपने आँसू नहीं रोक पाये। पिताजी भी रोने लगे, और उन्होंने यहोवा से कहा कि आपकी निंदा करने के लिए मुझे क्षमा कर दीजिए। उन्होंने माँ से भी कहा कि हमारा विरोध करने के लिए वह उन्हें क्षमा कर दे।
“सो १९८६ में हमारे पिताजी की ओर से विरोध बंद हो गया। १९९० में हमारा परिवार टॆक्सस, अमरीका में जा बसा। कुछ समय बाद, पिताजी ने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया और उसे पानी के बपतिस्मे द्वारा चिन्हित किया, और हम सात बहनों ने भी यही किया। अप्रैल १९९७ में, पिताजी को मसीही प्राचीन के रूप में नियुक्त किया गया। आज तक, एक परिवार के रूप में दैनिक बाइबल पाठ पर विचार करना हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है, और यहोवा से प्रार्थना करना हमारे पारिवारिक जीवन की नींव है।”
[पेज 31 पर तसवीर]
१. चार बेटियाँ जो मॆक्सिको में पायनियर काम करती हैं। मारी सामने है
२. ख्वानीता और ईसाक आडाम, अपने कुछ बच्चों के साथ। ग्लोर्या एकदम दाँयीं ओर है