हमारे पाठकों से
इतना बीमार क्यों? “युवा लोग पूछते हैं . . . मैं इतना बीमार क्यों हूँ?” लेख के लिए आपका धन्यवाद। (मई ८, १९९७) मैं २१ साल की हूँ और मुझे सिकल-सॆल अनीमिया है। मैं इस लेख के युवाओं की भावनाओं को समझ सकती हूँ। मैं अकसर सोचती हूँ कि मेरी इस स्वास्थ्य समस्या के बावजूद क्या कोई मुझसे प्रेम करेगा और शादी करना चाहेगा। लेकिन आपके लेख से मुझे तसल्ली मिली क्योंकि अब मैं जान गयी हूँ कि ऐसा महसूस करनेवाली मैं अकेली नहीं।
डी. आर., अमरीका
“युवा लोग पूछते हैं . . . मैं इतना बीमार क्यों हूँ?” (मई ८, १९९७) लेख में जेसन द्वारा व्यक्त सभी भावनाओं को मैं भी अनुभव करता हूँ। मैं जब भी यह लेख पढ़ता हूँ, मुझे ऐसा लगता है कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर रहा हूँ जो मेरी स्थिति को समझता है, जानता है और परवाह करता है। मेरे बोझ को कम करने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं जानता हूँ कि यहोवा परवाह करता है और अपने नियत समय पर वह सभी बीमारियों को मिटा देगा।
ओ. ए., घाना
इस लेख के आने से दो सप्ताह पहले मुझे पता चला कि मुझे मिरगी है। मैं हाल ही में १८ की हुई हूँ। बीमार रहने से मेरी वह आज़ादी बहुत ही कम हो गयी है जो मुझे हाल ही में मिली थी। इतने सारे एहतियात बरतने पड़ते हैं और इतनी सारी दवाइयाँ खाना याद रखना पड़ता है। इसने मेरे माता-पिता को भी बहुत कष्ट पहुँचाया है। उनके दो बच्चे मर चुके हैं। इस लेख ने सचमुच मुझे इस तरह छूआ कि मैं रो पड़ी। इसमें वही विचार दिये गये थे जिन्हें मैं दबाती रही हूँ, अब मैं फिर से थोड़ा-बहुत ठीक महसूस करने लगी हूँ। मैं देख सकी कि दूसरे भी हैं जिनको ऐसी ही समस्याएँ और चिंताएँ हैं। अपने संगठन के द्वारा, यहोवा ने वह जानकारी छपवायी जो मज़बूत बने रहने के लिए मुझे चाहिए थी।
डी. एस., अमरीका
जब मैंने यह लेख पढ़ा, तब मुझे एहसास हुआ कि मेरी बीमारी से मेरे माता-पिता को सबसे ज़्यादा कष्ट पहुँचता है। वे मुझसे कहते हैं कि मेरी बीमारी आनुवंशिक है, और यह सोचकर वे हताश हो जाते हैं। जब मैं उन्हें इस अवस्था में देखती हूँ, तब मुझे उनके लिए बहुत दुःख होता है।
वाई. एच., जापान
बचपन में मेरा स्वास्थ्य अच्छा था। लेकिन, तरुणावस्था में मुझे एक-न-एक बीमारी लगी रहती थी। मैंने पूर्ण-समय सेवकाई शुरू की, और पहले दो महीनों में, मैं खराब स्वास्थ्य के कारण अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया। मैं बहुत हताश हो गया, और मैं यह (गलत) विचार करने लगा कि मैंने यहोवा के विरुद्ध कोई बुरा काम किया होगा जिसकी सज़ा मुझे बीमारी के रूप में मिल रही है। इस लेख ने मुझे मदद दी है कि अपनी स्थिति के साथ ठीक तरह समझौता करूँ और ढाढ़स बाँधूँ।
सी. के., घाना
मेरी नौ-वर्षीय बेटी को सीखने की असमर्थता और प्रमस्तिष्कीय घात है। वह बहुत तेज़ है और जानती है कि उसकी अपंगताएँ सामान्य क्रियाओं के आड़े आती हैं। उसके आम तौर पर हँसमुख और अच्छे स्वभाव के बावजूद, समय-समय पर वह थोड़ी हताश हो जाती है। यह लेख उसके लिए बहुत प्रोत्साहक था। वह रात को अपने पापा के साथ भावी परादीस के बारे में बातें भी करती है जब वह भी दूसरे बच्चों के जैसी हो जाएगी।
वाई. पी., अमरीका
करीब दस साल से मैं एक ‘अदृश्य बीमारी’ से जूझ रही हूँ। यह बीमारी मेरे पाचन-तंत्र को प्रभावित करती है। इसके कारण, मुझे पूर्ण-समय सेवकाई छोड़नी पड़ी। इस लेख को पढ़कर पहली बार मुझे ऐसा लग रहा है मानो कोई मेरे संघर्ष को समझता है। यह जानने से राहत मिलती है कि मैं अकेली नहीं हूँ। ऐसा लगता है मानो मेरे ऊपर से बड़ा बोझ उतर गया हो। आपका जितना शुक्रिया अदा करूँ उतना कम है। ये प्रोत्साहक और सामयिक लेख इस पुरानी व्यवस्था में हमारी मदद करते हैं।
एल. सी., कनाडा