युवा लोग पूछते है. . . .
मुझे अपना आदर्श किसे बनाना चाहिए?
“वह बहुत ही कुशल बासकॆट-बॉल खिलाड़ी था। मेरे सभी दोस्त उसके दीवाने थे। वह मेरा आदर्श था। मैं उसके जैसा बनना चाहता था और वो सब चाहता था जो उसके पास था।” —पिंग, एशियाई युवा।
आदर्श अकसर उनको कहा जाता है जिनकी सराहना और नकल की जाती है। लेखिका लिंडा नीलसन ने कहा: “युवा उनकी नकल करते हैं जिनको वे पसंद करते हैं और जिन्हें वह प्रशंसा या प्रतिफल मिल रहा है जिसके लिए वे खुद मचल रहे हैं।” इसलिए युवा अकसर उन समकक्षों को पसंद करते हैं जो लोकप्रिय या आकर्षक हैं। लेकिन अनेक युवा खासकर फिल्मी सितारों, संगीतकारों और खिलाड़ियों की ओर खिंचते हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं।
लेकिन ज़्यादातर मशहूर हस्तियों की छवि बड़ा दिखावा भर होती है। यह एक चाल होती है जो कमियों को छिपाने, वाहवाही पाने और सबसे बढ़कर कमाई करने के लिए सोच-समझकर चली जाती है! पिंग, जिसका ज़िक्र पहले किया गया है, स्वीकार करता है: “मैं अपने बासकॆट-बॉल हीरो के सभी वीडियो खरीदता था और जिस छाप के कपड़े और जूते वह पहनता था मैं भी वही पहनता था।” कुछ युवा अपने मनपसंद टीवी कलाकार या खिलाड़ी के जैसे कपड़े पहनते हैं, बाल बनाते हैं यहाँ तक कि उसी के जैसे चलते और बोलते भी हैं।
आदर्श—अच्छे और बुरे
‘लेकिन किसी को पसंद करने में बुराई क्या है?’ आप पूछते हैं। यह इस पर निर्भर है कि आप किसको पसंद करते हैं। बाइबल कहती है: “बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।” (नीतिवचन १३:२०) बाइबल हमें मनुष्यों के चेले बनने का प्रोत्साहन नहीं देती। (मत्ती २३:१०) लेकिन बाइबल हमसे कहती है कि “उन का अनुकरण करो, जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।” (इब्रानियों ६:१२) इन शब्दों के लेखक, प्रेरित पौलुस ने आरंभिक मसीहियों के लिए उत्तम उदाहरण रखा। इसलिए वह कह सका: “तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।”—१ कुरिन्थियों ११:१.
तीमुथियुस नामक युवा ने ठीक वैसा ही किया। एकसाथ मिशनरी यात्राएँ करते समय उसने पौलुस के साथ घनिष्ठ मित्रता कर ली। (प्रेरितों १६:१-४) पौलुस तीमुथियुस को ‘प्रभु में अपना प्रिय और विश्वासयोग्य पुत्र’ मानने लगा। (१ कुरिन्थियों ४:१७) पौलुस की मदद से तीमुथियुस उल्लेखनीय मसीही पुरुष बना।—फिलिप्पियों २:१९-२३.
लेकिन, यदि आप गलत आदर्श चुनते हैं तो क्या हो सकता है? रिचर्ड नामक युवक बताता है: “जब मैं १५ साल का था तो मारयो नाम का एक सहपाठी मेरा सबसे अच्छा दोस्त बन गया। मेरे माता-पिता मसीही थे और उन्होंने आध्यात्मिक रूप से मेरी मदद करने की कोशिश की। लेकिन मारयो को मज़ा-ही-मज़ा था—डिस्को, पार्टी, मोटरसाइकिल वगैरह। वह जब चाहे, जो चाहे कर सकता था। मेरे साथ ऐसा नहीं था। सो जब मैं १६ साल का हुआ, तो मैंने अपने माता-पिता से कह दिया कि मैं मसीही जीवन छोड़ना चाहता हूँ और मैंने वैसा ही किया।”
क्या मशहूर हस्तियों और खिलाड़ियों को आदर्श समझने में भी ऐसे ही खतरे हैं? जी हाँ, हैं। किसी खिलाड़ी, अभिनेता या संगीतकार के कौशल को सराहने में कोई बुराई नहीं। लेकिन अपने आपसे पूछिए, ‘अपने निजी जीवन में ये लोग किस किस्म का उदाहरण रखते हैं?’ क्या अनेक मशहूर खिलाड़ी, संगीतकार और अन्य कलाकार लैंगिक अनैतिकता, नशीले पदार्थों और शराब के अतिसेवन के लिए बदनाम नहीं? क्या यह भी सच नहीं कि दौलत और शोहरत के बावजूद बहुत लोग दुःखी और खाली जीवन जीते हैं? जब आप इस नज़रिये से बातों को देखते हैं तो बताइए कि ऐसे लोगों की नकल करने से क्या फायदा हो सकता है?
यह सच है कि किसी मशहूर हस्ती के बालों के स्टाइल, पहनावे या बोली की नकल करना छोटी-मोटी बात लग सकती है। लेकिन यह अपने आपको इस संसार के ‘साँचे में ढलने’ देने की ओर पहला कदम हो सकता है। (रोमियों १२:२, फिलिप्स) शुरू-शुरू में वह साँचा शायद अच्छा जान पड़े। लेकिन यदि आप पूरी तरह उसके प्रभाव में आ जाते हैं, तो वह आपको उन तरीकों से ढाल सकता है जो निश्चित ही आपको परमेश्वर के विरोध में कर देंगे। याकूब ४:४ में बाइबल कहती है, “संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है।”
अच्छा आदर्श आपकी मदद कर सकता है
लेकिन ऐसे व्यक्ति की नकल करना जो अच्छा उदाहरण रखता है आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है! संगी मसीहियों के बीच आपको ऐसे अनेक जन मिल सकते हैं जो “वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में . . . आदर्श” हैं। (१ तीमुथियुस ४:१२) सच है कि आपको मसीही कलीसिया में भी साथी चुनते समय सावधानी बरतने की ज़रूरत है। (२ तीमुथियुस २:२०, २१) लेकिन आम तौर पर यह देखना मुश्किल नहीं कि कलीसिया में कौन सचमुच “सत्य पर चलते” हैं। (२ यूहन्ना ४) इब्रानियों १३:७ का सिद्धांत है: “उन के चाल-चलन का अन्त देखकर उन के विश्वास का अनुकरण करो।” जहाँ तक आपके अधिकतर समकक्षों की बात है, यह देखना बाकी है कि उनका चाल-चलन कैसा निकलेगा। लेकिन कलीसिया में प्रौढ़ लोग हैं जिन्होंने अपनी वफादारी साबित की है और उनसे जान-पहचान करना बुद्धिमानी की बात है।
‘प्रौढ़ लोगों से जान-पहचान करें?’ शायद आप पूछें। माना, आपको शुरू-शुरू में यह विचार न पसंद आये। लेकिन अपने प्रौढ़ मित्र प्रेरित पौलुस के साथ तीमुथियुस का जो रिश्ता था उसे याद कीजिए। पौलुस ने तीमुथियुस की योग्यता को देखा और उसे प्रोत्साहित किया, “परमेश्वर के उस बरदान को जो . . . तुझे मिला है चमका दे।” (२ तीमुथियुस १:६) क्या यह लाभकारी नहीं होगा कि कोई आपको मदद और प्रोत्साहन दे, कोई आपसे आग्रह करे कि अपने परमेश्वर-प्रदत्त वरदानों को निखारें?
ब्राएन नामक युवा ने यह सही पाया। वह हीनता की भावनाओं से जूझ रहा था। फिर कलीसिया में एक प्रौढ़, अविवाहित सहायक सेवक से उसकी जान-पहचान हुई। ब्राएन कहता है: “दूसरों के लिए, मेरे लिए भी उनकी प्रेममय परवाह; सेवकाई के लिए उनका जोश; और उनके बढ़िया भाषण मुझे बहुत पसंद हैं।” ब्राएन में इस प्रौढ़ मसीही की व्यक्तिगत दिलचस्पी से उसे लाभ हो रहा है। वह खुलकर स्वीकार करता है: “इससे मुझे बदलाव करने में मदद मिली है—पहले मेरा व्यक्तित्व शर्मीला और निर्जीव-सा था।”
आदर्श के रूप में माता-पिता
पुस्तक किशोरावस्था—पीढ़ी जो दबाव में है (अंग्रेज़ी) कहती है कि “संतोषदायी पहचान बनाने में सामान्य किशोर की मदद करने या उसके लिए रुकावट खड़ी करने में [माता-पिता] का प्रभाव सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण बाहरी प्रभाव होता है।” पुस्तक आगे कहती है कि दिशा और पहचान के उस सही बोध के बिना युवजन “बिन पतवार की नैया के समान बन जाएँगे, हर बहती लहर के साथ बह जाएँगे।”
यह सलाह उसी बात को प्रतिबिंबित करती है जो शिष्य याकूब ने १,९०० साल से भी पहले लिखी थी। वह याकूब १:६ में लेखबद्ध है: “विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।” शायद आप कुछ युवाओं को जानते हों जो बिलकुल ऐसे हैं। वे आज के रोमांच के लिए जीना चाहते हैं, उन्हें कल की कोई चिंता नहीं।
क्या आपके माता-पिता परमेश्वर का भय माननेवाले लोग हैं जो कलीसिया में अच्छा उदाहरण रखते हैं? यदि हाँ, तो क्या आप उनके रास्ते पर चल रहे हैं? या क्या आप हर कदम पर उनसे लड़ रहे हैं? सच है कि आपके माता-पिता परिपूर्ण नहीं। लेकिन उनके अच्छे गुणों को अनदेखा मत कीजिए। उनके अच्छे गुणों की नकल करने में आपकी भलाई है। “मैं अपने माता-पिता को बहुत पसंद करता हूँ,” जारॉड नामक युवा मसीही लिखता है। “सेवकाई में उनका अटूट जोश, जिस तरह उन्होंने आर्थिक मुश्किलों का सामना किया है और पूर्ण-समय सेवकाई में हिस्सा लेने के लिए जो प्रोत्साहन उन्होंने मुझे दिया है, उस सब का मुझ पर अच्छा प्रभाव हुआ है। मेरे माता-पिता हमेशा से मेरे आदर्श रहे हैं।”
सर्वश्रेष्ठ आदर्श
जब गैलप सर्वेक्षण संगठन ने अमरीका में कुछ युवाओं से पूछा कि उनके विचार से इतिहास में सबसे महान व्यक्ति कौन था, तो अधिकतर युवाओं ने अमरीकी राजनैतिक हस्तियों को चुना। केवल ६ प्रतिशत युवाओं ने यीशु मसीह को चुना। लेकिन बाइबल हमें बताती है कि यीशु मसीह हमें एक पूर्ण ‘आदर्श दे गया है, कि हम भी उसके चिन्ह पर चलें।’ (१ पतरस २:२१; इब्रानियों १२:३) वह अपने शिष्यों को प्रोत्साहन देता है कि उससे सीखें। (मत्ती ११:२८, २९) लेकिन आप उससे कैसे सीख सकते हैं?
यीशु के जीवन से अच्छी तरह परिचित होइए। सुसमाचार वृत्तांतों को शुरू से आखिर तक पढ़ने की कोशिश कीजिए, साथ ही वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा पुस्तक भी पढ़िए।a यीशु ने जिस तरह सिखाया, जिस करुणामय रीति से उसने लोगों के साथ व्यवहार किया और दबाव की स्थिति में जो साहस उसने दिखाया उस पर ध्यान दीजिए। आप पाएँगे कि अनुकरण करने के लिए यीशु ही सर्वश्रेष्ठ आदर्श है।
आप पूर्ण आदर्श से जितना अधिक परिचित होते हैं, उतना ही कम आप अहितकर समकक्षों या मशहूर हस्तियों की ओर खिंचेंगे। क्या आपको पिंग और एक मशहूर खिलाड़ी के लिए उसकी दीवानगी याद है? पिंग आज भी कभी-कभार बासकॆट-बॉल खेलने का मज़ा लेता है, लेकिन उसे समझ आ गया है कि मशहूर लोगों की नकल करना मूर्खता है।
और रिचर्ड के बारे में क्या? उसने जो आदर्श चुना उसके कारण उसने अपना मसीही विश्वास त्याग दिया। लेकिन रिचर्ड की पहचान साइमन नाम के एक युवक से हुई जिसकी उम्र २० साल से ऊपर थी। वह एक यहोवा का साक्षी था। “साइमन ने मुझसे दोस्ती की,” रिचर्ड कहता है, “और मुझे यह देखने में मदद दी कि व्यक्ति बाइबल सिद्धांतों का समझौता किये बिना जीवन का आनंद ले सकता है। जल्द ही साइमन के लिए मेरा आदर बढ़ गया और काफी हद तक उसके उदाहरण के कारण मैं कलीसिया में वापस आया और मैंने यहोवा को अपना जीवन समर्पित किया। अब मैं पहले से कहीं ज़्यादा खुश हूँ और मेरे जीवन में सच्चा अर्थ है।”
जी हाँ, आप किसे आदर्श चुनते हैं यह सचमुच महत्त्वपूर्ण है!
[फुटनोट]
a वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।
[पेज 13 पर तसवीर]
प्रतिष्ठित प्रौढ़ लोगों के साथ संगति करने से आपको मदद मिल सकती है