युवा लोग पूछते हैं . . .
कुछ पैसे कमाने के लिए मैं क्या करूँ?
“मुझे ऐसी नौकरी चाहिए जिसमें काफी पैसा मिले।”—टान्या।
बहुत-से युवाओं का यही अरमान होता है। “मुझे पैसे चाहिए ताकि मैं एक गाड़ी और कपड़े खरीद सकूँ,” सरज़्हो नाम का युवा कहता है। “मैं हर चीज़ के लिए अपने माता-पिता के आगे हाथ नहीं फैलाना चाहता।” युवा लॉरी-ऐन भी इसीलिए नौकरी करना चाहती है। “मैं लड़की हूँ और मुझे खरीदारी करने का शौक है,” वह कहती है।
तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पत्रिका यू.एस.न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार “४ में से ३ [अमरीकी] हाई-स्कूल छात्र अब स्कूल के बाद और सप्ताहांतों में नौकरी करने निकल पड़ते हैं।” कुछ हद तक यह दिखाता है कि उन्हें “रुपये का लोभ” है जो कि आज के भौतिकवादी संसार में बहुत व्याप्त है। (१ तीमुथियुस ६:१०) लेकिन, पैसा कमाने के इच्छुक सभी युवा भौतिकवाद में नहीं फँस रहे।
‘रुपया-पैसा संरक्षण प्रदान करता है,’ बाइबल कहती है। (सभोपदेशक ७:१२, NHT) और इसके कई उचित कारण हो सकते हैं कि एक मसीही युवा होने के नाते आप क्यों कुछ पैसा कमाना चाहते हैं।a उदाहरण के लिए युवा एवियन बताता है कि क्यों वह हफ्ते में दो दिन नौकरी करता है: “इससे मैं नियमित पायनियर [पूर्ण-समय सुसमाचारक] के तौर पर अपना खर्च निकाल पाता हूँ।”
आप भी शायद कुछ ऐसे ही कारणों से अंश-कालिक नौकरी करना चाहते हों। शायद आप एक मसीही अधिवेशन में जाना चाहते हों। या हो सकता है कि आपको कुछ और कपड़े चाहिए हों जो कलीसिया सभाओं में पहनने के लिए उपयुक्त होंगे। कारण जो भी हो, इन चीज़ों के लिए पैसे होने चाहिए। यह सच है कि यीशु ने वचन दिया कि परमेश्वर उनका भरण-पोषण करेगा जो ‘पहिले उसके राज्य की खोज’ करते हैं। (मत्ती ६:३३) लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें। (प्रेरितों १८:१-३ से तुलना कीजिए।) तो फिर यदि आपको कुछ पैसे कमाने की ज़रूरत है तो आप कौन-से कुछ व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं?
शुरूआत करना
मान लीजिए कि आपके माता-पिता इस पर राज़ी हो जाते हैं कि आप कोई नौकरी कर लें, तो आपका पहला काम होगा कि पड़ोसियों, शिक्षकों और रिश्तेदारों से संपर्क करें और उन्हें बताएँ कि आप काम ढूँढ़ रहे हैं। यदि आपको सीधे-सीधे उनसे पूछने में शर्म आती है तो आप उनसे इतना तो पूछ सकते हैं कि जब वे किशोर थे तो उन्होंने क्या काम किया था। वे आपको कुछ कारगर बातें बता सकते हैं। जितने ज़्यादा लोगों को पता होगा कि आप काम ढूँढ़ रहे हैं उतनी ही ज़्यादा आपको जानकारी और मदद मिल सकेगी।
उसके बाद, अखबारों में नौकरियों के विज्ञापन देखिए और दुकानों में, अपने स्कूल में और दूसरे सार्वजनिक क्षेत्रों में सूचना-पट्ट देखिए। “इसी तरह मुझे अपनी नौकरी मिली,” डेव नाम का युवा कहता है। “मैंने अखबार में देखा, उन्हें अपना बायो-डाटा [योग्यता-पत्र] भेजा और उन्हें फोन किया।” लेकिन क्या आपने ध्यान दिया है कि बहुत-सी नौकरियों के लिए विज्ञापन नहीं दिया जाता? सॆवॆनटीन पत्रिका के अनुसार कुछ लोगों का अनुमान है कि “तीस प्रतिशत नौकरियाँ मौजूद नहीं होती पर सही व्यक्ति को देखकर नौकरी के लिए जगह बना दी जाती है।” आप शायद मालिक को विवश कर सकें कि आपके लिए कोई नौकरी निकाले!
लेकिन कैसे? ‘मेरे पास कोई अनुभव नहीं है,’ आप सोचते हैं। ज़रा फिर से सोचिए। अपने माता-पिता की गैर-हाज़िरी में क्या आपने कभी अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल की है या कभी दूसरों के बच्चों की देखभाल की है? यह दिखाता है कि आप ज़िम्मेदार इंसान हैं। क्या आपने गाड़ी की मरम्मत करने में कभी पापा का हाथ बँटाया है? यह दिखाता है कि आप मकैनिक का काम कर सकते हैं। क्या आपको टाइपिंग करना या कंप्यूटर चलाना आता है? या क्या आपको कोई नया प्रॉजॆक्ट बनाने के लिए अच्छे नंबर मिले हैं? ये बातें मालिक का दिल जीतने में काम आ सकती हैं।
अपने शौक और दिलचस्पियों को अनदेखा मत कीजिए। उदाहरण के लिए, यदि आप कोई साज़ बजाते हैं तो देखिए कि किसी साज़ की दुकान में कोई जगह खाली है क्या। स्पष्ट है कि आपको उस दुकान की चीज़ों में दिलचस्पी है और आप कुशलता से ग्राहकों के प्रश्नों के उत्तर दे पाएँगे।
नौकरी के लिए आवेदन करना
मान लीजिए कि आपको नौकरी के इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। अपने पहिरावे और बनाव-सिंगार पर ध्यान दीजिए क्योंकि आपका पहिरावा देखकर आपके बारे में राय बनायी जाती है। इससे दिख सकता है कि आप “ज़िम्मेदार, सफाई पसंद और सलीके से काम करनेवाले इंसान हैं”—या यह दिखा सकता है कि आप ऐसे नहीं हैं। बाइबल मसीही स्त्रियों को व्यावहारिक सलाह देती है कि “संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों से अपने आप को संवारे।” (१ तीमुथियुस २:९) यही बात पुरुषों पर भी लागू होती है। चाहे किसी भी तरह का काम क्यों न हो, नौकरी के इंटरव्यू पर कभी ऊट-पटांग या बेढंगे कपड़े पहनकर मत जाइए।
आपकी मनोवृत्ति और शिष्टाचार भी आपके बारे में बहुत कुछ बताते हैं। सुनहरे नियम का पालन कीजिए: दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार कीजिए जैसे व्यवहार की आप अपेक्षा करते हैं। (मत्ती ७:१२) इंटरव्यू के लिए ठीक समय पर पहुँचिए। सुस्ती मत दिखाइए पर सतर्क रहिए। शिष्टाचार दिखाइए। डींग मत मारिए अथवा बढ़ा-चढ़ाकर बातें मत कीजिए, लेकिन यह समझाइए कि क्यों आपको लगता है कि आप इस नौकरी के लिए योग्य हैं। सीधी बात कीजिए।
कुछ विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि आप अपने बायो-डाटा की एक साफ और सुव्यवस्थित प्रति अपने साथ लाएँ (या पहले से भेज दें)। उसमें आपका नाम, पता, टॆलिफोन नंबर, नौकरी का उद्देश्य, शिक्षा (आपने कोई खास कोर्स किया है तो वह भी), पिछली नौकरी (सवेतन काम और स्वयंसेवक काम भी) खास हुनर, व्यक्तिगत रुचि और शौक (इनसे आपकी योग्यताओं के बारे में पता चल सकता है), और एक नोट होना चाहिए कि यदि वह चाहें तो आप सिफारिशनामा पेश कर सकते हैं। आप अलग से एक परचा बना सकते हैं जिस पर कुछ ऐसे लोगों के नाम, पते और टॆलिफोन नंबर लिखे हों जो इस नौकरी के लिए आपकी सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए पहले से उनसे बात कर लीजिए। पिछले मालिक, शिक्षक, स्कूल के प्रिंसिपल, किसी जान-पहचानवाले बुज़ुर्ग का नाम—ऐसे किसी भी व्यक्ति का नाम—लिखिए जो आपकी कुशलताओं, योग्यताओं या व्यक्तित्व के गुणों की पुष्टि कर सकता हो।
अपना रोज़गार करना
अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने के बाद भी नौकरी न मिले तो क्या करें? अनेक देशों में यह आम बात है। लेकिन हिम्मत मत हारिए। अपना खुद का धँधा करना शायद इस समस्या का हल हो। इसके लाभ? आप अपनी सारणी बना सकते हैं और अपनी मर्ज़ी के हिसाब से काम कर सकते हैं। लेकिन अपना रोज़गार करने के लिए लगन, अनुशासन और पहल करने की ज़रूरत है।
आप किस किस्म का धँधा शुरू करें? अपने आस-पड़ोस के बारे में सोचिए। क्या ऐसी कुछ चीज़ों या सेवाओं की ज़रूरत है जो कोई और प्रदान नहीं कर रहा है? मान लीजिए कि आपको सिलाई करना अच्छा लगता है। आप पड़ोसियों के कपड़े सिलकर पैसे कमा सकते हैं। या आप शायद कोई साज़ बजाते हों। क्या आप दूसरों को वह साज़ बजाना सिखा सकते हैं? या ऐसा काम करने की बात हो सकती है जिसे लोग अकसर नीची नज़रों से देखते हैं, जैसे साफ-सफाई करना। एक मसीही को अपने हाथों से मेहनत करने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए। (इफिसियों ४:२८) आप कोई नया हुनर सीखने की कोशिश भी कर सकते हैं। लाइब्रेरियों में स्वयं-सीखिए पुस्तकें ढूँढ़िए या किसी दोस्त से कहिए कि आपको कुछ सिखा दे। उदाहरण के लिए, युवा जॉशुआ ने सुलेखन (कलिग्रफी) का कोर्स किया। फिर उसने शादियों और पार्टियों के लिए आमंत्रण-पत्र डिज़ाइन करने का छोटा-सा धँधा शुरू किया।—“पैसा कमाने के कुछ तरीके” बक्स देखिए।
चेतावनी के दो शब्द: कोई रोज़गार शुरू करने से पहले उससे जुड़े खर्च और दूसरी बातों के बारे में पूरी जानकारी ज़रूर लीजिए। (लूका १४:२८-३०) पहले, उसके बारे में अपने माता-पिता से बात कीजिए। साथ ही, उन लोगों से बात कीजिए जिन्होंने उस तरह का धँधा किया है। क्या आपको कर देने की ज़रूरत पड़ेगी? क्या आपको लाइसॆंस या परमिट लेना पड़ेगा? स्थानीय अधिकारियों से पूरी जानकारी लीजिए।—रोमियों १३:१-७.
संतुलन रखिए!
जितना आप कर सकते हैं उससे ज़्यादा काम हाथ में लेने का खतरा भी है। लॉरी-ऐन ने कुछ नौकरीपेशा युवाओं के बारे में कहा: “वे घर पर ज़्यादा पढ़ाई नहीं करते और इतने थके हुए होते हैं कि क्लास में उनका ध्यान नहीं लगता।” सच है कि संसार के कुछ क्षेत्रों में युवाओं के पास अपने परिवार के गुज़र-बसर के लिए देर-देर तक काम करने के अलावा और कोई चारा नहीं होता। लेकिन यदि आप उस परिस्थिति में नहीं हैं तो इस संबंध में अति क्यों करें? अधिकतर विशेषज्ञ कहते हैं कि स्कूल के साथ-साथ हफ्ते में २० घंटे से ज़्यादा नौकरी करना अति है और उसके उलटे नतीजे हो सकते हैं। कुछ विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि हफ्ते में आठ-दस घंटे से ज़्यादा नौकरी में नहीं लगाने चाहिए।
यदि आप स्कूल-उपरांत नौकरी में बहुत अधिक समय, शक्ति और दिमाग लगाते हैं तो आपकी सेहत, नंबरों और खासकर आपकी आध्यात्मिकता पर असर पड़ सकता है। जी हाँ, ‘धन के धोखे, और और वस्तुओं के लोभ’ में केवल वयस्क ही नहीं फँसे हैं। (मरकुस ४:१९) सो संतुलन रखिए। सुलैमान ने ज़रूरत से ज़्यादा काम करने के बारे में चिताया। उसने कहा: “चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और मन का कुढ़ना हो।”—सभोपदेशक ४:६.
जी हाँ, पैसा कमाना शायद ज़रूरी हो। और यदि आप अच्छे और परमेश्वर के काम करने के उद्देश्य से ऐसा करना चाहते हैं जैसा एवियन ने किया जिसका ज़िक्र पहले किया गया था, तो आप निश्चित हो सकते हैं कि यहोवा आपके प्रयासों के लिए आपको आशिष देगा। लेकिन इस बात का ध्यान रखिए कि आप नौकरी में इतने न उलझ जाएँ कि “उत्तम से उत्तम बातों” को अर्थात आध्यात्मिक हितों को ही भूल जाएँ। (फिलिप्पियों १:१०) हालाँकि पैसा “संरक्षण” दे सकता है, लेकिन आपको, परमेश्वर के साथ आपका संबंध ही सच्ची सफलता दिलाएगा।—सभोपदेशक ७:१२; भजन ९१:१४.
[फुटनोट]
a नवंबर २२, १९९०; दिसंबर ८, १९९०; और सितंबर २२, १९९७ की सजग होइए! के अंग्रेज़ी अंकों में “युवा लोग पूछते हैं . . . ” लेख स्कूल-उपरांत नौकरी करने के फायदों और नुकसान पर चर्चा करते हैं।
[पेज 22 पर बक्स]
पैसा कमाने के कुछ तरीके
• दूसरों के घर में सफाई की नौकरी करना
• अखबार बेचना या पहुँचाना
• अकाउंटिंग का काम करना
• बागवानी या माली का काम करना
• बच्चों की देखभाल करना
• ट्यूशन देना
• बूट पॉलिश करना
• कपड़े सिलना या इस्त्री करना
• खेती करना और सब्ज़ी बेचना
• मुर्गियाँ पालना या अंडे बेचना
• टाइपिंग या वर्ड प्रोसॆसिंग करना
• दूसरों के घरों में सौदा पहुँचाना
• सामान पहुँचाना
• संगीत या दूसरे विषय सिखाना
[पेज 21 पर तसवीर]
बहुत ज़्यादा काम करने से आपके कम नंबर आ सकते हैं