बर्फानी तूफान
“राष्ट्र के इतिहास में सबसे भयंकर प्राकृतिक विपदा।” द टोरॉन्टो स्टार ने उस बर्फानी तूफान का ज़िक्र यूँ किया जो इस साल जनवरी में कनाडा के ऑन्टॆरिओ, क्वीबॆक और न्यू ब्रन्ज़विक ज़िलों को तहस-नहस कर गया। अमरीका में, राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मेन और न्यू हैम्पशर को साथ ही वरमॉन्ट और न्यू यॉर्क के उत्तरी क्षेत्र को विपदा-ग्रस्त घोषित कर दिया।
उस तूफान को करीब ३५ मौतों का ज़िम्मेदार ठहराया गया। तूफान के साथ पाँच दिन तक बर्फानी बारिश हुई। ऐसी बारिश आम तौर पर बस दो-चार घंटे तक होती है लेकिन इस बार हवा की गर्म ऊपरी परत ठंडी हवा के ऊपर स्थिर रही। सो जब बारिश किसी सतह पर पड़ी तो तुरंत जम गयी। इससे आठ सॆंटीमीटर मोटी बर्फ की परतें बन गयीं। बर्फ के भार तले अनेक पेड़, बिजली के तार, बिजली के खंभे और ट्रांसमिशन टावर टूट गये और कई जगहों पर इसके भयंकर परिणाम हुए।
क्वीबॆक में स्टील से बने सैकड़ों विशाल ट्रांसमिशन टावर ऐसे लुढ़क गये मानो पतले टिन से बने हों। रोज़ाना सफर करनेवाले एक आदमी ने हैरानी से कहा: “मैंने अपनी आँखों के सामने एक [टावर] को प्लास्टिक की तरह मुड़ते हुए देखा। वह मुड़कर दोहरी हो गयी और फिर गोल-मोल हो गयी और ढह गयी। महामार्ग पर हर जगह बिजली के तार फैले हुए थे। एक गिरा तो उसके पीछे तीन और गिर गये।”
बर्फ जमा होने की वज़ह से करीब १,२०,००० किलोमीटर लंबे बिजली के तार गिर गये जिन्हें पृथ्वी पर तीन बार लपेटा जा सकता है! कनाडा में, ३० से ४० लाख लोगों के पास बिजली और ऊष्मा नहीं थी, किसी-किसी के पास तो तीन हफ्ते या इससे भी ज़्यादा समय तक नहीं थी।
मेन में, जहाँ राज्यपाल ऐंगस किंग ने आपात-स्थिति घोषित कर दी थी, २,००,००० से ज़्यादा लोगों के पास बिजली नहीं थी। “इस राज्य में इस किस्म की इतनी बड़ी विपदा पहली बार आयी है,” राज्यपाल ने कहा। न्यू यॉर्क के राज्यपाल जॉर्ज पटाकी ने कहा: “पूरे-पूरे नगर अंधकार में डूबे हुए हैं।”
सेंट लॉरॆंस नदी के दक्षिणी तट पर लकड़ी से बने कुछ ३०,००० बिजली के खंभे तूफान में तहस-नहस हो गये। १७ घंटे तक बर्फानी बारिश होने के बाद, उस नदी के पास उत्तरी न्यू यॉर्क के निवासी जिम कॆली ने लिखा: “हमें अब खिड़की के बाहर कुछ नहीं दिख रहा। यह सिर्फ कोहरा या वाष्प नहीं है बल्कि ठोस बर्फ है। घर की चारों ओर से आवाज़ें आ रही हैं।”
कॆली ने बताया: “दूर से ऐसी आवाज़ें आ रही हैं मानो गोलियाँ चल रही हों। धड़ाम! सन्नाटा। धड़ाम! सन्नाटा। धड़ाम, धड़ाम!” बाद में उसे पता चला कि वो आवाज़ें पेड़ों के टूटकर गिरने और टॆलिफोन के खंभों के टूटने पर आ रही थीं।
विडंबना है कि भूदृश्य ने बहुत ही सुंदर रूप ले लिया जबकि उस पर चारों ओर तबाही मची थी। इस बात का डर था कि ऑन्टॆरिओ में दो करोड़ मेपल वृक्ष बरबाद हो गये होंगे जिससे मेपल सिरप उद्योग को धक्का लगेगा। एक बागवान ने दुःख जताते हुए कहा: “पेड़ तो बस आसमान को छूते ठूँठ रह गये हैं।”
“सुंदर युद्ध क्षेत्र”
टोरॉन्टो स्टार ने कनाडा के दूसरे सबसे बड़े शहर, मॉन्ट्रीऑल का वर्णन उपरोक्त सुर्खियों से किया। “यहाँ की सड़कें ऐसी लग रही हैं मानो बम बरसे हों!” एक निवासी ने कहा। शुरू में लगाया गया एक अनुमान है कि मात्र मॉन्ट्रीऑल क्षेत्र में ५० करोड़ से ज़्यादा डॉलरों का नुकसान हुआ।
बॆलविल, ऑन्टॆरिओ के एक निवासी ने कहा: “ऐसा लगता है कि परमाणु युद्ध हुआ है। हर चीज़ पर सफेद धूल जमी है, बहुत भयंकर दृश्य है।” उसने इसे “भयंकर सुंदरता” कहा।
तूफान के बाद के हफ्ते में जब लाखों लोगों के घरों में बिजली नहीं आयी थी और कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, तो पुलिस ने लोगों को सुरक्षा शिविरों में ले जाना शुरू कर दिया। एक अफसर ने पूछा, “क्या हम उनसे बिनती करें या उन्हें आदेश दें?”
“उन्हें वहाँ से निकलना ही पड़ेगा,” इंचार्ज ने जवाब दिया। “लेकिन कुशलता से काम लो।” उसने आगे कहा: “ऐसा लगता है कि हम युद्ध काल में हैं।”
आफत टल गयी
मॉन्ट्रीऑल के अधिकतर हिस्सों में बिजली न होने के कारण यातायात बत्तियाँ बंद हो गयीं और भूमिगत रेल व्यवस्था ठप्प हो गयी। तूफान के आखिरी दिन तक, शहर के पाँच में से चार ट्रांसमिशन केंद्र बंद हो गये थे या तहस-नहस हो गये थे। नतीजा क्या हुआ?
“हमें यह डर था कि बीच दोपहर में मॉन्ट्रीऑल में गुप्प अंधेरा छा जाएगा—और एक बूँद पानी नहीं होगा,” क्वीबॆक के प्रधान मंत्री ल्यूसयाँ बूशार ने बताया। “दो संयंत्र बंद पड़ गये थे और बस दो घंटे का पानी बचा था।” लोग मोमबत्तियों से काम चला रहे थे और पानी खत्म होनेवाला था। एक बड़ी आफत का घना साया मँडरा रहा था।
करीब दो हफ्ते बाद एक और आफत टली जब १,८८९ लोगों की एक भीड़ जनवरी २४ को यहोवा के साक्षियों के मॉन्ट्रीऑल सम्मेलन गृह में एक सर्किट सम्मेलन के लिए इकट्ठा हुई। रात भर में २० सॆंटीमीटर से ज़्यादा गीला हिम मॉन्ट्रीऑल पर फैल गया था और सम्मेलन में सुबह के कार्यक्रम के दौरान देखा गया कि दीवारों और छत को नुकसान पहुँचा है। दोपहर के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया और उपस्थित जनों से बिनती की गयी कि घर जाएँ, अपने कपड़े बदलें और काम करने के लिए वापस आ जाएँ।
एक घंटे के अंदर ३०० स्वयंसेवक बेलचे, गैंतियाँ और दूसरे औज़ार लेकर ७,१०० वर्ग-मीटर की छत को साफ करने लगे। सतह पर से हिम को हटाने के बाद, यह पता चला कि कहीं-कहीं ६० सॆंटीमीटर से ज़्यादा मोटी बर्फ जमी है! बड़ी-बड़ी आरियों से बर्फ को चौकोर टुकड़ों में काटा गया और उन्हें छत के सिरे तक घसीटकर लाया गया और वहाँ से नीचे गिरा दिया गया। करीब १,६०० टन हिम और बर्फ को हटाया गया! इसके बाद जाँच करने पर पता चला कि छत फिर से समतल हो गयी है और दीवारों में पड़ी दरारें चली गयी हैं। रविवार सुबह का कार्यक्रम सुरक्षित रूप से दोबारा शुरू हो गया।
उन्होंने एक दूसरे की मदद की
सच है, उस क्षेत्र में कुछ लोगों ने दूसरों की मुसीबत का फायदा उठाने की कोशिश की, लेकिन जैसा पहली सदी में हुआ था वैसे ही बहुत लोगों ने बारिश और ठंड के उस समय में “अनोखी कृपा” दिखायी। (प्रेरितों २८:२) यहोवा के साक्षी लोगों की मदद करने के लिए निकल पड़े। रोम, न्यू यॉर्क के डेली सॆंटिनल ने उनके बारे में कहा: “वे लोग वॉटरटाउन में अपने राज्यगृह में मिले ताकि व्यवस्था करें और वहाँ से उन्हें विभिन्न सदस्यों के घरों में भेजा गया। लेकिन रास्ते में वे अपने पड़ोसियों की मदद भी करते गये।”
लेख ने कहा कि यह राहत काम “ऐडम्ज़, पॉट्सडैम, मलोन, ऑगडन्ज़बर्ग, प्लैट्सबर्ग, मसीना, गवर्नुर और ऎलनबर्ग क्षेत्र” के लोगों के लिए किया गया। कुछ स्वयंसेवकों ने जॆनॆरेटर लगाकर कुछ घंटों के लिए घरों को गर्म किया। दुःख की बात है कि तूफान के बाद अनेक क्षेत्रों में तापमान शून्य से नीचे गिर गया था।
एक बार पुलिस ने साक्षियों को लोगों के घर जाते देखा और गलती से सोचा कि वे चोर हैं। जब साक्षियों ने बताया कि वे क्या कर रहे हैं तो एक पुलिसवाले ने कहा कि तूफान के बाद मॉन्ट्रीऑल में उसके पिता को यहोवा के साक्षियों ने मदद दी थी जबकि उसका पिता खुद यहोवा का साक्षी नहीं है। उसके पिता की मदद करने के लिए इस पुलिसवाले ने आभार व्यक्त किया।
तूफान का सबसे बुरा असर मॉन्ट्रीऑल के दक्षिण में कुछ १०० नगरों पर पड़ा। इस क्षेत्र को “अंधकार का त्रिकोण” कहा जाता है। तूफान के दस दिन बाद भी इन नगरों में बिजली नहीं थी। असल में, बहुत लोगों के पास एक महीने से ऊपर बिजली नहीं थी! टोरॉन्टो के निकट यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर ने प्रबंध किया कि खासकर इस क्षेत्र में लोगों की मदद करने के लिए उनके पास जाया जाए। लैंप तेल, बैटरी, टॉर्च और दूसरी चीज़ें निर्धारित वितरण केंद्र तक पहुँचायी गयीं और वहाँ से ज़रूरतमंदों के बीच बाँटी गयीं।
इसका भी प्रबंध किया गया कि मसीही प्राचीन इन क्षेत्रों में रहनेवालों की ज़रूरतों का पता लगाएँ। प्राचीनों के एक समूह ने एक हफ्ते के अंदर ११ कलीसियाओं से भेंट की और वहाँ प्रोत्साहक सभाएँ संचालित कीं। इन सभाओं में आध्यात्मिक प्रोत्साहन दिया गया और सभाओं के बाद कोई भी घर नहीं लौटना चाहता था। लोग बहुत देर तक वहीं रुके रहे, बात करते रहे और अपनी-अपनी कहानी सुनाते रहे, संगति का आनंद लेते रहे। असल में, तूफान के बाद के हफ्तों में नियमित सभा उपस्थिति शिखर पर पहुँच गयी।
जिनके घरों में ऊष्मा का कोई प्रबंध था जैसे लकड़ी का चूल्हा या बिजली के लिए जॆनॆरेटर, उन्होंने अपने घरों में ऐसों का स्वागत किया जिनके घरों में ऊष्मा नहीं थी। कुछ साक्षियों के घरों में तो २० लोग तक ठहरे हुए थे। साथ ही दूसरे क्षेत्रों के लोगों ने उनको रहने की जगह दी जिनके पास बिजली नहीं थी। उदाहरण के लिए, सॆटीअल नगर के साक्षियों ने ८५ परिवारों के लिए अपने घर के दरवाज़े खोल दिए। यह नगर “अंधकार का त्रिकोण” से करीब ८०० किलोमीटर दूर है।
रिमूस्की जैसे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के साक्षियों ने लकड़ी काटकर भेजी। कुछ लोगों ने लट्ठों पर शास्त्रवचन लिखकर भेजे। एक साक्षी को उपहार में जो लकड़ी मिली थी उसने उसमें से कुछ अपने एक गैर-साक्षी पड़ोसी को दी। इस पड़ोसी को जो लट्ठा मिला उस पर भजन ५५:१६ लिखा हुआ था: “यहोवा मुझे बचा लेगा।” लट्ठे को हाथ में लिए हुए उसने ऊपर देखा और कहा: “धन्यवाद, यहोवा।”
इस सब से क्या सबक मिला?
बहुत लोग यह जानकर हैरान थे कि बिजली कभी-भी धोखा दे सकती है और वे उस पर किस हद तक निर्भर हैं। एक आदमी ने कहा, “मैं सच कहता हूँ कि जब हम अपना नया घर बनाएँगे तो उसमें एक लकड़ी का चूल्हा, एक जॆनॆरेटर . . . और एक गैस स्टोव ज़रूर रखेंगे।”
तूफान के लगभग छः हफ्ते बाद एक टीकाकार ने कहा: “उस समय बहुत बर्फ थी, बहुत अंधकार था और सोचने के लिए बहुत समय था जो टीवी बंद रहने पर ज़्यादा आसान हो जाता है।” फिर उसने कहा: “हम चकित रह गये हैं कि प्राकृतिक तत्त्वों के आगे हम कितने असहाय हैं।”
बाइबल विद्यार्थी सृष्टिकर्ता की इस प्रतिज्ञा को गाँठ बाँधते हैं कि जैसे उसने पहले इसी तरह के एक संसार को मिटाया था वैसे ही वह इस रीति व्यवस्था को भी मिटाएगा और उसके बाद पूरी पृथ्वी पर परादीस पुनःस्थापित करेगा। (मत्ती २४:३७-३९; २ पतरस २:५) अपने उस भंडार की ओर संकेत करते हुए जो शस्त्रों में बदल सकता है, परमेश्वर पूछता है: “क्या तू कभी हिम के भण्डार में पैठा, वा कभी ओलों [और बर्फानी बारिश] के भण्डार को तू ने देखा है, जिसको मैं ने संकट के समय और युद्ध और लड़ाई के दिन के लिये रख छोड़ा है?”—अय्यूब ३८:२२, २३.
[पेज 16 पर तसवीर]
ट्रांसमिशन टावर लुढ़क गईं मानो पतले टिन से बनी हों
[पेज 17 पर तसवीर]
आफत टल गयी जब स्वयंसेवकों ने सम्मेलन गृह की छत पर से हिम और बर्फ हटायी
[पेज 17 पर तसवीर]
तूफान पीड़ितों के लिए जलाऊ लकड़ी