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g98 12/8 पेज 14-15

वास्को दा गामा के नाम का पुल

पुर्तगाल में सजग होइए! संवाददाता द्वारा

पुर्तगाल की अखबारों के पन्‍ने इन खबरों से भरे पड़े थे। चारों तरफ बस इसकी ही चर्चा थी। यूरोप के एक बहुत ही लंबे पुल का पटाकों की चकाचौंध के साथ उद्‌घाटन हुआ था। मार्च २९, १९९८ के दिन १७.२ किलोमीटर लंबा वास्को दा गामा पुल शुरू हुआ था। इस पुल का नाम, १५वीं सदी में पश्‍चिम यूरोप से भारत आने का समुद्री रास्ता पता लगानेवाले पुर्तगाली नाविक के नाम पर रखा गया है। इस नए पुल के ज़रिए पुर्तगाल के विकसित उत्तरी भाग में जाने और दक्षिण में आलगार्वे के सफेद समुद्री तटों तक जाने और स्पेन जाने के लिए नया रास्ता खुल गया है।

लंबाई में यह पुल पूरी दुनिया में पाँचवे स्थान पर है। यह पुल टेगस नदी के एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाता है, यानी पुर्तगाल की राजधानी लिसबॆन से नदी के दक्षिणी तट पर मॉन्टीहो नगर तक। दोनों खंभों के बीच इसका झूलता हुआ भाग ८२६ मीटर लंबा है, और यह नदी से ४५ मीटर ऊपर है, जिससे बड़े-से-बड़े समुद्री जहाज़ों को भी आने-जाने में दिक्कत नहीं होती।

धूमधाम से हुई शुरूआत

सरकार की तरफ से इसका उद्‌घाटन होने से एक हफ्ते पहले ही एक बहुत बड़ी पार्टी के साथ अच्छी शुरूआत हुई। जी हाँ, रविवार, मार्च २२ को लोगों में बहुत उत्साह था, क्योंकि १५,००० लोगों को पुर्तगाल के पारंपरिक भोजन, फॆझूआदू या बीन स्टू की दावत के लिए न्योता दिया गया था। इतने सारे लोग कहाँ खाएँगे? भई लाज़िमी है, नए पुल पर! पुल पर करीब ५ किलोमीटर लंबे टेबल का नज़ारा देखने लायक था! लोगों ने खाने को बहुत ही पसंद किया और इस न्योते के लिए कदरदानी दिखायी।

बढ़ती ज़रूरत

ऐसे एक पुल की ज़रूरत क्यों पड़ी? १९६६ से लिसबॆन शहर १,०१३ मीटर लंबा ‘ट्‌वॆंटिफिफ्थ ऑफ एप्रिल’ सस्पेंशन (झूला) पुल का इस्तेमाल कर रहा था। हर दिन उस पर करीब १,३०,००० गाड़ियाँ आती-जाती थीं। क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि काम पर आने-जाने के समय में और शनिवार-रविवार को कितना ट्रैफिक जैम होता होगा? लिसबॆन से उत्तरी पुर्तगाल तक सफर करनेवालों के लिए इस पुल को पार करने में एक-दो घंटे लगना आम बात थी। इसीलिए दूसरे पुल की ज़रूरत पड़ी। नया पुल पुराने पुल से १३ किलोमीटर दूर बना है और इसमें छः लेन हैं, जिनसे काफी राहत मिली है। यह इस तरह से बनाया गया है कि अगर इससे गुज़रनेवाली गाड़ियों की संख्या एक दिन में ५२,००० से ऊपर हो जाती है, तो दोनों तरफ से एक-एक लेन जोड़ा जा सकता है। सो यह उम्मीद की जा रही है कि गाड़ियाँ अब १०० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुल जल्दी पार कर सकेंगी।

पुल पार करना

आइए हम दक्षिण में मॉन्टीहो से पुल पार करें। सूखी ज़मीन और दलदल पीछे छूट गया, और अब हम दस किलोमीटर चौड़ी टेगस नदी के ऊपर हैं। नदी में ज्वार आ रहा है और पुल के दोनों तरफ पानी ही पानी है। सड़क की ज़मीन खुरदरी है जिससे फिसलने का डर नहीं होता, और यह पुल १५०० खंभों पर टिका है जिसकी वज़ह से सुरक्षा का एहसास होता है।

अब हम पुल के सस्पेंशन या झूलते भाग में आते हैं। यह भाग १५० मीटर ऊँचे दो टावरों से जुड़े टेंशन केबल्स पर टिका है। ये फैले हुए केबल किसी नाव के बड़े-बड़े पाल जैसे दिखते हैं। ये केबल तार जिन खंभों से जुड़े हुए हैं, उनकी नींव नदी के तल में ५० से ६५ मीटर गहरी है। ज़्यादा सुरक्षा के लिए, इस पुल की रचना इस तरह से की गयी थी कि यह २२० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलनेवाली तेज़ हवा की मार को झेल सके और १७५५ में लिसबॆन को लगभग बर्बाद कर देनेवाले भूकंप से साढ़े-चार गुना विनाशकारी भूकंप में भी टिका रह सके।

अब हम वास्को दा गामा पुल को लगभग पार कर चुके हैं। लिसबॆन शहर की उत्तरपूर्वी सीमा पर ताड़ के पेड़ लहलहा रहे हैं। अगर हम चाहें तो चलते-चलते इसी सुपर हाइवे से पुर्तगाल के उत्तरी भाग तक जा सकते हैं। इस नए पुल से पुर्तगाल के दक्षिण में आलगार्वे से, उत्तर के मीन्यू प्रांत तक बहुत ही बढ़िया हाइवे से सफर किया जा सकता है। और इस सफर में लिसबॆन शहर के ट्रैफिक से गुज़रने का झंझट ही नहीं होगा!

सुरक्षा उपाय

इस पुल को बनाते वक्‍त सुरक्षा उपायों की तरफ खास ध्यान दिया गया। अगर एक भी गाड़ी खराब होकर रुक जाए, तो बहुत बड़ा ट्रैफिक जैम हो सकता है। मगर इस पुल पर और इस पर आने और इससे निकलने के रास्तों पर बड़ी सूझ-बूझ के साथ ८७ विडियो कैमरे लगाए गए हैं। इससे ट्रैफिक में जो भी गड़बड़ी होती है, उसे पुलिस स्टेशन और ट्रैफिक कंट्रोल सॆंटर के टीवी मॉनिटर्स पर देखा जा सकता है। अगर एक गाड़ी रुक जाती है, तो कंट्रोल रूम में अलार्म की घंटी बजने लगती है।

इसके अलावा, १७ किलोमीटर लंबे इस पुल पर हर ४०० मीटर की दूरी पर इमर्जेंसी के लिए कुल मिलाकर ७२ टेलिफोन लगे हैं। यह इमर्जेंसी सिस्टम कैसे काम करता है? पुल पर खास गाड़ियाँ चलती रहती हैं जो अचानक उठनेवाली किसी ज़रूरत को पूरा करती हैं, जिसमें आग बुझाने और खराब गाड़ियों को खींचने का काम भी आता है।

अगर मौसम में भारी फेर-बदल हुआ तो? मौसम विभाग के दो केंद्र हवा की गति, तीव्रता, और दिशा मापते हैं और मौसम और पुल की हालत देखकर गाड़ियों की रफ्तार या स्पीड लिमिट बदलते रहते हैं।

इस पुल की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं जब रात के वक्‍त इस पर लगी १,२०० हाइवे बत्तियाँ जगमगा उठती हैं।

प्रकृति से जुड़ी कुछ समस्याएँ

नए पुल के लिए सही जगह तय करना भी कोई आसान काम नहीं था। किन-किन बातों पर ध्यान दिया जाना था?

प्रकृति की नज़र से यह जगह एक बहुत बड़ी चुनौती थी। इसकी वज़ह है पश्‍चिम यूरोप के इस बहुत बड़े नदीमुख पर पक्षियों के लिए अलग रखी गयी जगह को यह पुल पार करता हुआ जाता है। पेड़-पौधों, मछलियों, पक्षियों, पुरातत्व से मिलनेवाली चीज़ों, शुद्ध पानी और शुद्ध हवा साथ ही सैकड़ों एकड़ तक फैले नमक के कुंडों को सुरक्षित रखने के लिए काफी बातों पर खोजबीन करनी पड़ी। टेगस नदी में पशु-पक्षी क्यों आते हैं? क्योंकि पुर्तगाल और यूरोप में यह इलाका अपनी नमी के लिए जाना जाता है। इसकी वज़ह से पूरी दुनिया में स्थलांतर करनेवाले पक्षियों के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह साबित होती है। यहाँ काले-पंखोंवाला पनलवा, केंटिश प्लोवर और छोटी टर्न जैसे पक्षी आते हैं। शरद ऋतु और ठंड के मौसम में हज़ारों पक्षी ज्वारभाटा से बचने के लिए इस नमक के दलदल का सहारा लेते हैं।

साथ ही काफी समय से चल रही मछली-पालन की नर्सरी के बारे में भी विचार करना ज़रूरी था। सो इसका मतलब यह था कि और भी ज़्यादा सावधानी बरतनी थी ताकि मछलियों को कम-से-कम तकलीफ हो। तीन हज़ार मछलियों पर, खासकर ‘सोल’ और ‘सी बास’ पर टैग लगाए गए ताकि मछलियों के बढ़ने-घटने पर नज़र रखी जाए।

सो, अचानक ही यह शांत, प्रकृति के करीब इलाका शहर से जुड़ गया है। मगर इस प्राकृतिक वातावरण पर इस बात का कितना असर होगा? यह उम्मीद की जा रही है कि अनमोल दक्षिणी तट की रक्षा करने के लिए उठाए गए कदमों से इस जगह की प्राकृतिक संपदा ज़्यादा-से-ज़्यादा सुरक्षित रहेगी।

वास्को दा गामा पुल इंजीनियरी की प्रगति, रचना और आकार की सुंदरता के साथ कायम की गयी बहुत बड़ी मिसाल है। सही मायनों में पुर्तगाल उस पुल पर नाज़ कर सकता है जिसका नाम है वास्को दा गामा!

[पेज 15 पर नक्शा/तसवीर]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

पुर्तगाल

स्पेन

[नक्शा]

पुर्तगाल

लिसबॆन

मॉन्टीहो

वास्को दा गामा पुल

[चित्र का श्रेय]

Courtesy of Lusoponte/Sonomage

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