अंधविश्वास—इतना खतरनाक क्यों है?
क्या अंधविश्वास हमें हानि पहुँचा सकता है? कुछ लोग शायद इस विचार को अनदेखा कर दें या फिर इस पर ज़्यादा ध्यान ही न दें। मगर, अपनी किताब बिलीविंग इन मैजिक—द साइकॉलॉजी ऑफ सुपरस्टीशन में प्रॉफॆसर स्टूआर्ट ए. वाइस चिताता है: “अंधविश्वास की वज़ह से लोगों के जीने का स्तर काफी गिर सकता है अगर व्यक्ति भविष्यवेत्ताओं, ज्योतिषियों, गणित ज्योतिषियों या टैरट-कार्ड रीडरों के पीछे काफी पैसा उड़ा देता है या बहुत जुआ खेलता है।” अगर हमारा जीवन अंधविश्वास के वश में हो जाए, तो इसके बहुत बुरे अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं।
जैसा कि हमने पहले देखा, कई अंधविश्वास, भविष्य के बारे में हमारे डर को कम करने में मदद करते हैं। मगर, भविष्य में क्या होनेवाला है, इसके बारे में अंधविश्वास और पक्की जानकारी के बीच फरक करना बहुत ज़रूरी है। एक मिसाल देखिए।
ऐसी कहानी जिससे आँख खुल जाए
सन् १५०३ में, सॆंट्रल अमरीका के तटों पर महीनों खोजबीन करने के बाद, क्रिस्टोफर कॉलॆम्बस अपने दो जहाज़ लेकर आखिरकार उस समुद्र-तट पर पहुँचा जिसे आज जमाइका का द्वीप कहा जाता है। शुरू-शुरू में तो वहाँ के वासियों ने बड़ी उदारता से इन असहाय खोजबीन करनेवालों को खाना-पीना दिया। मगर समय के गुज़रते, इन नाविकों के गलत आचरण की वज़ह से वहाँ के वासियों ने उन्हें खाना-पीना देना बंद कर दिया। मामला गंभीर था, क्योंकि वहाँ कोई दूसरा जहाज़ इतनी जल्दी आनेवाला नहीं था जो कॉलॆम्बस और उसके साथियों को बचाकर ले जाए।
कहानी के मुताबिक, कॉलॆम्बस ने अपने पंचांग में से ढूँढ़-ढाँढ़ की और यह जाना कि फरवरी २९, १५०४ को पूरा चंद्र-ग्रहण होनेवाला था। द्वीप के लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाते हुए उसने उन्हें डराकर कहा कि अगर वे इन नाविकों को खाना-पीना लाकर नहीं देंगे तो चाँद पर अंधियारा छा जाएगा। पहले तो द्वीपवासियों ने इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया मगर जब चंद्र-ग्रहण शुरू होने लगा तो उनका कलेजा काँप उठा! तब वे “रोते-पीटते और चिल्लाते हुए द्वीप के हर कोने से निकलकर जहाज़ के पास भागे-भागे आए और उनके लिए ढेर सारा खाना भी साथ ले आए।” और आगे ऐसा हुआ कि जब तक ये नाविक वहाँ थे, तब तक इन्हें खाने-पीने के लाले नहीं पड़े।
दूसरी तरफ, द्वीपवासियों की नज़रों में तो कॉलॆम्बस ने बहुत बड़ा जादुई चमत्कार किया था। मगर उनका यह निष्कर्ष तो बस उनके अंधविश्वास की वज़ह से था। असल में तो जो “पूर्वकथन” किया गया था वह तो पृथ्वी, चाँद और सूरज की गतियों पर आधारित था। खगोल-शास्त्री तो ऐसी बातों का पता काफी पहले ही लगा सकते हैं और वे इस जानकारी को पंचांग में लिख देते हैं। और तो और, आकाशीय पिंडों की सही-सही गतियों की वज़ह से खगोल-शास्त्री किसी भी समय पर उनकी सटीक स्थिति का पता लगा सकते हैं। इसलिए, जब आपके अखबार में किसी सूर्योदय या सूर्यास्त के समय के बारे में लिखा होता है तो आप उस पर पूरा भरोसा करते हैं।
इन आकाशीय पिंडों का महान सृजनहार ही दरअसल ग्रहण, सूर्योदय और सूर्यास्त के सही समय का स्रोत है। मगर ज्योतिषियों, भविष्यवेत्ताओं, क्रिस्टल-बॉल देखनेवालों, और टैरट-कार्ड रीडरों के भविष्य-कथन का स्रोत, सबसे शक्तिशाली परमेश्वर से अलग ही नहीं बल्कि उसके खिलाफ भी है। हम जो कहना चाहते हैं उस पर ज़रा गौर कीजिए।
एक खतरनाक स्रोत
प्रेरितों १६:१६-१९ में, पवित्र शास्त्र कहता है कि पुराने ज़माने के फिलिप्पी शहर में “एक दासी” हुआ करती थी जो “भावी कहने” की अपनी कला के द्वारा अपने स्वामियों के लिए बहुत कुछ कमा लेती थी। मगर, यह वृत्तांत साफ-साफ बताता है कि उसके भावी कहने में मदद करनेवाला स्रोत शक्तिशाली सृजनहार नहीं, बल्कि “भावी कहनेवाली [दुष्ट] आत्मा” थी। इसलिए जब प्रेरित पौलुस ने उस आत्मा या पिशाच को बाहर निकाल दिया तो उस दासी की भावी कहने की शक्ति भी चली गयी।
जब हम यह समझ लेते हैं कि इस तरह से भविष्य बताने का काम दुष्टात्माओं या पिशाचों की तरफ से होता है तो हम जान सकते हैं कि इस्राएल को दी गयी परमेश्वर की व्यवस्था में यह क्यों लिखा था: “तुझ में कोई ऐसा न हो जो . . . भावी कहनेवाला, वा शुभ अशुभ मुहूर्त्तों का माननेवाला, वा टोन्हा, वा तान्त्रिक, वा बाजीगर, वा ओझों से पूछनेवाला, वा भूत साधनेवाला, . . . हो। क्योंकि जितने ऐसे ऐसे काम करते हैं वे सब यहोवा के सम्मुख घृणित हैं।” (व्यवस्थाविवरण १८:१०-१२) दरअसल, व्यवस्था में कहा गया था कि जो भी ऐसे काम करते हैं उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाए।—लैव्यव्यवस्था १९:३१; २०:६.
यह जानकर आपको शायद ताज्जुब हो कि कई अहानिकर दिखनेवाले अंधविश्वासी रीति-रिवाज़ों के पीछे दुष्टात्माओं का हाथ है। मगर बाइबल बताती है कि शैतान “ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करता है।” (२ कुरिन्थियों ११:१४) शैतान और उसके पिशाच खतरनाक रीति-रिवाज़ों को यूँ पेश कर सकते हैं मानो वे हानिकर नहीं, बल्कि फायदेमंद हों। कभी-कभी, वे भविष्य की बातें खुद ही गढ़ते हैं और उन्हें पूरा करके दिखाते हैं जिससे कि देखनेवाले इस धोखे में पड़ जाए कि ये सब बातें परमेश्वर की तरफ से हो रही हैं। (मत्ती ७:२१-२३; २ थिस्सलुनीकियों २:९-१२) इससे साफ-साफ पता चलता है कि क्यों कभी-कभी उन लोगों के कुछ भविष्य-कथन पूरे होते हैं जिन्होंने खास शक्ति होने का दावा किया है।
बेशक, सब-के-सब नहीं तो कई लोग, जो दावा करते हैं कि उनके पास खास-खास शक्तियाँ हैं, ढोंगी निकलते हैं क्योंकि वे सिर्फ नादान और भोले-भाले लोगों को लूटकर पैसा कमाने के लिए ऐसा करते हैं। मगर चाहे वे ढोंगी हों या कुछ और, वे सब-के-सब शैतान के हाथों की कठपुतलियाँ हैं जिन्हें वह लोगों को यहोवा के खिलाफ करने में बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल करता है और वह उन तक ‘तेजोमय सुसमाचार के प्रकाश’ को नहीं पहुँचने देता है।—२ कुरिन्थियों ४:३, ४.
“लकी” समझे जानेवाले तावीज़ और मूर्तिपूजा
“लकी” समझे जानेवाले तावीज़ों और उन अंधविश्वासी रीति-रिवाज़ों के बारे में क्या, जिनके इस्तेमाल से लोग ज़्यादा सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं, और जीवन में होनेवाली घटनाओं पर काबू पाना चाहते हैं? इनसे कुछ ऐसे खतरे खड़े हो सकते हैं जिनका अंदाज़ा नहीं होता। जैसे कि, व्यक्ति फिज़ूल के डर को हावी होने देता है और सोचने-समझने की अपनी क्षमता और अपनी बुद्धि का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं करता। ऐसा करके अनजाने में ही वह अंधविश्वासी व्यक्ति अपनी ज़िंदगी चलाने के हक को अनदेखी आत्माओं के हाथों सौंप देता है।
एक लेखक इसके एक और खतरे के बारे में बताता है। वह कहता है: “अपनी सुरक्षा के लिए जब कोई व्यक्ति गुड लक चार्म जैसे तावीज़ों पर भरोसा करता है और अगर यह विफल हो जाए, तो वह अपने दुर्भाग्य का दोष अपनी करनी पर डालने के बजाय दूसरों की करनी पर लगा सकता है।” (गलतियों ६:७ से तुलना कीजिए।) दिलचस्पी की बात है कि रैल्फ वैल्डो एमरसन नामक एक निबंधकार ने एक बार कहा: “कमज़ोर इंसान लक या भाग्य जैसी बातों में विश्वास करता है . . . मगर नैतिक रूप से मज़बूत इंसान यह विश्वास करता है कि हर घटना के पीछे कोई न कोई कारण ज़रूर होता है।”
हमारी ज़िंदगी में अचानक ही कई घटनाएँ घट जाती हैं और बाइबल भी कहती है कि हम “सब समय और संयोग के वश में है।” (सभोपदेशक ९:११) मगर इन ‘घटनाओं के पीछे कोई न कोई कारण’ ज़रूर होता है और ये “बैड लक” या दुर्भाग्य की वज़ह से नहीं होतीं। मसीही जानते हैं कि इस तरह अचानक होनेवाली घटनाओं का ताल्लुक अंधविश्वासी रीति-रिवाज़ों और जादूई तंत्र-मंत्रों के साथ नहीं है। और जब ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं तब हमें बाइबल में कही गयी इस सच्ची बात की याद आती है: तुम “यह नहीं जानते कि कल क्या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है।”—याकूब ४:१४.
इसके अलावा, सच्चे मसीही जानते हैं कि गुड-लक के तावीज़ों और अंधविश्वासी रीति-रिवाज़ों या आदतों को अकसर बड़ी श्रद्धा की नज़र से देखा जाता है। इसीलिए, मसीही इस तरह के सभी चीज़ों को मूर्तिपूजा समझते हैं जिसकी निंदा परमेश्वर के वचन में साफ-साफ की गयी है।—निर्गमन २०:४, ५; १ यूहन्ना ५:२१.
हम भविष्य के बारे में कैसे जान सकते हैं?
इसका मतलब यह नहीं है कि मसीहियों को अपने भविष्य के बारे में बिलकुल भी चिंता नहीं है। इसके विपरीत, अगर हम जान सकते हैं कि भविष्य में क्या होनेवाला है, तो क्या यह हमारे भले के लिए नहीं होगा और क्या हमें इससे फायदा नहीं होगा? अगर हम पहले से ही जान लेते हैं कि भविष्य में क्या होनेवाला है तब हम उसके मुताबिक कार्य कर सकते हैं और कुछ एहतियाती कदम उठा सकते हैं जिससे हमें और हमारे प्रिय जनों का फायदा हो।
मगर, सही स्रोत से इसकी जानकारी हासिल करना बहुत ज़रूरी है। भविष्यवक्ता यशायाह ने हमें चिताते हुए कहा: “लोग तुमसे ओझाओं और तांत्रिकों के पास जाकर पूछ-ताछ करने के लिए कहेंगे . . . तब तुम उनसे यह कहना, ‘परमेश्वर तुझे जो सिखाता है उस पर कान लगाओ! ओझाओं और तांत्रिकों की बात पर कान मत दो—वे जो भी कहेंगे, उससे तुम्हें कोई फायदा न होगा।’”—यशायाह ८:१९, २०, टुडेज़ इंग्लिश वर्शन।
बाइबल का लेखक ही हमें भविष्य के बारे में भरोसेमंद और सही-सही जानकारी दे सकता है। (२ पतरस १:१९-२१) ईश्वर द्वारा प्रेरित इस किताब में ढेरों सबूत हैं कि जो भविष्यवाणियाँ सबसे शक्तिशाली परमेश्वर यहोवा ने कीं, वे सब भरोसेमंद हैं। असल में, ये उतने ही भरोसेमंद हैं जितना भरोसा हम पंचांगों में दिए गए “पूर्वकथनों” पर करते हैं, जो आकाश के चाँद-तारों की गति के अनुमान पर बताए जाते हैं। बाइबल की भविष्यवाणियों की छोटी-से-छोटी बात भी सही-सही पूरी हुई है, इसे जानने के लिए इस मिसाल पर गौर फरमाइए। मान लीजिए कि आज की कोई बड़ी हस्ती सब लोगों के सामने २०० साल बाद, यानी सन् २१९९ में होनेवाली घटनाओं के बारे में इस तरह भविष्यवाणी करता है:
◻ ऐसे देशों के बीच में बहुत ही बड़ी लड़ाई छिड़ेगी जो अब तक न तो विश्वशक्तियाँ बने हैं ना ही वे एक दूसरे के दुश्मन हैं और यह लड़ाई पूरे इतिहास को बदल देगी।
◻ जो तरीका अपनाया जाएगा वह इंजीनियरी की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और एक बड़ी नदी की धारा को मोड़ दिया जाएगा।
◻ इस लड़ाई के विजेता का नाम फलाना-फलाना होगा—जबकि वह अभी तक पैदा भी नहीं हुआ है।
◻ हारनेवाले राज्य की गत के बारे में भी साफ-साफ बता दिया गया।
अगर ये सभी भविष्यवाणियाँ पूरी हो जाती हैं, तो क्या लोग भविष्य के बारे में उसकी बाकी की बातों पर भरोसा नहीं करने लगेंगे?
जो बातें आपने अभी-अभी पढ़ीं वे सब-की-सब असल में हो चुकी हैं। मादी-फारस ने बाबुल पर कब्ज़ा किया था और इसके कुछ २०० साल पहले ही यहोवा ने भविष्यवक्ता यशायाह के ज़रिए यह कहा था:
◻ मादी-फारस और बाबुल के बीच बहुत बड़ी लड़ाई छिड़ेगी।—यशायाह १३:१७, १९.
◻ जो तरीका अपनाया जाएगा वह है, नगर के चारों तरफ सुरक्षा के लिए जो नदी बहती है उसे सुखा दिया जाएगा। और तो और, इस मज़बूत शहर के फाटक खुले छोड़ दिए जाएँगे।—यशायाह ४४:२७-४५:२.
◻ जीत हासिल करनेवाले राजा का नाम कुस्रू होगा—जिसका जन्म दरअसल करीब १५० साल बाद होनेवाला था।—यशायाह ४५:१.
◻ समय के गुज़रते यह बाबुल पूरी तरह से नाश हो जाएगा।—यशायाह १३:१७-२२.
हम जानते हैं कि ये सभी भविष्यवाणियाँ पूरी हुईं। सो यहोवा के वचन बाइबल में की गयी बाकी भविष्यवाणियों पर भी विचार करने के लिए समय निकालना क्या ज़रूरी नहीं है?
परमेश्वर की तरफ से मिलनेवाला शानदार भविष्य
बाइबल क्या भविष्यवाणी करती है? बाइबल वादा करती है कि परमेश्वर द्वारा बनायी जानेवाली नयी दुनिया में, भविष्य के बारे में असुरक्षित महसूस करने का खौफ नहीं होगा। उस समय के लोगों के बारे में परमेश्वर जो आश्वासन देता है उसे पढ़िए: “कोई [मेरे लोगों] को न डराएगा।”—मीका ४:४.
बाइबल आगे यह भी वादा करती है कि परमेश्वर ‘अपनी मुट्ठी खोलकर, सब प्राणियों को आहार से तृप्त करेगा।’ (भजन १४५:१६) क्या ये सब बातें बहुत समय बाद पूरी होनेवाली हैं? जी नहीं! बाइबल में उन हालातों के बारे में बहुत पहले ही बता दिया गया था जो हम आज इस दुनिया में देख रहे हैं। इससे हमें यह ठोस सबूत मिलता है कि हम इस दुनिया के “अंतिम दिनों” में जी रहे हैं।—२ तीमुथियुस ३:१-५.
बहुत जल्द हमारा प्रेममय सृजनहार इन बुरे हालातों को खत्म कर देगा। वह सभी युद्धों और दुःख-तकलीफों को, साथ ही उन सभी वज़हों को खत्म कर देगा जिनसे लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। इसके अलावा, नफरत, स्वार्थीपन, अपराध और हिंसा भी कल की बात होगी। बाइबल वादा करती है: “नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।”—भजन ३७:१०, ११.
उस नयी दुनिया में लोगों को ढेर सारी आशीषें मिलेंगी जिनमें से एक है अच्छी सेहत। इतनी ही नहीं, गम और मौत भी नहीं रहेंगे। क्योंकि खुद परमेश्वर कहता है: “देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं।”—प्रकाशितवाक्य २१:४, ५.
उस समय किसी भी इंसान पर अचानक से कोई ऐसी बुरी घटना नहीं घटेगी जिससे आज लोगों की ज़िंदगी या तो बदल जाती है या बरबाद हो जाती है। अंधविश्वास की वज़ह से होनेवाले डर और झूठी बातों को पैदा करनेवाले दुष्ट पिशाच और शैतान भी हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाएँगे। ऐसी सच्चाइयाँ बाइबल में लिखी गयी हैं और इनसे हमें क्या ही सकून मिलता है!
[पेज 8, 9 पर तसवीरें]
अंधविश्वास और प्रेतात्मवाद के कारनामे एक दूसरे से करीबी से जुड़े हुए हैं
[चित्र का श्रेय]
Except woman inside crystal ball: Les Wies/Tony Stone Images
[पेज 10 पर तसवीर]
परमेश्वर की नयी दुनिया में अंधविश्वास का नामो-निशान मिटा दिया जाएगा