गीत 18
‘वचन का प्रचार कर’!
1. जा के कर वचन का ऐलान,
है यही आख़री मौक़ा,
है यहोवा का ये फ़रमान,
करें काम उसका पूरा।
तू सुना पैग़ाम को घर घर,
जा के दीनों को सिखा,
कहे जा, लोगों से ना डर,
इसे जग भर में फैला।
2. जा के कर वचन का ऐलान,
चाहे वक़्त हो जैसा भी,
ताकि सुन ले हर इक इंसान,
पाए आशा जीवन की।
गर कभी विरोधी तेरा,
देख तुझे सताएगा,
रख यहोवा पे भरोसा,
वो तुझे बचाएगा।
3. जा के कर वचन का ऐलान,
है ये बेहद ज़रूरी,
जा के कर दुष्टों को सावधान,
आया अंत बहुत क़रीब।
तू सुना वचन औरों को,
तू भी पाए छुटकारा,
ताकि जान ले ये ज़माना,
है यहोवा शहंशाह।