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लोगों से करें प्यार​—सिखाने को रहें तैयार
lmd पाठ 11

बाइबल अध्ययन चलाते वक्‍त

यीशु झील के किनारे लोगों को सिखा रहा है। आस-पास जंगली फूल खिले हुए हैं और आसमान में पंछी उड़ रहे हैं।

मत्ती 6:25-27

पाठ 11

आसान तरीके से सिखाइए

सिद्धांत:  ‘अगर तुम ऐसी बोली न बोलो जो आसानी से समझ आए, तो तुम्हारी बात कौन समझेगा?’​—1 कुरिं. 14:9.

यीशु ने क्या किया?

यीशु झील के किनारे लोगों को सिखा रहा है। आस-पास जंगली फूल खिले हुए हैं और आसमान में पंछी उड़ रहे हैं।

वीडियो: यीशु ने सिखाया कि यहोवा को हमारी परवाह है

1. वीडियो देखिए या मत्ती 6:25-27 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों के बारे में सोचिए:

  1. क. यीशु ने कैसे उदाहरण देकर सिखाया कि यहोवा हमारी परवाह करता है?

  2. ख. यीशु को पंछियों के बारे में बहुत कुछ पता था। फिर भी उसने सिर्फ किस बात पर ध्यान खींचा? यह सिखाने का एक अच्छा तरीका क्यों था?

यीशु से हम क्या सीखते हैं?

2. अगर हम आसान तरीके से सिखाएँगे, तो हमारी बातें लोगों के दिल को छू जाएँगी और वे उन्हें याद रख पाएँगे।

यीशु की तरह हमें क्या करना है?

3. कम बोलिए। हो सकता है कि आप किसी विषय के बारे में बहुत कुछ जानते हों। लेकिन वह सब बताने के बजाय किताब में दी जानकारी पर चर्चा कीजिए। सवाल करने के बाद रुकिए। विद्यार्थी को जवाब देने के लिए वक्‍त दीजिए। अगर वह जवाब नहीं देता या कोई गलत राय बताता है, तो कुछ ऐसे सवाल कीजिए कि वह खुद ही विषय को समझ पाए। जब विद्यार्थी ज़रूरी मुद्दा समझ जाता है, तो आगे बढ़िए।

4. नयी बातों को पहले सीखी हुई बातों से जोड़िए। कुछ नया सिखाने से पहले विद्यार्थी को याद दिलाइए कि उसने उस बारे में पहले क्या सीखा था। जैसे, अगर आप यह सिखानेवाले हैं कि मरे हुओं को दोबारा ज़िंदा किया जाएगा तो आप उससे पूछ सकते हैं कि क्या उसे याद है कि मरने के बाद हमारा क्या होता है।

5. सोच-समझकर उदाहरण दीजिए। कोई उदाहरण देने से पहले सोचिए:

  1. क. ‘क्या यह समझने में आसान है?’

  2. ख. ‘क्या विद्यार्थी तुरंत इसे समझ पाएगा?’

  3. ग. ‘मैं इस उदाहरण से उसे जो बात सिखाना चाहता हूँ, क्या उसे वह बात याद रहेगी या बस उदाहरण याद रहेगा?’

ये भी देखें

मत्ती 11:25; यूह. 16:12; 1 कुरिं. 2:1

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