इन सवालों के जवाब जानिए:
1. ‘पवित्र शक्ति जो कहती है,’ हम उसे कैसे ‘सुन’ सकते हैं? (प्रका. 1:3, 10, 11; 3:19)
2. कड़ी मेहनत करने में और धीरज धरने में क्या बात हमारी मदद करेगी? (प्रका. 2:4)
3. विरोध का सामना करने के लिए हम खुद को कैसे तैयार कर सकते हैं? (नीति. 29:25; प्रका. 2:10, 11)
4. हम यीशु पर विश्वास करने से इनकार ना करें, इसके लिए हमें क्या करना होगा? (प्रका. 2:12-16)
5. हमारे पास जो है, उसे हम कैसे मज़बूती से थामे रह सकते हैं? (प्रका. 2:24, 25; 3:1-3, 7, 8, 10, 11)
6. जोश से सेवा करने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है? (प्रका. 3:14-19; मत्ती 6:25-27, 31-33)
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