बाइबल इतिहास की महान् विश्व शक्तियाँ अपने अंत तक बढ़ती हैं!
क्या आप इतिहास पहले ही लिखे जाने की कल्पना कर सकते हैं? फिर भी, एक ऐसी किताब है जिस ने सचमुच पहले ही इतिहास बता दिया—घटनाओं के होने से सैंकड़ों, कभी-कभी हज़ारों वर्ष पहले भी! यह किताब बाइबल है।
बाइबल ने न केवल प्राचीन घटनाओं का सही-सही रिपोर्ट किया, लेकिन एक बहुत ही आश्चर्यजनक रीति से इसने विश्व इतिहास की प्रमुख रूपरेखा भी पूर्वबतलायी जैसे यह, २,५०० से अधिक वर्ष पहले, प्राचीन बाबुल के समय से अब तक और अपने वर्तमान समय के बाद भी, परमेश्वर के लोगों पर असर करता।
दानिय्येल को, जो हमारे सामान्य युग पूर्व छठी सदी में जीनेवाला एक भविष्यद्वक्ता था, चार अलग अलग प्रकटन दिए गए जो कि विश्व इतिहास के भविष्य से संबंधित थे। उसने अपनी जानकारी कहाँ से प्राप्त की? दानिय्येल ने कहा: “भेदों का प्रगटकर्ता परमेश्वर स्वर्ग में है।” (दानिय्येल २:२८) प्राचीन विश्व शक्तियों द्वारा छोड़े खंडहर को अनावृत करते हुए, पुरातत्त्वज्ञों ने बाइबल में पाए इतिहास और भविष्यद्वाणी, दोनों की सच्चाई के लिए भौचक्का कर देनेवाला सबूत खोज निकाला है।
बाइबलीय इतिहास की दो महान् विश्व शक्तियाँ, मिस्र और अश्शूर, दानिय्येल के समय से बहुत पहले अस्तित्व में थीं। दानिय्येल के समय में बाबुल राज्य कर रही थी, और उत्तरवर्ती दो विश्व शक्तियों के नाम भविष्यद्वक्ता को प्रकट किए गए थे। (दानिय्येल २:४७, ४८; ८:२०, २१) इनके बाद दो और आती, जो हमें वर्तमान काल तक ले आती।
कितनी?
बाइबल के अनुसार, ऐसी कितनी विश्व शक्तियाँ होतीं? जवाब वृद्ध प्रेरित यूहन्ना को दिया गया और यह दिखाता है कि समय की धारा में हम कहाँ स्थित हैं। एक स्वर्गदूत ने यूहन्ना से कहा: “सात राजा भी हैं; पाँच तो आ चुके हैं, और एक अभी है; और एक अब तक आया नहीं।”—प्रकाशितवाक्य १७:१०.
यूहन्ना के समय तक कौनसी पाँच विश्व शक्तियाँ आकर चली गयी थीं? मिस्र, अश्शूर, बाबुल, मादी-फ़ारसी, और यूनान। कौनसी शक्ति तब अस्तित्व में थी? रोम। और कौनसी ‘अब तक आयी न थी?’ हमारे समय के अँग्लो-अमरीकी विश्व शक्ति। यही विश्व शक्तियाँ हैं जिन से परमेश्वर के, प्राचीन और आधुनिक, लोग मुख्य रूप से संबंधित रहे हैं।
एक खास तौर से महत्त्वपूर्ण वास्तविकता यह है: ऐसी विश्व शक्तियों के सिर्फ़ सात शक्तियों का अनुक्रम होनेवाला था! एक समकालीन आठवीं शक्ति, जिस में सातों के अवशेष होते, उसके बारे में पूर्वबतलाया गया कि वह सातवें के दिनों में थोड़े समय के लिए अस्तित्व में रहती। (प्रकाशितवाक्य १७:१०, ११) इसका मतलब है कि हम मनुष्यों द्वारा प्रशासित महान् विश्व शक्तियों की आख़री शक्ति के समय में जी रहे हैं। अब कोई और न होंगी!
अब जल्द ही, ऐसा समय आएगा जब विश्व शक्तियों का काल बीत चुका होगा। दानिय्येल ने भविष्यवाणी की कि ये मानवी व्यवस्थाएँ चूर-चूर कर दिए जाएँगे और ‘हवा से उड़ा दिए जाएँगे।’ (दानिय्येल २:३५) उनके बदले क्या आएगा? एक कहीं ज़्यादा बेहतर चीज़! दानिय्येल बताता है: “उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्त काल तक न टूटेगा। . . . वह उन सब राज्यों को चूर-चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा, और वह अनिश्चित काल के लिए,” सदाकाल तक, “स्थिर रहेगा।” (दानिय्येल २:४४; न्यू.व.) तो परमेश्वर के राज्य से कोई कम महत्त्वपूर्ण शक्ति इन मानवी विश्व शक्तियों की जगह न लेगी। विश्व शासकत्व में कैसा शानदार सुधार!
बेशक आप विश्व शक्तियों के बारे में कुछ जानते हैं। पर क्या उनके रीति-रिवाज़, उनके धर्म, परमेश्वर के लोगों और बाइबल भविष्यवाणी के साथ उनके संबंध का अधिक ज्ञान, आपको शास्त्रों के प्रकाश में मानवजाति के इतिहास के बारे में अधिक समझने की मदद करेगा?
हाँ, बेशक। तो, इस अंक से शुरुआत करके, विश्व शक्तियों से संबंधित आठ लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित करने में हमें खुशी होती है। इन लेखों से आपको यह विश्वास होने की मदद होगी कि बाइबल में बतलाया गया इतिहास निर्भरता के योग्य और भरोसेमंद है। इनसे इस वास्तविकता में आपका विश्वास सदृढ़ होगा कि बाइबल की भविष्यवाणियाँ विश्वासयोग्य और सही हैं! इस श्रृंखला का अगला लेख इस पत्रिका के अगस्त १९८९ अंक में प्रकाशित होगा।