क्या मुझे अपना धर्म परिवर्तन करना चाहिये?
ओकीनावा के नाहा हवाई अड्डे से, पायलेट ने १०१ यात्रियों के साथ, अभी कुछ देर पूर्व ही उड़ान भरी थी। अचानक उसने देखा कि तीन मौसम सर्वेक्षण विमान उसकी ओर मुंह किये टकराने की स्थिति में उड़े चले आ रहे हैं। तुरंत निर्णय लेकर विमान चालक विमान को तेजी से बांयी ओर मोड़ देता है तथा बीच हवा में टक्कर से बचा कर अपनी और अपने यात्रियों की जान बचा लेता है। जैसा कि उत्तरी जापान के एक समाचार पत्र में छपा था, बचाव की यह घटना यह प्रदर्शित करती है कि जीवन बचाने के लिये कभी-कभी एक प्रबल परिवर्तन करना आवश्यक हो जाता है।
फिर भी, बहुत से लोग महसूस करते हैं कि किसी का धर्म परिवर्तन करना एक अलग विषय है। भयाक्रान्त स्थिति सामने आ जाती है। यह एक नये अपरिचित मार्ग पर चलना प्रारम्भ करने का भय है। श्रीमती ताची जिसने यहोवा के गवाहों के साथ बाइबल अध्ययन किया, स्वयं को इस प्रकार से स्पष्ट करती है, “बहुत से लोगों को जिन्हें मैं जानती हूँ, धर्म और धन के प्रति अपने ही विचारों पर सन्देह है। लेकिन बचपन से हमने देखा और सीखा है वह धार्मिक पर्ब और रीतियाँ हैं। हमने कभी होजी (मृतकों की याद में मनाये जाने वाले बौद्ध पर्ब) के आध्यात्मिक अर्थ के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। होज़ी हमारे लिये मित्रों तथा सम्बन्धियों के साथ एक अच्छा समय बिताने का अवसर है। उन बातों को छोड़ने या उससे भी बदतर परिवार से बेदल किये जाने का विचार ही मुझे भयभीत कर देता।” सम्भवतः धर्म के बारे में यही अनुभव आपके सम्प्रदाय के लोगों में भी है।
इसके अलावा अन्य बातों का भय भी है। कुछ स्थानों पर लोगों को अपना धर्म परिवर्तन करने पर दैवीय प्रतिशोध का सामना करने का भय भी है। एक स्त्री जिसने जापान में बाइबल अध्ययन करना प्रारम्भ किया, उसे उसके रिश्तेदारों ने बताया कि वह स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याओं का सामना करेगी क्योंकि उसने “अपने पूर्वजों की उपेक्षा की है।” और “विदेशी धर्म” सीख कर उनके कोप का भाजन बनी है।
लोगों को अपना धर्म परिवर्तन करने से रोकने वाला अन्य भय अपने वैवाहिक साथी या माता-पिता को अप्रसन्न करने का भय है। बहुत से पूर्वीय देशों में जहाँ माता-पिता और परिवार के प्रति वफादारी को महत्व दिया जाता है, वहाँ एक नई पत्नी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह उस परिवार की धार्मिक रीतियों को समर्थन दे। यदि वह दम्पत्ति धार्मिक नहीं है, फिर भी परिवार के साथ एक अच्छा सम्बन्ध और उसके धार्मिक मानदण्डों को बनाये रखने को महत्वपूर्ण माना जाता है। एक युवा दम्पत्ति ने “पारिवारिक मंत्रणा” के दौरान ज्यादा दबाव डाले जाने पर बाइबल अध्ययन करना छोड़ दिया। पति ने, जिसने बाद में फिर से अध्ययन शुरू किया था, बताया कि “वास्तव में हम मनुष्यों से डरते हैं। हम सोचते हैं कि हमें अपना माता पिता के प्रति आज्ञाकारी रहना चाहिये और हम अपना धर्म बदल कर उन्हें चोट नहीं पहुँचाना चाहते।”
इससे एक दूसरा विचार ध्यान में आता है कि क्यों बहुत से लोग अपना धर्म बदलने से डरते हैं: भिन्न देखा जाना जो किसी को भी पसन्द नहीं। ऊपर उल्लिखित परिवार में, माता-पिता द्वारा बाइबल अध्ययन बन्द करने के लिये युगल दम्पत्ति को दिये गये कारणों में से एक कारण यह था कि वे अपने बच्चों को सामाजिक गतिविधियों से अलग या निष्कासित नहीं देखना चाहते थे।
अतः क्या मुझे अपना धर्म परिवर्तन करना चाहिये? इस प्रश्न में बहुत भय सम्मिलित है। परिणामस्वरूप बहुत से लोग दार्शनिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, कि यह कहकर कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई किस धर्म का पालन करते हैं? क्या सब धर्म अलग-अलग मार्ग नहीं है जो एक ही लक्ष्य की ओर ले जाते हैं? इस तरह से जब धर्म की बात आती है वे उन तीन विख्यात बन्दरों के समान हो जाते हैं जो कि बुरा मत देखते हैं, बुरा मत सुनते हैं, बुरा मत कहते हैं।
परन्तु कुछ लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन किया है। क्यों? इनमें से बहुतों के लिए इसका अर्थ उस धर्म का मानने से है जो वर्तमान में स्वास्थ्य और आर्थिक लाभ का वचन देते हैं और उसी समय अपनी परम्परागत प्रधायें और विधियाँ जारी रखते हैं। परन्तु दूसरों के लिये यह एक वास्तविक और पूर्ण परिवर्तन है। हालाँकि आप भी सोच रहे होंगे कि क्या मेरे पास अपना धर्म परिवर्तन के लिए पर्याप्त कारण हैं? क्यों कुछ लोग परिवर्तन के इच्छुक हैं? यह परिवर्तन क्या मेरे जीवन पर वास्तविक प्रभाव डालेगा? उत्तर पाने के लिये हम आपको अगाले लेख का अध्ययन करने का निमन्त्रण देते हैं।
[पेज 3 पर तसवीरें]
लोगों को अपनी परम्परागत धार्मिक रीतियों से जुड़े रहने में क्या मदद करता है?