खूबसूरती सिर्फ़ ऊपरी हो सकती है
हव्वा, जो परमेश्वर द्वारा सृजी पहली और एकमात्र स्त्री थी, शायद सबसे खूबसूरत स्त्री रही होंगी। लेकिन उसने और उसके पति, आदम ने यहोवा के ख़िलाफ़ विद्रोह किया। इसलिए हव्वा ने परमेश्वर के साथ अपना नज़दीक़ी रिश्ता खो दिया और मनुष्यजाति पर एक भयंकर विपत्ति लाने में हिस्सा लिया। बाद में, वह बेशक खूबसूरत ही थी, लेकिन उसकी खूबसूरती सिर्फ़ ऊपरी थी।
खूबसूरती आख़िर परमेश्वर की एक देन होती है, और कुछों ने दूसरों से इसका ज़्यादा हिस्सा विरासत में पाया है। कुछेक की इच्छा होती है कि वे अब से ज़्यादा खूबसूरत—या रूपवान्—हों, और कई अपनी सुन्दरता का पूरा-पूरा फ़ायदा उठाने के लिए बहुत समय और पैसा ख़र्च करते हैं। लेकिन जैसा कि हव्वा के मिसाल से पता चलता है, अंत में सिर्फ़ खूबसूरती ही व्यर्थ है जब तक कि उसके साथ साथ अन्य गुण न हों। कौनसे अन्य गुण? राजा सुलैमान के दिनों का एक अनुभव हमें उसका जवाब देने की मदद करता है।
खूबसूरती से ज़्यादा और कुछ
श्रेष्ठगीत की बाइबल किताब हमें एक सुन्दर जवान देहातिन, एक शूलेम्मिन, के बारे में बताती है, जो अपने इलाके के एक चरवाहे से प्रेम करती थी। उसकी सुन्दरता ने राजा का ध्यान आकर्षित किया, और उसे अपनी पत्नी बनाने की उम्मीद से, उसके आदेश पर उसे यरूशलेम लाया गया। यह एक तरुणी के लिए क्या ही मौक़ा था! वहाँ, वह अपनी खूबसूरती का फ़ायदा उठा सकती थी, और राज्य में धन, प्राधिकार और प्रभाव का एक पद हासिल कर सकती थी। लेकिन युवती ने राजा के सब्ज़बाग दिखानेवाले प्रस्ताव अटलता से ठुकरा दिए। उसने यरूशलेम की चमचमाहट और धन से मुँह मोड़ लिया और अपने चरवाहे से वफ़ादार रही। उसकी स्थिति में खूबसूरती सिर्फ़ ऊपरी होने से बहुत ज़्यादा थी। वह छिछली, अवसरवादी या लोभी न थी। बल्कि, उस में एक ऐसी भीतरी खूबसूरती थी, जो उसकी पूर्वजा हव्वा में न थी।—श्रेष्ठगीत १:१५; ४:१; ८:४, ६, १०.
शारीरिक खूबसूरती के फंदे
शारीरिक खूबसूरती, जबकि वांछनीय है, उससे अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जो भीतरी खूबसूरती कभी नहीं उत्पन्न करती। मसलन, लगभग ४,००० साल पहले, कुलपिता याकूब को दीना नाम की एक बेटी थी, जो बेशक बहुत ही खूबसूरत थी। जब उसने अविवेक से “देश की लड़कियों” के साथ मिलने-जुलने में समय बिताया, शकेम नाम का एक जवान उस से इतना आकर्षित हुआ कि उसने उसे भ्रष्ट कर दिया।—उत्पत्ति ३४:१, २.
इसके अतिरिक्त, अगर बाहरी खूबसूरती के बराबर भीतरी खूबसूरती न हो, तो यह उसके धारणकर्ता का आत्म-मूल्यांकन फूला सकता है। राजा दाऊद को अबशालोम नाम का एक बेटा था, जिसके बारे में हम पढ़ते हैं: “समस्त इस्राएल में सुन्दरता के कारण बहुत प्रशंसा योग्य अबशालोम के तुल्य और कोई न था।” (२ शमूएल १४:२५) लेकिन अबशालोम की शारीरिक खूबसूरती एक भीतरी बदसूरती छिपाती थी: वह गर्वीला, उच्चाकांक्षी और निर्दय था। उस तरुण ने इस्राएल में समर्थक हासिल करने के लिए अपना निजी लावण्य चालाकी से इस्तेमाल किया और फिर अपने शाही पिता के ख़िलाफ़ षड्यन्त्र किया। आख़िर में, वह मार दिया तो गया लेकिन उस के बाद ही कि इस अत्यंत रूपवान् पुरुष ने राज्य को गृह-युद्ध में धकेल दिया।
मर्दाना खूबसूरती
जैसा कि अबशालोम के मिसाल से प्रकट होता है बाइबल स्त्रियों के साथ-साथ पुरुषों का खूबसूरत होने के विषय में बताती है। अपनी मर्दाना खूबसूरती से न फंसनेवाले एक ऐसे पुरुष का मिसाल यूसुफ था, जो दीना का सौतेला अनुज था। (उत्पत्ति ३०:२०-२४) जब वह एक तरुण था, यूसुफ के भाइयों ने उससे जलकर उसे एक ग़ुलाम के तौर से बेच दिया था, जिसकी वजह से उसे मिस्र ले जाया गया। वहाँ, पोतीफार नाम के एक सैन्य अधिकारी ने उसे ख़रीद लिया, और चूँकि वह ईमानदार और कर्मनिष्ठ था, वह पोतीफार की गृहस्थी में अध्यक्ष बन गया। इस दौरान, “यूसुफ बड़ा होकर सुन्दर और रूपवान् बन गया था।”—उत्पत्ति ३९:६, न्यू.व.
पोतीफार की पत्नी में यूसुफ के लिए कामवासना जाग उठी और उसने उसे निर्लज्जता से हासिल करने की कोशिश की। लेकिन उस तरुण ने दिखाया कि उस में शारीरिक आकर्षण के साथ-साथ एक भीतरी खूबसूरती थी। उसने अपने स्वामी, पोतीफार, के ख़िलाफ़ पाप करना अस्वीकार किया, और वह उस स्त्री से भाग गया। इसके फलस्वरूप, उसे क़ैदखाने में फेंक दिया गया। क्यों? पोतीफार की निराश पत्नी ने उस पर झूठा दोष लगाया कि उसने उसे भ्रष्ट करने की कोशिश की थी! बहरहाल, इस कड़वे अनुभव से भी यूसुफ का स्वभाव चिड़चिड़ा न हुआ, और तब से सच्चे दिलवाले अत्यंत मुश्किल में उसके उत्तम मिसाल से प्रोत्साहित हुए हैं।
जैसा कि ये मिसाल दिखाते हैं, भीतरी खूबसूरती—व्यक्तित्व की खूबसूरती, खास तौर से जब यह परमेश्वर में विश्वास पर आधारित है—शारीरिक सुन्दरता से बहुत ही ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। विवाह के बारे में सोच रहे युवजन को इसके बारे में अवगत होना चाहिए। कर्मचारी ढूँढ़नेवाले नियोक्ताओं को यह याद रखना चाहिए। और हम सब को यह याद रखना चाहिए कि चाहे हमें शारीरिक खूबसूरती का आशीर्वाद हो या न हो, हम इस और भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण भीतरी खूबसूरती विकसित कर सकते हैं। पर इस में क्या समाविष्ट है? और हम इसे कैसे विकसित कर सकते हैं? इस पर हम अगले लेख में विचार-विमर्श करेंगे।