बड़ी बाबेलोन पतित और न्यायदंडित
“वह गिर पड़ी है! वह बड़ी बाबेलोन गिर पड़ी है, जिस ने अपने व्यभिचार की कोपमय मदिरा सारी जातियों को पिलाई है!” “बड़ी बाबेलोन गिर गयी है, और वह दुष्टात्माओं का निवास, और हर एक अशुद्ध आत्मा का अड्डा, और हर एक अशुद्ध और घृणित पक्षी का अड्डा हो गयी है!”—प्रकाशितवाक्य १४:८; १८:२.
कैसी चौंका देनेवाली भविष्यवाणी! “बड़ी बाबेलोन गिर पड़ी है!” इस प्रतीकात्मक वाक्य ने सदियों से बाइबल के विद्यार्थियों में कुतूहल उत्पन्न किया है। आप को इस के विषय दिलचस्पी क्यों होनी चाहिए? इसलिए कि, बाइबल भविष्यवाणी के अनुसार, बड़ी बाबेलोन की नियति जल्द ही सारी मानवजाति पर असर करनेवाली है। जैसे कि हमने इस पत्रिका के अप्रैल १ और मई १ अंकों में देखा है, इस प्रभावशाली वेश्या की पहचान स्पष्ट रूप से शैतान का झूठे धर्म के विश्व-व्याप्त साम्राज्य के तौर से की गयी है।a
लेकिन वह किस तरह गिर पड़ी है? और कब?
बाबेलोन पतित पर विनष्ट नहीं
बड़ी बाबेलोन के पतन का पूरा अभिप्राय समझने के लिए, हमें सामान्य युग पूर्व ५३९ में प्राचीन बाबेलोन के पराजय के समय क्या हुआ, यह समझना पड़ेगा। उस समय परमेश्वर के लोग, इस्राएल, क़रीब-क़रीब ७० वर्षों तक क़ैद में थे। उनके भविष्यद्वक्ताओं के शब्दों के अनुसार अब वे रिहाई की उम्मीद कर रहे थे। (यिर्मयाह २५:११, १२; २९:१०) वे कितने खुश हुए होंगे जब फ़ारसी कुस्रू ने बाबेलोन का अधःपतन करके यहूदियों को अपने पवित्र नगर, यरूशलेम तक की लंबी यात्रा करने के लिए रिहा कर दिया!—यशायाह ४५:१-४.
परंतु, यद्यपि यहूदियों पर से बाबोलोन का सत्ता टूट चुका था, इसका यह मतलब न था कि प्राचीन बाबेलोन ख़त्म हो चुकी थी। इतिहासकार जोन ओटस् अपनी किताब बाबेलोन में लिखती है: “कुस्रू ने विजयी होकर बाबेलोन में प्रवेश किया, लूटमार निषिद्ध किया और, धार्मिक संस्थानों तथा नागरिक शासन को अबाधित छोड़कर, एक फ़ारसी राज्यपाल को नियुक्त किया। . . . वास्तव में ऊपरी रूप से प्रकट होता है कि फ़ारसी शासन के अधीनस्थ बाबेली नागरिकों की ज़ाती ज़िन्दगी में बहुत कम परिवर्तन हुआ। धार्मिक रीतियों को वैसे के वैसे रखा गया और व्यापारिक कार्यकलाप में समृद्धि हुई।” इस प्रकार, उसके पतन के बावजूद, बाबेलोन चलती रही, लेकिन एक अब एक बड़ा फ़र्क था—परमेश्वर के लोग, इस्राएल, अब और क़ैदी न थे। वे यरूशलेम लौट गए, ताकि वहाँ सच्ची उपासना पुनःस्थापित करें।
सा.यु.पू. लगभग ३३१ में, जब यूनानी सेनापति महान् सिकंदर ने बाबेलोन में प्रवेश किया, नागरिकों ने उसका हादिर्क स्वागत किया। उसने तै किया कि वह उस नगर को अपनी पूरबी राजधानी बनाना चाहता था, लेकिन अपनी महत्त्वाकांक्षा पूरी करने से पहले ही वह मर गया। इस से जान पड़ता है कि उस समय भी बाबेलोन एक फलता-फूलता नगर था।
इस प्रकार, सा.यु.पू. ५३९ में बाबेलोन के पतन का मतलब न था कि उसका अस्तित्व समाप्त हो गया था। वह सदियों तक चलती रही। बड़ी बाबेलोन को संबद्ध करनेवाली भविष्यवाणियों में यह किस तरह प्रतिबिंबित हुआ है?
बड़ी बाबेलोन गिर पड़ती है
प्रतीकात्मक बड़ी बाबेलोन, झूठे धर्म के विश्व-व्याप्त साम्राज्य, के पतन में इसकी अनुरूपता है। हमारे २०वीं सदी के प्रारंभिक हिस्से में, १९१९ से पहले, बाइबल विद्यार्थियों को, जिस नाम से यहोवा के गवाह उस समय जाने जाते थे, झूठे धर्म के विचारों और अभ्यासों की एक प्रकार की आत्मिक क़ैद से रिहा करना था। हालाँकि उन्होंने त्रियेक और अमर जीवात्मा जैसे झूठे उपदेश ठुकराए थे, वे अब भी बाबेलवत् अभ्यासों से दूषित थे। अनेकों ने अपने चरित्र विकास में एक पाखंडी अभिवृत्ति विकसित की थी। कुछ लोग मनुष्यों को ऊँचे उठा रहे थे, और वॉचटावर बाइबल ॲन्ड ट्रैक्ट सोसाइटी के सभापति, चार्ल्स् टी. रस्सेल पर केंद्रित होनेवाली व्यक्ति-पूजा में आसक्त हुए थे। कोई भी बाइबलीय आधार के बिना ही, वे सालगिरह और क्रिस्मस मना रहे थे। उनकी विचारणा में क्रूस की प्रमुख जगह थी। कुछ लोग क्रूस-और-मुकुट का प्रतीक भी लैपल पर पहनते थे, जबकि दूसरे लोग मसीहीजगत् को दी सम्माननीयता की खोज में लग गए थे। फिर, १९१७ में, रस्सेल की मृत्यु की थोड़ी देर बाद, एक अर्थपूर्ण परिवर्तन घटित होने लगा।
उस वर्ष वॉचटावर सोसाइटी ने द फ़िनिश्ट मिस्ट्री, इस शीर्षक के नीचे प्रकाशितवाक्य पर एक टिप्पणी प्रकाशित की। इस किताब ने मसीहीजगत् के पादरी वर्ग का भाँडा-फ़ोड़ किया, जिस में उस वक्त यूरोप में प्रचंडता से चल रहे महा युद्ध में उनका उलझाव भी समाविष्ट था। कुछ प्रोटेस्टेन्ट पादरियों ने, जो कि कॅनाडा में बड़ी बाबेलोन के प्रतिनिधियों का एक गुट हैं, कॅनाडा के सरकार में अपने राजनीतिक घनिष्ठ मित्रों को ये उद्धरण दिखा दिए और बाइबल विद्यार्थियों को देशद्रोही कहकर दोषारोपित किया। फरवरी १२, १९१८, के रोज़, कॅनाडा में वॉचटावर सोसाइटी पर प्रतिबन्ध लग गया।
उनके कॅनाडावासी भाइयों के उदाहरण का अनुकरण करने में संयुक्त राज्य अमेरिका के पादरी वर्ग ने बिल्कुल विलंब न किया। कुछ ही दिनों के अन्दर, लॉस ॲन्जेलीज़, यू. एस. ए. में वॉचटावर प्रकाशन ज़ब्त किए गए। फिर, मई १९१८ में, जे. एफ़. रदरफर्ड, वॉचटावर सोसाइटी के नए सभापति, और सात अन्य वॉचटावर साथियों की गिरफ़्तारी के वारंट निकाले गए। जून में, आश्चर्यजनक शीघ्रता से, इन मसीही आदमियों को अदालत के सामने लाया गया और अपराधी ठहराया गया। सात आदमियों को एक बंदीगृह में २० साल की सज़ा सुनायी गयी, और एक को १० साल की। पादरी वर्ग की क्या प्रतिक्रिया थी? मार्टिन मार्टी अपनी किताब मॉडर्न अमेरिकन रिलिजियन: दी आइरनी ऑफ़ इट ऑल (आधुनिक अमरीकन धर्म: उस में का व्यंग्य) में कहता है: “पादरी वर्ग रस्सेलियों [जो बाद में यहोवा के गवाह के तौर से जाने गए] के ख़िलाफ़ हो गया और अभिशंसित वॉचटावर अगुवाओं पर लगाए बीस-वर्षीय सज़ाओं के विषय सुनकर उन्होंने वाह-वाह की।” बड़ी बाबेलोन के प्रतिनिधि हँस रहे थे। उन्होंने इस बात की अनदेखी की कि पिछले हार के बाद जीत में ज़्यादा मज़ा है।
इस प्रकार, १९१८ में, बाबेलोन में की प्रतीकात्मक क़ैदी-स्थिति, यहोवा के कुछ लोगों के लिए वास्तविक क़ैदी-स्थिति भी बन गयी। बाइबल विद्यार्थियों के विरुद्ध उत्पीड़न की एक लहर संयुक्त राज्य अमेरिका, कॅनाडा और दूसरे देशों में दूर-दूर तक फैल गयी। उन्हें शहर से बाहर भगाने के लिए राष्ट्रीयवादी पादरियों ने अनेक भीड़ संघटित किए। बाइबल विद्यार्थियों पर डामर लगाकर पंखों से ढक दिया गया और लाठी से मार दिया गया। सच्चे मसीहियों की यह छोटी अल्पसंख्या के ख़िलाफ़ अन्याय का एक लज्जाजनक रिकार्ड स्थापित किया गया।b
फिर, १९१९ में, घटनाओं का एक अप्रत्याशित उलटाव घटित हुआ। महा युद्ध नवंबर १९१८ में समाप्त हुआ था। वॉचटावर सोसाइटी के अधिकारियों के ख़िलाफ़ सज़ाएँ एक घोर न्याय-हत्या होने के तौर से अपील की गयीं। रदरफर्ड और उसके साथी जेल से रिहा किए गए, जिस से उनके धार्मिक शत्रुओं को संताप हुआ। जैसे मार्टी कहता है: “परंपरावादी चर्च सदस्यों से कोई वाह-वाह न आयी।” आख़िरकार, सभी अभियुक्त पूर्ण रूप से निर्दोष ठहराए गए। पक्षपातपूर्ण कैथोलिक न्यायाधीश, मार्टिन टी. मॅन्टन ने, जिसे बाद में पोप पायस XI ने “महान संत ग्रिगोरी के संघ का सामंत” बना दिया, आठ गवाहों की ज़मानत नामंजूर की थी और इस तरह नौ महीने के लिए उनके अन्यायी क़ैद का कारण बन गया था। बाद में, १९३९ में उसके सच्चे रंग दिख पड़े, जब उसे रिश्वत माँगने के जुर्म में जेल भेजा गया!
१९१९ में जेल से छूटने पर, रदरफर्ड और उसके साथी वॉचटावर सोसाइटी के ब्रुक्लिन मुख़्यालय लौट आए। उसके बाद वे सबसे बड़ा राज्य प्रचार-कार्य अभियान, जो दुनिया ने कभी जाना है, पुनःसंगठित करने में लग गए। बाइबल विद्यार्थियों ने मनुष्य के भय की बेड़ियाँ तोड़ दी थीं और अब उन्होंने स्पष्ट रूप से देखा कि सभी झूठे धर्म से संबंधित उनकी स्थिति क्या थी। बड़ी बाबेलोन उनकी निरंतर दुश्मन थी और पतित होने के तौर से उसका भाँडा-फोड़ करना ही पड़ेगा। सच्ची उपासना को अन्यजातियों में पुनःस्थापित करना ही पड़ेगा।
उन निर्भीक मसीहियों ने अपनी घर-घर की सेवकाई बढ़ा दी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से भी प्लेकार्डों सहित प्रदर्शन किया, जिन पर लिखा था: “धर्म एक फंदा और एक ठग व्यापार है” और “परमेश्वर और राजा मसीह की सेवा करो।” झूठा धर्म तब भी पनपता और चलता रहा, जैसे उसने प्राचीन बाबेलोन में किया था, लेकिन यहोवा के गवाहों के संबंध में, बड़ी बाबेलोन १९१९ में ही गिर गयी थी। वे बाबेलवत् क़ैद से मुक्त थे!
बाबेलोन का घटनेवाला प्रभाव
अब, ७० वर्ष बाद, हम देख सकते हैं कि दुनिया के कई भागों में, बड़ी बाबेलोन का प्रभाव घट गया है। सच, ऐसा लगता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में धर्म अब भी पनप रहा है, जहाँ टी.वी. ईसाई धर्म प्रचारक और धार्मिक मनोविज्ञानी जनसाधारण के एक अधिक भावुक विभाग का फ़ायदा उठाते हैं। फिर भी, हाल में इन भौतिकवादी कपटियों में से कुछेकों को भी बेनक़ाब करके पदच्युत किया गया है। प्रतीत होता है कि रीपब्लिक ऑफ कोरिया में धर्म पनप रहा है, जहाँ मसीहीजगत् के चर्चें राजनीति में गहराई से अंतर्ग्रस्त हैं। प्रत्यक्ष रूप से, बड़ी बाबेलोन, हालाँकि “पतित” है, अब भी चल रही है।
परंतु, विश्व युद्धों के पश्चात्, जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन, और ब्रिटन जैसे देशों में परंपरावादी धर्म ने अपना व्यापक शिष्य-समुदाय खो दिया है। इटली, स्पेन, और फ्रांस जैसे कैथोलिक देशों में भी, पाप-स्वीकृति और मिस्सा में उपस्थिति के परंपरागत कैथोलिक रिवाज़ों में एक ह्लास देखने को मिलता है। पुरोहिताई के लिए पढ़नेवालों की संख्या सीधे गिर गयी है। और, यही वास्तविकता कि इतिहास में बाक़ी किसी भी पोप से ज़्यादा, वर्तमान पोप को दुनिया भर घूमने की आवश्यकता महसूस होती है, एक संकटग्रस्त चर्च का लक्षण है।
इसके अतिरिक्त, १९१७ से अधिकांश समाजवादी देशों ने धर्म को एक अप्रधान भूमिका में रखा है और उसके भूतपूर्व राजनीतिक प्रभावकारिता को काट दिया है। विश्व पैमाने पर, परंपरागत धर्म अब भी इतना द्वेष और रक्तपात का कारण है कि कई विचारशील लोगों ने सभी धर्म, चाहे वह पश्चिमी हो या पूर्वी, की ओर पीठ फेर दिया है। जी हाँ, वे प्रतीकात्मक पानी जिस पर बड़ी बाबेलोन बैठती है, उसके नियंत्रण के अधीन लोग, सूख रहे हैं। बड़ी बाबेलोन का न्याय हो रहा है, और उसका प्राणदंड निकट है।—प्रकाशितवाक्य १६:१२; १७:१, १५.
बाबेलोन—क्यों न्यायदंड़ित है
यहोवा को झूठे धर्म के विश्व-व्याप्त साम्राज्य पर न्यायदंड सुनाने का क्या आधार है? निश्चय ही, कुछ शायद सोचेंगे, कि विविध धर्मों ने जो सभी पाठशालाएँ, अस्पतालें, और दानशील कार्य प्रवर्तित किए हैं, उनकी ओर उसे कृपाभाव से विचार करना चाहिए। मगर दुनिया के धर्मों पर यहोवा जो अभ्यारोपण का दोष लगाता है, ये सारी बातें किस तरह उसके बराबर होती हैं? आइए, हम संक्षिप्त में उस अभ्यारोपण और धर्म के इतिहास की जाँच करें।c
“और जिन सात स्वर्गदूतों के पास वे सात कटोरे थे, उन में से एक ने आकर मुझ से यह कहा कि ‘इधर आ, मैं तुझे उस बड़ी वेश्या का दंड दिखाऊँ, जो बहुत से पानियों पर बैठी है। जिस के साथ पृथ्वी के राजाओं ने व्यभिचार किया, और पृथ्वी के रहनेवाले उसके व्यभिचार की मदिरा से मतवाले किए गए थे।’” (प्रकाशितवाक्य १७:१, २) जैसे कि हम ने हमारे अप्रैल १ और मई १, १९८९, के अंकों में स्पष्ट रूप से दिखाया है, पूरे इतिहास में लोगों का नुक़सान होने तक, राष्ट्रीय शासक, “पृथ्वी के राजाओं” के साथ धर्म की साँठ-गाँठ की तुलना एक स्वार्थपरायण, व्यभिचार करनेवाली वेश्या के आचरण से की जा सकती है। लेकिन अभ्यारोपण जारी है।
“और मैं ने उस स्त्री को पवित्र लोगों के लोहू और यीशु के गवाहों के लोहू पीने से मतवाली देखा।” “हाँ, भविष्यद्वक्ताओं और पवित्र लोगों, और पृथ्वी पर सब घात किए हुओं का लोहू उसी में पाया गया।” (प्रकाशितवाक्य १७:६; १८:२४; न्यू.व.) बड़ी बाबेलोन पर हत्यारेपन का दोष लगाया जाना चाहिए इसलिए कि इन सदियों भर में इस ने सच्चे मसीहियों को शहीद करवाया है, जिन में वे लोग भी सम्मिलित हैं जिन्होंने जनता की भाषा में बाइबल का अनुवाद करने का साहस किया, और अनेक भी, जिन्होंने बाइबल की एक प्रति का मालिक होने या उसे पढ़ने की हिम्मत की। बड़ी बाबेलोन उन सच्चे मसीहियों की वजह से भी रक्तपात का दोषी है, जो ज़्यादा हाल में जेलों और नज़रबंदी शिबिरों में, चाहे वे नाट्ज़ीवादी, फॅसिस्टवादी, या अन्य तानाशाह सरकारों के नीचे हों, शहीद हुए हैं। ग़ौर करें कि अभ्यारोपण “पृथ्वी पर सब घात किए हुओं” का ज़िक्र करता है, जिन में दुनिया भर के करोड़ों लोगों का समावेश होगा, जो पूरे इतिहास में उन युद्धों और कुलबैरों में मारे गए हैं, जिन में धार्मिक होने का दावा करनेवाले लोगों ने लड़ाई की।—तुलना मत्ती २३:३४-३६; २ तीमुथियुस ३:५ से करें.
परमेश्वर का बड़ी बाबेलोन का न्याय करना, उसके दोष के एक और पहलू की ओर ध्यान लगाता है। न्यायदंड बताता है: “तेरे टोने से सब जातियाँ भरमाई गईं।” (प्रकाशितवाक्य १८:२३) दिलचस्प रूप से, “टोने,” यह शब्द, यूनानी शब्द फार·मा·कीʹया का अनुवाद है, जो “मुख़्यतः औषधि, नशीले पदार्थ, मंत्र-तंत्र के उपयोग. फिर, विषाक्तन; फिर, जादूगरी का मतलब रखता था।”d आत्मिक भावार्थ में, झूठे धर्म ने जातियों को झूठे देवताओं और उपदेशों में मानने तक गुमराह करके, जिन से उनका ध्यान यहोवा और विश्वव्यापी प्रभुसत्ता के विवाद-विषय से हट गया है, विषाक्त किया है। जीवात्मा की अमरता के उसके ग़लत उपदेश से, झूठे धर्म ने मृतकों का भय और पूर्वज-पूजा प्रेरित करके, हर प्रकार की भूतविद्या और जादूगरी की भी नींव डाली है। बड़ी बाबेलोन परमेश्वर का दण्डादेश पूर्ण रूप से न्यायोचित है। जैसे यूहन्ना ने लिखा: “उसके पाप स्वर्ग तक पहुँच गए हैं, और उसके अधर्म परमेश्वर को स्मरण आए हैं।”—प्रकाशितवाक्य १८:५.
हमें क्या करना चाहिए?
बड़ी बाबेलोन की पतित परिस्थिति और उसकी न्यायदंडित अवस्था का विचार करके, सत्य के सच्चे प्रेमियों को अब क्या करना चाहिए? प्राचीन बाबेलोन से संबंधित यशायाह की भविष्यवाणी आज झूठे धर्म पर महत्तर ज़ोर से लागू होती है: “दूर हो, दूर, वहाँ से निकल जाओ, कोई अशुद्ध वस्तु मत छुओ; उसके बीच से निकल जाओ, हे यहोवा के पात्रों के ढोनेवालों, अपने को शुद्ध करो।” (यशायाह ५२:११) यह आग्रही आह्वान प्रकाशितवाक्य १८:४ के अनुरूप है: “और मैं ने स्वर्ग से किसी और का शब्द सुना, कि ‘हे मेरे लोगों, उस [बड़ी बाबोलोन] में से निकल आओ; कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उस की विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े।’”
जी हाँ, झूठे धर्म से सारे नाते तोड़ने का अब समय है। लेकिन अगर हम बड़ी बाबेलोन से निकल आएँगे, तो हमें किस ओर मुड़ना चाहिए? यहोवा के गवाहों के साहचर्य में उसी की सच्ची उपासना की ओर। अभी, दुनिया के सभी जातियों में से करोड़ों लोग धारा के जैसे “यहोवा के” प्रतीकात्मक “पर्वत” की ओर चल रहे हैं। आप को भी यहोवा के गवाहों के साथ बाइबल अध्ययन करने और इस सच्ची उपासना में साझीदार बनने का निमंत्रण दिया जाता है।—यशायाह २:२-४; ४३:१०-१२.
अब यह सवाल बाक़ी रहता है, अगर बड़ी बाबेलोन पतित और न्यायदंडित की गयी है, तो ईश्वरीय कार्यसूची में इसके बाद क्या है? शैतान का झूठे धर्म के विश्व-व्याप्त साम्राज्य को क्या होने वाला है? हमारा अगला अंक, जुलाई १, बाइबल भविष्यवाणी के अनुसार उस सवाल पर छान-बीन करेगा।
[फुटनोट]
a बड़ी बाबेलोन राजनीति और बड़े व्यापार का प्रतीक नहीं हो सकती, इसलिए कि वे उसके पतन पर शोक करते चित्रित किए गए हैं। (प्रकाशितवाक्य १८:९-११) शैतान की विश्व व्यवस्था का बाक़ी सिर्फ़ एक ही मुख़्य अवयव है, और वह है धर्म। जादू-टोने से उसके संबंध उस धार्मिक पहचान को सत्य ठहराने के काम आते हैं।—प्रकाशितवाक्य १८:२३.
b इस उत्पीड़न के विषय ज़्यादा विस्तार के लिए, १९७५ यरबुक ऑफ जेहोवाज़ विट्नेसिज़, पृष्ठ ९४-११९ देखें.
c इस विषय के एक ब्योरेवार विचार के लिए, १९८८ में वॉचटावर बाइबल ॲन्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ न्यू यॉर्क, इंक., द्वारा प्रकाशित, रेवलेशन—इट्स ग्रॅन्ड क्लाइमॅक्स ॲट हॅन्ड! इस अँग्रेज़ी प्रकाशन के पृष्ठ २३५-७१ देखें.
d डब्ल्यू. ई. वाईन का एक्सपोज़िटरी ऑफ न्यू टेस्टामेन्ट वर्डस्, खण्ड IV, पृष्ठ ५१-२ देखें.
[पेज 7 पर तसवीरें]
हालाँकि बाबेलोन सा.यु.पू. ५३९ में गिर गयी, वह सैंकड़ों वर्षों तक एक शहर के तौर से चलती रही