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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1989
w89 4/1 पेज 7-9

बाबेलोन झूठी उपासना का केंद्र

“वह गिर पड़ी है! बाबेलोन गिर पड़ी है, और उसने उसके देवताओं के सब खुदी हुई मूरतें भूमि पर चकनाचूर कर दिए हैं!” यशायाह ने जिस बाबेलोन नगर के बारे में भविष्यवाणी की वह किस तरह का नगर था? हमारा आधुनिक बड़ी बाबेलोन के अभिप्राय को समझने में यह एक अत्यावश्‍यक सुराग़ है।​—यशायाह २१:९, न्यू.व.

प्राचीन बाबेलोन उसकी विधर्मी देव-देवियों की उपासना के लिए प्रसिद्ध थी। अपनी किताब बाबेलोनियन ॲन्ड अस्सिरियन रिलिजियन (बाबेली और अश्‍शूरी धर्म) में, प्राध्यापक एस. एच हुक कहता है: “बाबेलोन ही वह नगर थी जहाँ मरदुक को वहाँ पूजे गए अन्य देवताओं के बीच प्रमुख स्थान दिया गया था। . . . नबूकदनेस्सर II के समय में बाबेलोन में नामोद्दिष्ट देवताओं के कम से कम अट्ठावन मंदिर थे, और इस तरह नामोद्दिष्ट न किए गए कई दूसरे मंदिरों का तो कहना ही क्या। इसलिए यह देखा जा सकता है कि याजक वर्ग ने उस बड़े नगर की ज़िंदगी में कितनी बड़ी भूमिका अदा की होगी।” यह कहा गया है कि बाबेलोन में मरदुक के मंदिर को ५५ पार्श्‍व पूजास्थल थे। यह आज के अनेक मंदिरों, गिरजाओं, और कैथीड्रलों का किस तरह याद दिलाती है जिस में निम्न देवताओं, संतों, और मैडोनाओं के लिए पार्श्‍व पूजास्थल हैं!

देवताओं के पंथ में बाबेलोन मूर्तिपूजा का केंद्र थी। एक वृत्तांत कहता है कि याजक और भक्‍तजन “मूर्तियों को देवताओं और उनके बीच बिचौलिया मानकर अपनी पवित्र मूर्तियों को बहुत ध्यान दिया करते थे। मूर्तियों को महँगे कपड़े पहनाए जाते थे, और कँठी, कंगन, तथा अँगूठियों से सजाया जाता था; वे शानदार बिछौनों पर लटे हुए थे और जुलूस निकलवाकर उन्हें जल-थल पर से पैदल, गाड़ियों, तथा निजी नौकाओं में बाहर लिया जाता था।”a यह आधुनिक हिंदू धर्म, बौध धर्म, और कैथोलिक धर्म में देवताओं, संतों, और मैडोनाओं को दी उपासना के कितना समनुरूप है, जिस में वे उसी तरह अपनी प्रतिमाओं को गलियों में से और नदियों तथा समुंदर पर परेड करते हैं!

प्राचीन बाबेलोन और आधुनिक धर्म के बीच अनुरूपता के एक और उदाहरण के तौर से, उसी एन्साइक्लोपीडिया से लिए गए निम्नलिखित वर्णन पर ग़ौर करें: “उसके विश्‍वसनीय भक्‍तजन उसे प्यारे-प्यारे नामों से बुलाया करते हैं: वह न सिर्फ़ देवी और भद्र महिला है लेकिन करुणामय माँ भी, वह जो प्रार्थनाएँ सुनती है, मध्यस्थता करती है . . . जिसने विश्‍व और मानवता को ज़िंदगी दी है।” उसकी तुलना एल सान्टो रोसारियो (पवित्र माला-जाप) में से निम्नलिखित प्रार्थना से करें: “हम तुम्हें धन्यवाद देते हैं, सर्वश्रेष्ठ राजकुमारी, उन कृपाओं के लिए जो हम प्रतिदिन तुम्हारे उपकार से प्राप्त करते हैं; इतनी कृपा करो, भद्रे, कि तुम हमें अब और हमेशा के लिए तुम्हारे संरक्षण और आश्रय में रखो।”

इस वर्णन और प्रार्थना में की व्यक्‍ति कौन है? अनेक लोग तुरंत निष्कर्ष निकालेंगे कि यह “कुमारी मरियम” है। वह जवाब सिर्फ़ आधा सही है। प्रार्थना मरियम से की गयी है। परंतु, जैसे कि लास ग्रांदेज़ रेलिजियोनेज़ इलुस्त्रादास हमें सूचित करती है, पहला उद्धरण “प्रेम की कुमारी,” जननक्षमता, प्रेम, और युद्ध की बाबेली देवी, इश्‍तार, का वर्णन है। कभी-कभी प्रतिमाओं में उसे “अपने नन्हें बेटे को स्तनपान करानेवाली एक माँ के रूप में” पेश किया जाता है।b यह एक और उदाहरण है कि आधुनिक धर्म किस तरह प्राचीन बाबेल से इतना दूरस्थ नहीं!

हम प्राचीन बाबेलोन के देवताओं के त्रिक और मानवी प्राण की धारणाओं और, आज के आधुनिक धर्म के त्रिक और अमर प्राण की समान कल्पनाओं के बीच भी तुलना कर सकते हैं। वह प्रमाण हमारी समझ को सदृढ़ करता है कि “बड़ी बाबेलोन” शैतान के झूठे धर्म के जगव्याप्त साम्राज्य का एक उपयुक्‍त प्रतीक है।

बाबेलोन​—सच्ची उपासना का घमंडी शत्रु

बाबेलोन यहोवा के प्राचीन लोग, इस्राएल, का एक घमंडी शत्रु भी थी, और उनकी सच्ची उपासना का तिरस्कार करने वाली थी। सामान्य युग पूर्व ६०७ में बाबेलोन ने यरूशलेम के मंदिर को नष्ट करके यहोवा की उपासना के सभी मूल्यवान पात्र उठा लिए, और बेलशस्सर की जेवनार में इन पात्रों को अशुद्ध किया।​—दानिय्येल ५:३, ४.

उसी तरह, आधुनिक समय में बड़ी बाबेलोन सच्ची उपासना का एक निरंतर विरोधी रही है। अधिकांश उदाहरणों में जहाँ यहोवा के गवाहों को उत्पीड़ित किया गया है, पादरी वर्ग ने, अक़्सर राजनीतिक शासकों के साथ अपने मैत्रियों के ज़रिए, उसे बढ़ावा दिया है।

पादरी वर्ग द्वारा प्रेरित विरोध का एक स्पष्ट उदाहरण १९१७ जैसे प्रारंभिक वर्ष में घटा, और यह प्रतिमान समय समय पर दोहराया गया है। उस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाइबल विद्यार्थियों ने, जिस नाम से गवाह उस वक्‍त जाने जाते थे, द फ़िनिश्‍ट मिस्ट्री (हल किया गया रहस्य), यह किताब प्रकाशित की। कॅनाडा और यू. एस. के पादरी वर्ग को, जिनके देश विश्‍व युद्ध I में उलझे हुए थे, इस किताब के कुछ पृष्ठ सरकार के विरुद्ध लगे। उन्होंने जल्द से अपने राजनीतिक उपपतियों को इस प्रकाशन के बारे में सूचित किया। नतीजा? अपनी किताब मॉडर्न अमेरिकन रिलिजियन​—दी आइरनी ऑफ़ इट ऑल (आधुनिक अमरीकी धर्म​—इसकी विडंबना) में, प्राध्यापक मार्टिन मार्टी के अनुसार: “पादरी वर्ग रस्सेलियों [गवाहों] के विरुद्ध हो गए और यह सुनने पर उन्होंने वाह-वाह किया कि [अभिकथित राजद्रोह के लिए] यहोवा के गवाहों के दोषी ठहराए गए अगुवाओं पर बीस-बीस वर्ष की सज़ा लगायी जानेवाली थी।”

लेकिन कुछ महीनों बाद जब उन अगुवाओं को उन पर लगाए आरोपों से बरी किया गया, तब पादरी वर्ग की कैसी प्रतिक्रिया थी? “परंपरानिष्ठ चर्च सदस्यों से कोई वाह-वाह न सुनाई दी।” बाइबल सिद्धांतों के पक्ष में गवाह अकेले खड़े थे, “इस हद तक कि अपने धर्म के ख़ातिर उन्होंने संघीय सरकार को विरोधी बनाया।” राजनीतिक शासकों के ख़ुशामदी संगी बनने के लिए गवाह न तब तैयार थे, और न कभी तैयार रहे हैं, जर्मनी में नाट्‌ज़ी शासन के अधीनस्थ या इटली, स्पेन, तथा पुर्तगाल में फ़ासिस्ट शासन के अधीनस्थ भी नहीं।

बाबेलोन को धिक्कारा और शर्मिंदा किया जाता है

फिर, यह कितना उचित है जब प्रकाशितवाक्य कहता है कि बड़ी बाबेलोन “पवित्र लोगों के लोहू और यीशु के गवाहों के लोहू पीने से मतवाली” है और “भविष्यद्वक्‍ताओं और पवित्र लोगों, और पृथ्वी पर सब घात किए हुओं का लोहू उसी में पाया गया।” युद्धों में सक्रियता से हिस्सा लेने या उसकी अक्रियता से अनदेखी करने की वजह से विश्‍व धर्मों के हत्यारेपन का पता सदियों से अब तक लगाया जा सकता है।​—प्रकाशितवाक्य १७:६; १८:२४.

झूठे धर्म का जगव्याप्त साम्राज्य, बड़ी बाबेलोन ने सारे इतिहास में ऐयाशी और प्रभावकारिता का अनुभव किया है। लेकिन एक स्वर्गदूत ने यूहन्‍ना को चिताया कि उस बड़ी वेश्‍या का समय आता। वृत्तांत हमें बताता है: “और उसने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, कि ‘वह गिर गयी है! बड़ी बाबेलोन गिर गयी है, और वह दुष्टात्माओं का निवास, और हर एक अशुद्ध आत्मा का अड्डा, और हर एक अशुद्ध और घृणित पक्षी का अड्डा हो गयी है!’”​—प्रकाशितवाक्य १८:२, न्यू.व.

बाबेलोन कब गिर जाएगी? या क्या यह पहले ही से गिर चुकी है? वह किस तरह गिर जाती है? और इस से आप पर क्या असर होता है? इन और संबंधित प्रश्‍नों का उत्तर प्रहरीदुर्ग के हमारे अगले अंक में दिया जाएगा।

[फुटनोट]

a लास ग्रांदेज़ रिलिजियोनेज़ इलुस्त्रादास (बड़े धर्म सचित्रित): असिरियो-बाबिलोनिका (अश्‍शूरी-बाबेलोनीका), खंड २०, माटियू-रिट्‌ज़ोली, बार्सिलोना, स्पेन, १९६३, पृष्ठ ५३.

b खंड १९, पृष्ठ १९, २०.

[पेज 9 पर तसवीरें]

बड़ी बाबेलोन के जड़ प्राचीन बाबेलोन के धर्म में हैं

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