सुसमाचार संपूर्ण मनुष्यजाति के लिए!
“मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा, जिस के पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, और कुल और भाषा और लागों को सुनाने के लिए सनातन सुसमाचार था।” (प्रकाशितवाक्य १४:६) उन शब्दों से, बूढ़े प्रेरित यूहन्ना ने अपने उत्प्रेरित भविष्यसूचक दर्शन का वर्णन किया, एक ऐसा दर्शन जो हमारे अपने समय में पूरा हो रहा है। यह जानने से क्या ही राहत मिलती है कि बढ़ते हुए अपराध, प्रदूषण, आतंकवाद, युद्ध और व्यापक आर्थिक अस्थिरता के युग में भी कोई सुसमाचार है! पर कौनसी ख़बर इतनी अच्छी हो सकती है कि इसे घोषित करने के लिए एक स्वर्गदूत आवश्यक है? कौनसा समाचार इतना आनन्दित है कि यह हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को घोषित करने के योग्य है?
हम उसका जवाब दे सकेंगे अगर हम अतीत में एक और घटना के बारे में सोचें जब एक स्वर्गदूत ने स्वयं सुसमाचार सुनाया था। यह यूहन्ना का दर्शन देखने के लगभग एक सौ वर्ष पहले हुआ, जब सामान्य युग पूर्व पहली सदी समाप्त हो रही थी। बैतलहम के आस-पास के खेतों में गड़रिये अपने झुण्डों के साथ बैठे हुए थे, और एक स्वर्गदूत यीशु का जन्म घोषित करने के लिए प्रकट हुआ, यह कहते हुए कि: “देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ जो सब लोगों के लिए होगा, कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।”—लूका २:१०, ११.
यीशु का जन्म सचमुच “बड़े आनन्द का सुसमाचार” था। वह बड़ा होकर मसीह और उद्धारकर्ता बना, जिसने अपना संपूर्ण मानव जीवन इसलिए दिया कि सुहृदयवाले विश्वासी जी सके। उस से ज़्यादा, उसे परमेश्वर के राज्य का राजा बनना था, “शान्ति का राजकुमार,” जिसकी हुकूमत में मनुष्यजाति को आख़िरकार न्याय और शान्ति प्राप्त होती। (यशायाह ९:६; लूका १:३३) सचमुच, उसका जन्म स्वर्गदूत द्वारा घोषित होने योग्य सुसमाचार था!
यीशु राजा है
तब पहली सदी में, यीशु ने अपने लिए नियत परमेश्वर के कई उद्देश्य पूरा किए, लेकिन वह उस समय परमेश्वर के राज्य के राजा की हैसियत से अधिष्ठापित नहीं किया गया था। जैसा कि इस पत्रिका ने अक्सर बताया है, ऐसा १९१४ तक नहीं हुआ। जैसे भविष्यद्वाणी की पूर्ति स्पष्ट रूप से दिखाती है, उस साल में परमेश्वर का राज्य स्वर्ग में स्थापित किया गया था। (प्रकाशितवाक्य १२:१०, १२) हालाँकि १९१४ में बहुत बुरी ख़बर थी—पहले विश्व युद्ध की शुरुआत—परमेश्वर के राज्य का जन्म सबसे अच्छी ख़बर थी। इसीलिए यीशु ने हमारे समय के लिए भविष्यद्वाणी की: “राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।”—मत्ती २४:१४.
क्या यीशु की भविष्यद्वाणी पूरी हुई है? जवाब है हाँ! और यूहन्ना का भविष्यसूचक दर्शन भी पूरा हुआ है। यह सच है कि हम उस अदृश्य स्वर्गदूत को नहीं देख सकते जिसे यूहन्ना ने देखा। लेकिन यहोवा के गवाह स्वर्गदूत का सुसमाचार “हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों” को घोषित करते समय बहुत ही दृश्य रहे हैं। २१२ देशों और समुन्दर के द्वीपों में, उनकी आवाज़ें सुनी गयी हैं। और सैंकड़ों लोग अनुकूल प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं। इनके कुछों के अनुभव दिखाएँगे कि परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार दरअसल कितना अच्छा है।