प्रतिज्ञात देश से दृश्य
एला की घाटी जहाँ दाऊद ने एक महाकाय व्यक्ति को वध किया!
ऐसे बहुत कम बाइबल वृत्तान्त हैं, जो इस वृत्तान्त से अधिक रोमांचक है, जो वर्णन करता है कि कैसे “दाऊद ने पलिश्ती” महाकाय व्यक्ति, गोलियात, “पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा” प्रबलता पायी। (१ शमूएल १७:५०) यह एला की घाटी में हुआ था।
लेकिन यह घाटी कहाँ है और यह किस समान है? यह जानना आपको उस लड़के के विख्यात विजय की कल्पना करने में सहायक बनेगा जिसे इस्राएल का भावी राजा के रूप में अभिषेक किया गया था। दाऊद के साथ परमेश्वर ने बाद में एक राज्य वाचा बाँधी थी जिस से हम अनन्त लाभ पा सकते हैं, और इस से हमें एला की घाटी में क्या हुआ, यह सीखने के लिए अधिक कारण मिलना चाहिए।
पलिश्ती कनान के तट के पास निवास करते थे। इस्राएलियों ने यहूदिया के पर्वतों (यरूशलेम के दिक्षिण की ओर) को वश में रखा था। तो स्थिति यह है—निम्नभूमि में पश्चिम की ओर शत्रु हैं, और परमेश्वर के सेवक पूरब की ओर उच्चतर भूमि पर हैं। उनके बीच एक विवादग्रस्त प्रतिरोधक इलाका था, शेफेला के नाम से जाने गए नीचे के पहाड़ी देश। पलिश्ती इस्राएल पर हमला कैसे कर सकते थे? तर्कसंगत मार्ग तो एक पूर्व-पश्चिम वादी, या घाटी से ऊपर जाना था, और एला की घाटी एक मुख्य मार्ग था। यह गत और एक्रोन के नगरों के निकट की समतल भूमि से शेफेला से होकर पर्वतों की ओर, यरूशलेम और बेतलहेम से कुछ १५ मील की दूरी तक विस्तृत था। यह चित्र (दक्षिण-पूर्व की ओर देखा जाए तो) इस घाटी की ऊपरी सीमा दिखाता है। क्षितिज पर आप यहूदिया के पर्वत देख रहे हैं।a
इस चित्र को देखने के बाद, पलिश्तियों को इस समतल घाटी से पहाड़ों की और आते हुए कल्पना करें। उन्हें रोकने के लिए, इस्राएली यहूदिया के दक्षिण-पश्चिम से आए। यहाँ एक अलगाव उत्पन्न हुआ। क्यों? “पलिश्ती तो एक ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे; और दोनों के बीच तराई थी।”—१ शमूएल १७:३.
यद्यपि हम जानते नहीं कि घाटी में यह ठीक कहाँ हुआ, कल्पना करें कि पलिश्ती दहिने नीचे की ओर स्थित हैं। शाऊल की सेना शायद, भूरे खेत के पार के उस पहाड़ पर स्थित थी। दोनों में से कोई भी सेना नीचे नहीं उतरती, घाटी पार नहीं करती, और विरोधी शक्ति का सामना नहीं करती जो कि उन्नत स्थान पर, और रक्षा की नज़र से सुरक्षित थी। यह परिणामी अलगाव एक महिने से अधिक समय तक रहा। इसे क्या तोड़ता?
हर सुबह और शाम एक पलिश्ती वीर जो नौ फुट से भी ऊँचा था, उस घाटी में खड़ा होता और एक एकाकी संघर्ष के द्वारा इस विषय का निर्णय करने के लिए शाऊल के शिविर पर ताना मारता। लेकिन एक भी इस्राएली में उसे जवाब देने की हिम्मत नहीं थी। अन्त में, एक जवान चरवाहा जिसका नाम दाऊद था, बेतलहेम से शिविर के अपने भाइयों के लिए भोजन लेकर आया। इस अपमानजनक चुनौती की ओर उसकी प्रतिक्रिया? “वह खतनारहित पलिश्ती तो क्या है कि जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारे?” (१ शमूएल १७:४-३०) दाऊद के पास वही दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से मौजूद था, जो कि १९९० के यहोवा के गवाहों का विषय वाक्य में है: “साहसी बनो और कहो: ‘यहोवा मेरा सहायक है।’”—इब्रानियों १३:६; भजन ५६:११; ११८:६.
जब शाऊल ने सुना कि यह बालक, यद्यपि निरस्त्र और एक सैनिक के रूप में अप्रशिक्षित था, इस विस्मयकारी गोलियत का सामना करनेवाला था, उसने उसे अपना कवच इस्तेमाल करने को कहा। दाऊद ने इनकार किया, और उस महाकाय व्यक्ति के विरुद्ध केवल अपनी चरवाहे की लाठी, एक चमड़े का गोफ़न, और घाटी में उसने जो पाँच पत्थर पाए थे, ले जाने के लिए इच्छुक था। यह पत्थर किस समान थे? यह असंभाव्य है कि वे केवल अंगूर या जैतून के आकार के थे। ऐसे गोफ़न-पत्थर भी पाए गए हैं जो २ या ३ इंच के व्यास में होते हैं, जो कि एक छोटे संतरे समान है। गोफ़न से फेंकनेवाला ऐसे पत्थरों को १०० से १५० मील प्रति घण्टे की रफ़्तार से फेंक सकता है।
आपने बेशक उस घाटी में क्या हुआ इसके बारे में पढ़ा होगा, जो स्पष्ट रूप से दोनों सेनाओं की नज़रों के सामने हुआ। दाऊद ने घोषणा की: “तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है।” यहोवा ने फिर विजय दिया। उस बालक ने इतने सशक्त रीति से एक पत्थर फेंका कि वह गोलियत के माथे में घुस गया, जिससे वह मर गया। फिर उस चारवाहे ने दौड़कर उसी महाकाय व्यक्ति की तलवार से उसका सर शरीर से अलग किया।—१ शमूएल १७:३१-५१.
परमेश्वर में दाऊद के विश्वास और भरोसे से प्रोत्साहित होकर, इस्राएलियों ने उनके हतोत्साहित शत्रुओं का पीछा किया, उन्हें शेफेला से होकर वापस पलिश्ति तक पीछा किया।—१ शमूएल १७:५२, ५३.
उस आनन्द की कल्पना करें जो यहूदा में सुना गया होगा! परमेश्वर के लोग जो पहाड़ों में थे नीचे पश्चिम की ओर एला की घाटी और शेफेला की ओर देख सकते थे, जैसे कि हेब्रोन के नज़दीक एक क्षेत्र से नीचे के आधुनिक दृश्य में देखा जा सकता है। बादाम के पेड़ की सफ़ेद कलियाँ देखने में बहुत ही सुन्दर हैं, लेकिन परमेश्वर के शत्रुओं पर पायी विजय की खूबसूरती और भी सुन्दर थी। तो फिर इस्राएली औरतें ऐसे भली-भाँति कह सकती थीं: “शाऊल ने तो हज़ारों को परन्तु दाऊद ने लाखों को मारा है”, जिनमें एला की घाटी में मारा गया वह महाकाय व्यक्ति भी शामिल था।—१ शमूएल १८:७.
[फुटनोट]
a बड़े परिमाण में यही तस्वीर १९९० कॅलैंडर ऑफ जेहावाज़ विट्नेसिज़ में है, जिसके आवरण नक़शे में इस जगह का स्थान भी दिखाया गया है।
[पेज 28 पर चित्र का श्रेय]
Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.