प्रौढ़ता की ओर प्रगति करने का मेरा फ़ैसला
कार्ल डॉकाउ द्वारा बताया गया
“प्रौढ़ता की ओर प्रगति करना या पाप में पुनःग्रस्त होना, आप क्या चुनेंगे?” यह द वॉचटावर के जून १५, १९४८ अंक के एक लेख का शीर्षक था। इस लेख ने मुझे अमरीका के खेतों में एक आध्यात्मिक ख़तरे की स्थिति को छोड़ दक्षिण अमरीका में एक मिशनरी पेशा, जिसमें ४३ से ज़्यादा साल बीत चुके हैं, अपनाने के लिए प्रेरित किया।
मेरा जन्म वर्गस, मिनेसोटा में एक छोटे-से लकड़ी के घर में मार्च ३१, १९१४ के दिन हुआ था। चार लड़कों के परिवार में मैं तीसरा लड़का था। मेरे प्रारम्भिक साल ख़ुशी के साल थे। मुझे याद है मैं अपने पिताजी के साथ मछलियाँ पकड़ता था। लेकिन, माँ अकसर बीमार रहती थीं, और घरेलू काम करने के लिए मुझे पाँचवी कक्षा में ही स्कूल छोड़ना पड़ा। जब मैं १३ साल का हुआ, तब उनकी बीमारी का पता चला कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर हुआ है।
माँ जानती थीं कि वो ज़्यादा समय तक नहीं जीएँगी, इसलिए उन्होंने मुझे घर की उनकी ज़िम्मेदारियाँ सम्भालने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया। वो रसोई घर में बैठकर खाना पकाने में मुझे निर्देशन देती थीं। इसके अलावा, उन्होंने मुझे कपड़े धोना, बग़ीचे और एक सौ मुर्गियों की देखभाल करना सिखाया। उन्होंने मुझे हर रोज़ बाइबल का एक अध्याय पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिसे मैं पढ़ने की अपनी सीमित क्षमता के बावजूद किया करता था। दस महीनों तक मुझे प्रशिक्षण देने के बाद, माँ जनवरी २७, १९२८ के दिन गुज़र गयीं।
युद्ध हमारे जीवन को बदल देता है
सितम्बर १९३९ में दूसरे विश्व युद्ध के शुरू होने के बाद, हमारे लूथरन गिरजे में हर इतवार को सैन्यदल के पक्ष में प्रार्थनाएँ की जाती थीं। मेरा बड़ा भाई फ्रैंक दृढ़ संकल्प था कि वह किसी की हत्या नहीं करेगा। सो जब उसने फ़ौजी सेवा से इनकार किया, उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। अपने मुक़दमे के समय उसने कहा: “इससे पहले कि मैं बेक़सूर लोगों की हत्या करूँ, आप मुझ पर गोली चला सकते हैं!” उसे वॉशिंगटन स्टेट के तट के नज़दीक मॆकनील द्वीप के जेल में एक साल रहने की सज़ा दी गयी।
वहाँ फ्रैंक ने ३०० से भी ज़्यादा यहोवा के साक्षियों को पाया जिन्हें युद्ध के दौरान पूर्ण रूप से तटस्थ रहने के कारण क़ैद किया गया था। (यशायाह २:४; यूहन्ना १७:१६) जल्द ही वह उनके साथ संगति करने लगा और वहीं जेल में बपतिस्मा प्राप्त किया। अच्छे आचरण की वजह से उसकी सज़ा घटाकर नौ महीने कर दी गयी। नवम्बर १९४२ में हमें यह पैग़ाम मिला कि फ्रैंक को जेल से रिहा किया गया था, और उसके बाद जल्द ही उसने हमें परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के बारे में बताया। इस संदेश को अपनी बाइबल से ध्यानपूर्वक जाँचने के बाद, हम सभी यह देख सकते थे कि जो बात फ्रैंक सिखा रहा था, वह सच थी।
आध्यात्मिक प्रगति में बाधाएँ
वर्ष १९४४ में, मैं मॉन्टाना के माल्टा क्षेत्र में अपने चाचा के साथ रहने के लिए चला गया। हम में कुछ समानता थी—पत्नियाँ, जिन्होंने शादी के छः महीने बाद ही हमें छोड़ दिया था। वे खेती-बाड़ी में और खाना पकाने में मेरी मदद पाकर ख़ुश थे, और हम अपने मुनाफ़े को आधा-आधा बाँटते थे। मेरे चाचा ने कहा कि अगर मैं उनके साथ रहूँगा तो मैं उनके ६४० एकड़ (२६० हॆक्टेयर) खेत का वारिस होऊँगा। खेती-बाड़ी के लिए वे समृद्ध साल थे, और उससे मुझे क्या ही ख़ुशी मिलती थी! हमें हर साल भरपूर फ़सल मिलती थी, और गेहूँ लगभग $३.१६ प्रति बुशल के दाम पर बिकता था।
बहरहाल, मेरे चाचा को यह बात पसंद नहीं थी कि मैं माल्टा में गवाहों की एक छोटी कलीसिया की सभाओं में उपस्थित होता था। जून ७, १९४७ में वुल्फ पॉइंट में यहोवा के साक्षियों के सर्किट सम्मेलन में मेरा बपतिस्मा हुआ जिसकी जानकारी मेरे चाचा को नहीं थी। वहाँ एक मसीही भाई ने मुझे एक पायनियर, या पूर्ण-समय का एक सेवक बनने के लिए आमंत्रित किया। हालाँकि अपनी ज़िन्दगी को इस तरह इस्तेमाल करने की मेरी हार्दिक इच्छा थी, मैंने समझाया कि मेरे चाचा सेवकाई में इतना समय समर्पित करने की इजाज़त मुझे कभी नहीं देंगे।
थोड़े समय बाद ही, मेरे चाचा ने एक लिफ़ाफ़ा खोलकर एक चिट्ठी पढ़ी जो मेरे नाम थी। यह चिट्ठी एक दोस्त से थी जिसने मुझसे पूर्ण-समय का एक सेवक बनने के लिए आग्रह किया। गुस्से से पागल होकर मेरे चाचा ने मुझे एक अंतिम चेतावनी दी—प्रचार करना छोड़ दो या यहाँ से निकल जाओ। यह अंतिम चेतावनी एक अच्छी बात थी क्योंकि खेती-बाड़ी करना मुझे इतना प्रिय था कि मैं नहीं जानता कि क्या मैं उसे अपने आप छोड़ सकता था या नहीं। सो मैं मिनेसोटा में अपने परिवार के पास लौट गया जहाँ अब तक सभी बपतिस्मा प्राप्त कर चुके थे और डेट्रॉइट लेक्स कलीसिया के साथ संगति करते थे।
शुरू-शुरू में मेरे परिवार ने मुझे पायनियर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन १९४८ में वे आध्यात्मिक रूप से ठंडे पड़ने लगे। यह उसी समय था जब लेख “प्रौढ़ता की ओर बढ़ना या पाप में पुनःग्रस्त होना, आप क्या चुनेंगे?” ने मुझे वह आध्यात्मिक प्रोत्साहन दिया जिसकी मुझे ज़रूरत थी। उसमें आगाह किया गया कि “अगर हम बढ़ते ज्ञान के साथ दिनाप्त रहने से स्वेच्छापूर्वक इनकार करते हैं, तो निश्चित ही इसके बहुत दुःखद परिणाम होंगे।” उस लेख ने कहा: “हम प्रतिगमन नहीं कर सकते, बल्कि हमें धार्मिकता में प्रगति करनी है। निरन्तर प्रगति करते रहना प्रतिगमन को रोकने का सबसे बड़ा बल है।”
हालाँकि मेरे परिवार ने अन्य बहाने बनाए, मुझे विश्वास है कि अमीर बनने की उनकी इच्छा ही असली समस्या थी। खेती-बाड़ी में ज़्यादा समय देने और प्रचार कार्य में कम समय देने के आर्थिक लाभों को वे देख सकते थे। धन की इच्छा के जाल में फँस जाने के बजाय, मैंने पायनियर कार्य करने की योजना बनाई। मैं जानता था कि यह आसान नहीं होगा, और मैंने यह भी सोचा कि मैं एक पायनियर नहीं बन सकूँगा। सो १९४८ में, वर्ष के सबसे ख़राब महीने—दिसम्बर—में पायनियर कार्य करने के लिए जानबूझकर आवेदन करने के द्वारा मैंने ख़ुद की परीक्षा ली।
पायनियर सेवा अपनाना
यहोवा ने मेरे प्रयत्नों पर आशिष दी। उदाहरण के लिए, एक दिन तापमान शून्य से २७ डिग्री सेल्सियस नीचे था, और साथ ही ठंडी हवा भी थी। मैं अपना सामान्य सड़क गवाही कार्य कर रहा था, और बार-बार अपने हाथ बदल रहा था—ठंडे पड़ चुके हाथ को अपनी जेब में डालकर दूसरे हाथ से पत्रिका पकड़ता जब तक वह बहुत ठंडा न हो जाए और जेब में जाने की उसकी बारी न आ जाए। एक व्यक्ति मेरे पास आया। यह टिप्पणी करते हुए कि उसने मेरी गतिविधि को कुछ समय से देखा था, उसने पूछा: “इन पत्रिकओं में ऐसा क्या है जो इतना महत्त्वपूर्ण है? मुझे वो दो पत्रिकाएँ दे दो ताकि मैं उन्हें पढ़ सकूँ।”
इस बीच, मैं यह देख सका कि मेरे परिवार के साथ संगति मेरी अपनी आध्यात्मिकता को ख़तरे में डाल रही थी। सो वॉच टावर संस्था से बिनती करने पर मुझे माइल्स सिटी, मॉन्टाना में नयी नियुक्ति दी गयी। मैंने वहाँ पर कम्पनी सेवक के तौर पर सेवा की, जिसे आज प्रिसाइडिंग ओवरसियर कहा जाता है। दो-बाय-तीन-मीटर के एक ट्रेलर में रहकर, एक ड्राय-क्लीनिंग के धंधे में अंशकालिक काम करने के द्वारा मैं अपनी जीविका चलाता था। कभी-कभार मुझे उस काम के लिए किराए पर ले लिया जाता था जिससे मैं सबसे ज़्यादा प्रेम करता था—कटनी।
इस दौरान मैं अपने परिवार की बिगड़ती आध्यात्मिक स्थिति के बारे में सुनता रहा। आख़िरकार वे, और साथ ही साथ डेट्रॉइट लेक्स कलीसिया के अन्य लोग, यहोवा के संगठन के ख़िलाफ़ हो गए। कलीसिया के १७ राज्य प्रकाशकों में से सिर्फ़ ७ वफ़ादार बने रहे। मेरे परिवार ने दृढ़ संकल्प किया था कि मैं भी यहोवा का संगठन छोड़ दूँ। सो मुझे एहसास हुआ कि इसका सिर्फ़ एक ही हल था, और प्रगति करना। लेकिन कैसे?
मिशनरी सेवा में लगे रहना
वर्ष १९५० में, न्यू यॉर्क सिटी में अन्तर्राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान, वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड के १५वें क्लास से मिशनरी विद्यार्थियों के उपाधिग्रहण को मैंने देखा था। मैंने सोचा ‘ओह, यह कितना अच्छा होता अगर मैं भी एक विदेशी नियुक्ति में यहोवा की सेवा करने के लिए जानेवालों में होता।’
मैंने एक अर्ज़ी भेजी और गिलियड की १७वीं क्लास के एक सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया गया, जो फरवरी १९५१ से शुरू हुआ। न्यू यॉर्क के उत्तरी भाग में एक खेत में स्कूल की जगह खूबसूरत थी। मेरी यह बहुत इच्छा थी कि क्लास के समय के बाद खेत में काम करूँ, शायद बखार में गायों के साथ या बाहर फ़सलों में! लेकिन किंग्डम फ़ार्म के उस समय के ओवरसियर, जॉन बूथ ने समझाया कि सिर्फ़ मेरे पास ही ड्राय-क्लीनिंग के बारे में कुछ अनुभव था। इसलिए मुझे वह काम करने की नियुक्ति दी गयी।
गिलियड उसके लिए आसान नहीं था जिसके पास सिर्फ़ पाँचवी कक्षा तक की शिक्षा हो। हालाँकि बत्तियाँ रात को १०:३० तक बुझ जानी चाहिए थीं, मैं अकसर मध्यरात्रि तक पढ़ाई करता था। एक दिन एक प्रशिक्षक ने मुझे अपने दफ़्तर में बुलाया। “कार्ल,” उसने कहा, “मैं देख सकता हूँ कि तुम्हारे ग्रेड बहुत अच्छे नहीं हैं।”
‘नहीं,’ मैंने सोचा, ‘वे मुझे गिलियड छोड़ने के लिए कहने वाले हैं।’
बहरहाल, प्रशिक्षक ने प्रेमपूर्वक कुछ सलाह दी कि इतनी देर तक पढ़ाई किए बग़ैर मैं अपने समय का सर्वोत्तम इस्तेमाल कैसे कर सकता हूँ। मैंने डरते हुए पूछा: “क्या मैं यहाँ गिलियड में रहने के योग्य हूँ?”
“जी हाँ,” उसने उत्तर दिया। “पर मैं नहीं जानता कि आप डिप्लोमा के लिए योग्य बन सकोगे या नहीं।”
स्कूल के अध्यक्ष, नेथन एच. नॉर के शब्दों से मुझे सांत्वना मिली। शुरूआत में उसने विद्यार्थियों से कहा था कि अच्छे ग्रेड्स से वह उतना प्रभावित नहीं होता जितना अपनी नियुक्तियों में बने रहनेवाले मिशनरियों के “पूरी तरह वफ़ादार होने के गुण” से होता है।
मेरा सबसे मुश्किल विषय स्पेनिश था, लेकिन मैं अलास्का में नियुक्ति की आशा कर रहा था, जहाँ का ठंडा मौसम मॉन्टाना की तरह था जिसका मैं आदी था। इसके अलावा, मैं वहाँ अंग्रेज़ी में प्रचार कर सकूँगा। सो आप मेरे आश्चर्य का अंदाज़ा लगा सकते हैं जब कोर्स के बीच में मुझे इक्वेडोर, दक्षिण अमरीका में अपनी नियुक्ति मिली। जी हाँ, मुझे स्पेनिश बोलनी पड़ती, और वह भी भूमध्य-रेखा पर स्थित बहुत ही गर्म जगह में!
एक दिन एफ.बी.आई. के एक एजेन्ट ने गिलियड स्कूल में मुझसे भेंट की। उसने कम्पनी सेवक के बेटे के बारे में पूछा जिसने डेट्रॉइट लेक्स में हमारे संगठन को छोड़ दिया था। कोरिया का युद्ध चल रहा था, और इस युवा पुरुष ने दावा किया कि वह यहोवा के साक्षियों का एक सेवक था और इसलिए उसे फ़ौज में सेवा से छूट थी। मैंने समझाया कि वह अब एक यहोवा का साक्षी नहीं था। जाते-जाते उस एजेन्ट ने मुझसे कहा: “आपका परमेश्वर आपको आपके काम में आशिष दे।”
बाद में मुझे पता चला कि वह युवक कोरिया में अपने किसी प्रारम्भिक युद्ध में मारा गया था। उस व्यक्ति के लिए क्या ही दुःखद परिणाम जो परमेश्वर के संगठन में प्रौढ़ता की ओर प्रगति कर सकता था!
आख़िरकार, हमारा आनन्दप्रद उपाधिग्रहण दिन जुलाई २२, १९५१ को आया। निःसंदेह, मेरे परिवार में से कोई भी मौजूद नहीं था, लेकिन मेरी ख़ुशी तब पूरी हुई जब, मेरे द्वारा की गयी प्रगति के कारण मुझे डिप्लोमा प्राप्त हुआ।
एक विदेशी क्षेत्र के साथ समायोजन करना
अपनी नियुक्ति में लग जाने पर, मैंने पाया कि माँ का प्रशिक्षण सचमुच फ़ायदेमंद था। खाना पकाना, हाथों से कपड़े धोना, और बहते पानी की कमी मेरे लिए नए नहीं थे। लेकिन स्पेनिश भाषा में प्रचार करना नया था! मैंने काफ़ी समय तक एक छपे हुए स्पेनिश उपदेश का इस्तेमाल किया। तीन साल के बाद ही मैं स्पेनिश भाषा में एक जन भाषण दे सका, और मैंने उसे विस्तृत नोट्स का इस्तेमाल करते हुए दिया।
जब मैं १९५१ मैं इक्वेडोर में आया, तब वहाँ २०० से कुछ कम राज्य प्रकाशक थे। पहले के कुछ २५ सालों में चेला-बनाने का काम धीमा प्रतीत हुआ। हमारी बाइबल शिक्षाएँ कैथोलिकवाद की ग़ैर-शास्त्रीय परम्परा से काफ़ी भिन्न थीं, एक विवाह साथी के प्रति वफ़ादारी पर बाइबल की हिदायतों का हमारा पालन करना ख़ासकर अलोकप्रिय था।—इब्रानियों १३:४.
अलबत्ता, हम काफ़ी बाइबल साहित्य वितरित कर सके। केले-उगानेवाले खेतों के बीच में स्थित माचाला में हमारी सेवकाई इसे सचित्रित करने में मदद करती है। निकोलस वेस्ली और मैं वहाँ पर अकेले साक्षी थे जब हम वहाँ पर १९५६ में आए। उन दिनों में बन रहे मुख्य मार्ग के काम में जिन ट्रकों का इस्तेमाल किया जाता था, उन ट्रकों से हम सुबह तड़के ही निकल जाते। काफ़ी दूरी तय करने के बाद हम नीचे उतर जाते और हम जहाँ रहते थे वहाँ लौटते हुए रास्ते-भर लोगों को साक्ष्य देते जाते।
एक दिन, मैंने और निक ने यह देखने के लिए एक रिकॉर्ड रखा कि हम में से कौन ज़्यादा पत्रिकाएँ वितरित करेगा। मुझे याद है कि दोपहर तक मैं निक से आगे था, पर शाम तक हममें से प्रत्येक ने ११४ पत्रिकाएँ वितरित की थीं। हमारे पत्रिका मार्ग में हम हर महीने लोगों के पास हमारी सैकड़ों पत्रिकाएँ छोड़ जाते। छः बार मैंने एक महीने के दौरान एक हज़ार से भी अधिक पत्रिकाएँ वितरित कीं। विचार कीजिए कि इन पत्रिकाओं से कितने लोग बाइबल सच्चाई सीख सकते थे!
माचाला में हमें इक्वेडोर में कलीसिया का निजी पहला राज्य-गृह बनाने का विशेषाधिकार भी मिला। वह ३५ साल पहले था, १९६० में। उन प्रारम्भिक दिनों में, हमारी सभाओं में उपस्थिति सिर्फ़ १५ होती थी। आज माचाला में ११ फलती-फूलती कलीसियाएँ हैं!
अमरीका को एक यात्रा
मैं १९७० के दशक के अंतिम भाग में छुट्टियों पर अमरीका लौटा और मेरे भाई फ्रैंक के साथ कुछ घंटे बिताए। वह मुझे अपनी कार में एक पहाड़ी पर ले गया जहाँ से हम रेड रिवर वैली को दूर तक देख सकते थे। हवा में लहराते पके दाने, पके हुए गेहूँ के खेत, वह क्या ही खूबसूरत नज़ारा था। कुछ दूरी पर हल्की-सी शाइआन नदी दिखती थी जिसके किनारों पर पेड़ों की कतार थी। उस शान्तिपूर्ण खूबसूरती का आनन्द भंग हुआ जब मेरे भाई ने अपनी वही चर्चा शुरू की।
“अगर तुम एक ऐसे मूर्ख न होते, और वहाँ दक्षिण अमरीका में न रहते, तो ये खेत तुम्हारे भी हो सकते थे!”
“फ्रैंक,” मैंने जल्दी से बात काट दी। “बस यहीं बन्द करो।”
उसने आगे एक शब्द नहीं कहा। कुछ सालों बाद उसकी रक्ताघात के कारण अचानक मृत्यु हुई और उत्तर डाकोटा में तीन खूबसूरत पशु-फ़ार्म छोड़ गया जो कुल मिलाकर एक हज़ार एकड़ (४०० हॆक्टेयर) से ज़्यादा थे। साथ ही साथ मॉन्टाना में मेरे चाचा का ६४० एकड़ (२६० हॆक्टेयर) खेत भी जिनका वह वारिस बन चुका था।
अब मेरे परिवार के सभी लोगों की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन मैं ख़ुश हूँ कि डेट्रॉइट लेक्स में, जहाँ हम सब ने सालों पहले यहोवा के साक्षियों के तौर पर अपनी ज़िन्दगी शुरू की थी, मेरे पास ९० से भी ज़्यादा मसीही भाइयों और बहनों का एक आध्यात्मिक परिवार है।
आध्यात्मिक रूप से प्रगति करना जारी रखना
यहाँ इक्वेडोर में आध्यात्मिक कटनी के समय में पिछले १५ सालों में भरपूर फ़सल हुई है। वर्ष १९८० में कुछ ५,००० राज्य प्रकाशकों से बढ़कर, अब हमारे यहाँ २६,००० से भी ज़्यादा राज्य प्रकाशक हैं। मैंने इन में से एक सौ से अधिक लोगों को बपतिस्मा प्राप्त करने में मदद करने के द्वारा आशिष पायी है।
अब, ८० साल की उम्र में, १९५१ में अपने १५०-घंटे के कोटा को पूरा करने के लिए मैं जितनी मेहनत करता था, उससे ज़्यादा मेहनत अब एक महीने में ३० घंटे पाने के लिए करता हूँ। १९८९ से लेकर, जब मुझे पता चला कि मुझे प्रोस्टेट कैंसर हुआ है, मैंने चंगा होने के अपने समय का लाभ पढ़ने के द्वारा लिया है। उस साल से, मैंने बाइबल को शुरू से लेकर अन्त तक १९ बार पढ़ा है और किताब यहोवा के साक्षी—परमेश्वर के राज्य के उद्घोषक (अंग्रेज़ी) को ६ बार पढ़ा है। इस तरह मैं आध्यात्मिक रूप से प्रगति करता रहता हूँ।
जी हाँ, अमरीका के खेतों से भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए मेरे पास अवसर थे। लेकिन भौतिक धन के प्रतिफल, आध्यात्मिक कटनी के द्वारा जिस ख़ुशी का मैंने अनुभव किया है, उसके मुक़ाबले में कुछ भी नहीं हैं। यहाँ इक्वेडोर की शाखा मुझे यह जानकारी देती है कि मैंने अपने मिशनरी पेशे में १,४७,००० से ज़्यादा पत्रिकाएँ और १८,००० से ज़्यादा किताबें वितरित की हैं। मैं इन्हें आध्यात्मिक बीज समझता हूँ, जिनमें से अनेक अंकुरित हो चुके हैं; और जैसे-जैसे लोग इन राज्य सच्चाइयों के बारे में पढ़ते हैं, अन्य बीज भी उनके हृदय में शायद अभी अंकुरित हों।
अपने सभी आध्यात्मिक बच्चों के साथ और लाखों अन्य लोगों के साथ, जिन्होंने हमारे परमेश्वर, यहोवा की सेवा करने का चुनाव किया है, प्रगति करते हुए परमेश्वर के नए संसार में जाने, और उस प्रगति को जारी रखने से बेहतर किसी और बात के बारे में मैं नहीं सोच सकता। पैसा इस दुष्ट संसार के अन्त से एक व्यक्ति को नहीं बचाएगा। (नीतिवचन ११:४; यहेजकेल ७:१९) बहरहाल, हमारे आध्यात्मिक काम का फल आना जारी रहेगा —अगर हम में से प्रत्येक जन प्रौढ़ता की ओर प्रगति करना जारी रखता है।
[पेज 24 पर तसवीरें]
१९४९ में, माइल्स सिटी, मॉन्टाना में पायनियर कार्य करने के लिए तैयार
[पेज 24 पर तसवीरें]
अपने मिशनरी घर के लिए पानी ख़रीदते समय, १९५२
[पेज 25 पर तसवीरें]
माचाला में प्रचार करते समय, १९५७
[पेज 25 पर तसवीरें]
१९८९ में बीमार होने के बाद से, मैंने बाइबल को शुरू से लेकर अन्त तक १९ बार पढ़ा है