सफ़री ओवरसियर कैसे विश्वासयोग्य भण्डारियों के रूप में सेवा करते हैं
“जिस को जो बरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।”—१ पतरस ४:१०.
१, २. (क) आप “भण्डारी” इस शब्द की परिभाषा कैसे देंगे? (ख) परमेश्वर द्वारा प्रयोग किए गए भण्डारियों में कौन शामिल हैं?
यहोवा सभी विश्वासयोग्य मसीहियों को भण्डारियों के रूप में प्रयोग करता है। एक भण्डारी अकसर एक घराने की देख-रेख करनेवाला सेवक होता है। वह शायद अपने स्वामी के व्यापार-सम्बन्धी मामलों का भी संचालन करे। (लूका १६:१-३; गलतियों ४:१, २) यीशु ने पृथ्वी पर निष्ठावान अभिषिक्त जनों के अपने निकाय को ‘विश्वासयोग्य भण्डारी’ कहा। इस भण्डारी को उसने “अपनी सब संपत्ति” सौंप दी है, जिसमें राज्य-प्रचार गतिविधियाँ भी शामिल हैं।—लूका १२:४२-४४; मत्ती २४:१४, ४५.
२ प्रेरित पतरस ने कहा कि सभी मसीही परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भण्डारी हैं। प्रत्येक मसीही का एक स्थान है जिसमें वह विश्वासयोग्य भण्डारी के रूप में कार्य कर सकता है। (१ पतरस ४:१०) नियुक्त मसीही प्राचीन भण्डारी हैं, और इनमें सफ़री ओवरसियर शामिल हैं। (तीतुस १:७) इन सफ़री प्राचीनों को किस दृष्टि से देखा जाना है? उनके कौन-से गुण और लक्ष्य होने चाहिए? और वे सर्वोत्तम परिणाम कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
अपनी सेवा के लिए कृतज्ञ
३. सफ़री ओवरसियरों को क्यों ‘भले भण्डारी’ कहा जा सकता है?
३ एक सफ़री ओवरसियर और उसकी पत्नी को लिखते वक़्त, एक मसीही विवाहित दम्पति ने कहा: “आपने जो समय और प्रेम हमें दिया है उन सब के लिए हम अपना आभार व्यक्त करना चाहते हैं। एक परिवार के तौर पर, हमने आपके हर प्रोत्साहन और सलाह से बहुत ज़्यादा लाभ पाया है। हम जानते हैं कि हमें आध्यात्मिक रूप से विकसित होते रहना है, लेकिन यहोवा की मदद से और आप जैसे भाई-बहनों के साथ, विकास-सम्बन्धी पीड़ा कम हो जाती है।” ऐसी अभिव्यक्तियाँ बार-बार मिलती हैं क्योंकि सफ़री ओवरसियर संगी विश्वासियों में व्यक्तिगत दिलचस्पी लेते हैं, ठीक जैसे एक भला भण्डारी घराने की ज़रूरतों का अच्छा ख़्याल रखता है। कुछ उत्कृष्ट वक्ता हैं। अनेक प्रचार कार्य में माहिर हैं, वहीं अन्य अपने स्नेह और करुणा के लिए जाने जाते हैं। दूसरों की सेवा करने के लिए ऐसे वरदानों को विकसित करने और इनका प्रयोग करने के द्वारा, सफ़री ओवरसियरों को उचित रीति से ‘भले भण्डारी’ कहा जा सकता है।
४. किस प्रश्न पर अब विचार किया जाएगा?
४ “भण्डारी में यह बात देखी जाती है, कि विश्वास योग्य निकले,” प्रेरित पौलुस ने लिखा। (१ कुरिन्थियों ४:२) सप्ताह-दर-सप्ताह एक भिन्न कलीसिया में संगी मसीहियों की सेवा करना एक अनोखा और आनन्ददायक विशेषाधिकार है। इसके बावजूद, यह एक भारी ज़िम्मेदारी भी है। तो फिर, सफ़री ओवरसियर अपने भण्डारी-कार्य को कैसे विश्वासयोग्य रीति से और सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं?
अपने भण्डारी-कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करना
५, ६. एक सफ़री ओवरसियर के जीवन में यहोवा पर प्रार्थनापूर्ण भरोसा इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
५ अगर सफ़री ओवरसियरों को सफल भण्डारी होना है तो यहोवा पर प्रार्थनापूर्ण भरोसा आवश्यक है। अपनी सारणी और अनेक ज़िम्मेदारियों के कारण, वे कभी-कभी बोझ से दबा हुआ महसूस कर सकते हैं। (२ कुरिन्थियों ५:४ से तुलना कीजिए।) सो उन्हें भजनहार दाऊद के गीत के सामंजस्य में कार्य करने की ज़रूरत है: “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।” (भजन ५५:२२) साथ ही, दाऊद के शब्द सांत्वनादायक हैं: “धन्य है प्रभु, जो प्रति दिन हमारा बोझ उठाता है।”—भजन ६८:१९.
६ अपनी आध्यात्मिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करने की सामर्थ पौलुस को कहाँ से मिली? “जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं,” उसने लिखा। (फिलिप्पियों ४:१३) जी हाँ, यहोवा परमेश्वर पौलुस की सामर्थ का स्रोत था। समान रीति से, पतरस ने सलाह दी: “यदि कोई सेवा करे, तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो।” (१ पतरस ४:११) एक भाई ने जो अनेक वर्षों से एक सफ़री ओवरसियर था परमेश्वर पर भरोसे की ज़रूरत पर यह कहते हुए ज़ोर दिया: “समस्याएँ सुलझाते वक़्त हमेशा यहोवा की ओर देखिए, और उसके संगठन की सहायता लीजिए।”
७. सफ़री ओवरसियर के कार्य में संतुलन कैसे एक भाग अदा करता है?
७ एक सफल सफ़री ओवरसियर को संतुलन की ज़रूरत है। अन्य मसीहियों की तरह, वह ‘उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानने’ का प्रयास करता है। (फिलिप्पियों १:१०)a जब स्थानीय प्राचीनों को किसी अमुक मामले के बारे में प्रश्न हैं, तो भेंट करनेवाले सर्किट ओवरसियर से परामर्श लेना उनके लिए बुद्धिमानी होगी। (नीतिवचन ११:१४; १५:२२) संभवतः, उसकी संतुलित टिप्पणियाँ और शास्त्रीय सलाह बहुत ही सहायक साबित होंगी जब कलीसिया से उसके चले जाने के बाद प्राचीन मामले की देख-रेख करना जारी रखते हैं। कुछ-कुछ इसी विचार के बारे में, पौलुस ने तीमुथियुस से कहा: “जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।”—२ तीमुथियुस २:२.
८. बाइबल अध्ययन, खोज, और मनन क्यों अत्यावश्यक हैं?
८ शास्त्रीय अध्ययन, खोज, और मनन ठोस सलाह देने के लिए आवश्यक हैं। (नीतिवचन १५:२८) एक ज़िला ओवरसियर ने कहा: “प्राचीनों से मिलते वक़्त, हमें यह स्वीकार करने से डरना नहीं चाहिए कि हम किसी विशेष प्रश्न का उत्तर नहीं जानते।” किसी मामले पर “मसीह का मन” प्राप्त करने का प्रयास करना, बाइबल-आधारित सलाह देना संभव बनाता है जो दूसरों को परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए मदद करेगी। (१ कुरिन्थियों २:१६) कभी-कभी निर्देशन के लिए एक सफ़री ओवरसियर के लिए वॉच टावर संस्था को लिखना ज़रूरी होता है। जो भी हो, यहोवा में विश्वास और सच्चाई के लिए प्रेम हमारी छवि या वाक्पटुता से कहीं ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। “शब्दों या ज्ञान की उत्तमता” के साथ आने के बजाय, पौलुस ने कुरिन्थ में अपनी सेवकाई ‘निर्बलता और भय के साथ थरथराते हुए’ शुरू की। क्या इसने उसे निष्प्रभावी बना दिया? इसके विपरीत, इसने कुरिन्थियों को विश्वास रखने में मदद दी, “मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य पर।”—१ कुरिन्थियों २:१-५, NHT.
अन्य अत्यावश्यक गुण
९. सफ़री प्राचीनों को तदनुभूति की ज़रूरत क्यों है?
९ तदनुभूति सफ़री ओवरसियरों को अच्छे परिणाम प्राप्त करने में सहायता देती है। पतरस ने सभी मसीहियों से आग्रह किया कि ‘सहानुभूति दिखाएँ,’ या “सहानुभूतिशील” हों। (१ पतरस ३:८, NW, फुटनोट) एक सर्किट ओवरसियर ‘कलीसिया में प्रत्येक व्यक्ति में दिलचस्पी रखने और सचमुच ध्यान देकर सुनने’ की ज़रूरत को महसूस करता है। समान भावना के साथ, पौलुस ने लिखा: “आनन्द करनेवालों के साथ आनन्द करो; और रोनेवालों के साथ रोओ।” (रोमियों १२:१५) ऐसी मनोवृत्ति सफ़री ओवरसियरों को संगी विश्वासियों की समस्याओं और परिस्थितियों को समझने का गंभीर प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है। उसके बाद वे प्रोत्साहक शास्त्रीय सलाह दे सकते हैं जो लागू किए जाने पर वास्तव में अच्छे परिणाम ला सकती है। एक सर्किट ओवरसियर को जो उत्कृष्ट रीति से तदनुभूति दिखाता है, ट्युरिन, इटली के पास एक कलीसिया से यह चिट्ठी मिली: “अगर आप दिलचस्प होना चाहते हैं तो दिलचस्पी लीजिए; अगर आप प्रीतिकर लगना चाहते हैं, तो प्रीतिकर बनिए; अगर आप प्रेम पाना चाहते हैं, तो प्रेमपूर्ण बनिए; अगर आप मदद पाना चाहते हैं, तो मदद करने के लिए तैयार रहिए। यही है जो हमने आपसे सीखा है!”
१०. सर्किट और ज़िला ओवरसियरों ने नम्र होने के बारे में क्या कहा है, और यीशु ने इस सम्बन्ध में कौन-सा उदाहरण रखा है?
१० नम्र और सुगम होना सफ़री ओवरसियरों को काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सहायता करता है। एक सर्किट ओवरसियर ने कहा: “नम्र मनोवृत्ति बनाए रखना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।” वह नए सफ़री ओवरसियरों को चिताया करता: “अपने आपको ज़्यादा समृद्ध भाइयों से, उन्होंने जो आपके लिए किया है उसके कारण, अनुचित रूप से प्रभावित न होने दें, ना ही केवल ऐसे लोगों तक अपनी दोस्ती सीमित रखें, लेकिन दूसरों के साथ हमेशा निष्पक्षता के साथ पेश आने का प्रयास करें।” (२ इतिहास १९:६, ७) और वास्तव में एक नम्र सफ़री ओवरसियर संस्था के प्रतिनिधि के तौर पर अपने महत्त्व का अतिश्योक्तिपूर्ण दृष्टिकोण नहीं रखेगा। एक ज़िला ओवरसियर ने उचित रीति से कहा: “भाइयों की सुनने के लिए नम्र और इच्छुक बनिए। हमेशा सुगम रहिए।” कभी जीवित रहा सर्वश्रेष्ठ मनुष्य, यीशु मसीह लोगों को असहज महसूस करवा सकता था, लेकिन वह इतना नम्र और सुगम था कि बच्चे भी उसकी उपस्थिति में निश्चिन्त महसूस करते थे। (मत्ती १८:५; मरकुस १०:१३-१६) सफ़री ओवरसियर चाहते हैं कि बच्चे, किशोर, वृद्धजन—सचमुच कलीसिया का कोई भी व्यक्ति और हर व्यक्ति—उनके पास आने में हिचकिचाहट न महसूस करे।
११. जब इसकी ज़रूरत हो, तो एक माफ़ी का क्या प्रभाव हो सकता है?
११ निःसंदेह, “हम सब बहुत बार चूक जाते हैं,” और कोई भी सफ़री ओवरसियर गलतियाँ करने से विमुक्त नहीं है। (याकूब ३:२) जब वे गलतियाँ करते हैं, तब सच्चे दिल से माफ़ी माँगना अन्य प्राचीनों के लिए नम्रता का एक उदाहरण देता है। नीतिवचन २२:४ के अनुसार, “नम्रता और यहोवा के [श्रद्धापूर्ण] भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है।” और क्या परमेश्वर के सभी सेवकों को ‘अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चलने’ की ज़रूरत नहीं है? (मीका ६:८) जब पूछा गया कि एक नए सफ़री प्राचीन के लिए उसके पास कौन-सी सलाह है, तो एक सर्किट ओवरसियर ने कहा: “सभी भाइयों के लिए बहुत ही आदर और सम्मान रखिए और उनको अपने से बेहतर समझिए। आप भाइयों से बहुत कुछ सीखेंगे। नम्र रहिए। सहज रहिए। बढ़ाई मत मारिए।”—फिलिप्पियों २:३.
१२. मसीही सेवकाई के लिए उत्साह इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
१२ मसीही सेवकाई के लिए उत्साह एक सफ़री ओवरसियर के शब्दों को वज़न देता है। असल में, जब वह और उसकी पत्नी प्रचार कार्य में उत्साही उदाहरण रखते हैं, तो प्राचीन, उनकी पत्नियाँ और बाक़ी कलीसिया अपनी सेवकाई में उत्साह दिखाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। “सेवा के लिए उत्साही बनिए,” एक सर्किट ओवरसियर ने आग्रह किया। उसने आगे कहा: “सामान्य रूप से, मैं ने यह पाया है कि एक कलीसिया सेवकाई में जितनी ज़्यादा उत्साही है उतनी ही कम समस्याओं का वह अनुभव करती है।” एक और सर्किट ओवरसियर ने कहा: “मेरा विश्वास है कि अगर प्राचीन भाई-बहनों के साथ क्षेत्र में कार्य करें और उन्हें सेवकाई का आनन्द उठाने के लिए मदद दें, तो यह मन की शान्ति और यहोवा की सेवा करने की सबसे बड़ी संतुष्टि में परिणित होगा।” प्रेरित पौलुस ने ‘साहस प्राप्त किया कि घोर विरोध के होते हुए भी वह थिस्सलुनीकियों को परमेश्वर का सुसमाचार सुना सका।’ इसमें आश्चर्य नहीं कि उनके पास उसकी भेंट और प्रचार कार्य की मीठी यादें थीं और वे उसे दुबारा देखने के लिए लालायित थे!—१ थिस्सलुनीकियों २:१, २, NHT; ३:६.
१३. संगी मसीहियों के साथ क्षेत्र सेवा में कार्य करते वक़्त एक सफ़री ओवरसियर किस बात को ध्यान में रखता है?
१३ संगी मसीहियों के साथ क्षेत्र सेवकाई में कार्य करते वक़्त, एक सफ़री ओवरसियर उनकी परिस्थितियों और सीमाओं को ध्यान में रखता है। हालाँकि उसके सुझाव सहायक हो सकते हैं, वह जानता है कि कुछ व्यक्तियों को एक अनुभवी प्राचीन के साथ प्रचार करते वक़्त घबराहट हो सकती है। इसलिए, कुछ मामलों में सलाह से ज़्यादा प्रोत्साहन उपयोगी हो सकता है। जब वह प्रकाशकों या पायनियरों के साथ बाइबल अध्ययन के लिए जाता है, वे शायद चाहें कि वह उसे संचालित करे। यह संभवतः उनके सिखाने के ढंग में तरक़्की करने के कुछ तरीक़ों से उन्हें परिचित करवाएगा।
१४. ऐसा क्यों कहा जा सकता है कि उत्साही सफ़री ओवरसियर दूसरों में उत्साह जगा सकते हैं?
१४ उत्साही सफ़री ओवरसियर दूसरों में उत्साह जगाते हैं। यूगाण्डा में एक सर्किट ओवरसियर ने एक घंटे चलकर घना जंगल पार किया ताकि एक भाई के साथ एक ऐसे बाइबल अध्ययन के लिए जाए जो बहुत कम प्रगति कर रहा था। उनके चलते वक़्त ऐसी ज़ोर की बारिश हुई कि वे पूरी तरह भीगे हुए पहुँचे। जब छः सदस्यों के परिवार को पता चला कि उनका मेहमान एक सफ़री ओवरसियर है, तो वे बहुत ही प्रभावित हुए। वे जानते थे कि उनके गिरजे के पादरी अपने झुंड के लिए कभी ऐसी दिलचस्पी नहीं दिखाते। अगले रविवार, वे अपनी पहली सभा में उपस्थित हुए और यहोवा के साक्षी बनने की इच्छा व्यक्त की।
१५. मॆक्सिको में एक उत्साही सर्किट ओवरसियर ने कौन-से बढ़िया अनुभव का आनन्द उठाया?
१५ मॆक्सिको के वहाका राज्य में, एक सर्किट ओवरसियर ने ऐसा कार्य किया जिसकी उससे असल में आशा नहीं की गयी। उसने एक जेलखाने में चार रातें रहने का प्रबंध किया ताकि सात कारावासियों के एक समूह से भेंट कर सके जो राज्य प्रकाशक बन गए थे। कई दिनों तक वह इन क़ैदियों के साथ-साथ रहा जब वे एक कोठरी से दूसरी कोठरी में साक्षी दे रहे थे और बाइबल अध्ययन चला रहे थे। दिखायी गयी दिलचस्पी के कारण, इनमें से कुछ अध्ययन देर रात तक चलते रहे। “भेंट की समाप्ति पर, परस्पर प्रोत्साहन के कारण इन कारावासियों और मैं ने बहुत ही आनन्दित महसूस किया,” यह उत्साही सर्किट ओवरसियर लिखता है।
१६. जब सफ़री ओवरसियर और उनकी पत्नियाँ प्रोत्साहन देते हैं तो यह इतना लाभदायक क्यों होता है?
१६ सफ़री ओवरसियर प्रोत्साहक होने की कोशिश करते हैं। जब पौलुस ने मकिदुनिया की कलीसियाओं में भेंट की, तब उसने ‘उनको अत्यधिक उत्साहित किया।’ (प्रेरितों २०:१, २, NHT) युवा और वृद्ध दोनों को आध्यात्मिक लक्ष्यों की ओर निर्देशित करने के लिए प्रोत्साहन-भरे शब्द बहुत ही सहायक हो सकते हैं। वॉच टावर संस्था के एक बड़े शाख़ा दफ़्तर में, एक अनौपचारिक सर्वेक्षण ने ज़ाहिर किया कि सर्किट ओवरसियरों ने क़रीब २० प्रतिशत स्वयंसेवकों को पूर्ण-समय सेवा शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया था। पूर्ण-समय राज्य उद्घोषक के तौर पर अपने उत्तम उदाहरण से, सफ़री ओवरसियर की पत्नी भी प्रोत्साहन का एक बड़ा स्रोत साबित होती है।
१७. एक वृद्ध सर्किट ओवरसियर दूसरों की सहायता करने के अपने विशेषाधिकार के बारे में कैसा महसूस करता है?
१७ वृद्ध जन और हताश व्यक्ति विशेषकर प्रोत्साहन की ज़रूरत में हैं। एक वृद्ध सर्किट ओवरसियर लिखता है: “मेरे कार्य का एक पहलू जो बेहद अंदरूनी ख़ुशी पैदा करता है वह है परमेश्वर के झुंड में निष्क्रिय और कमज़ोर लोगों की सहायता करने का विशेषाधिकार। रोमियों १:११, १२ के शब्दों का मेरे लिए ख़ास अर्थ है, क्योंकि ‘ऐसे व्यक्तियों को कोई आत्मिक बरदान देने से जिससे वे स्थिर हो जाएँ’ मैं बहुत ज़्यादा प्रोत्साहन और सामर्थ्य प्राप्त करता हूँ।”
उनके आनन्दपूर्ण कार्य के प्रतिफल
१८. सफ़री ओवरसियरों के कौन-से शास्त्रीय लक्ष्य होते हैं?
१८ सफ़री ओवरसियरों के हृदय में संगी विश्वासियों के सर्वोत्तम हित रहते हैं। वे कलीसियाओं को स्थिर करना और उन्हें आध्यात्मिक रूप से बनाना चाहते हैं। (प्रेरितों १५:४१) एक सफ़री ओवरसियर “प्रोत्साहन देने, विश्राम प्रदान करने, और सेवकाई को पूरा करने तथा सत्य पर चलते रहने की इच्छा को बढ़ावा देने के लिए” कड़ी मेहनत करता है। (३ यूहन्ना ३) एक और ओवरसियर अपने संगी विश्वासियों को विश्वास में दृढ़ करने की तलाश में रहता है। (कुलुस्सियों २:६, ७) याद रखिए कि सफ़री ओवरसियर एक ‘सच्चा सहकर्मी’ है, दूसरों के विश्वास का स्वामी नहीं। (फिलिप्पियों ४:३; २ कुरिन्थियों १:२४) उसकी भेंट प्रोत्साहन और अतिरिक्त गतिविधि का, साथ ही की गयी प्रगति पर प्राचीनों के निकाय द्वारा पुनर्विचार करने का और भावी लक्ष्यों पर विचार करने का एक अवसर है। उसकी कथनी और करनी से, कलीसिया प्रकाशक, पायनियर, सहायक सेवक, और प्राचीन प्रोत्साहित होने और आगे रखे कार्य के लिए प्रेरित होने की आशा कर सकते हैं। (१ थिस्सलुनीकियों ५:११ से तुलना कीजिए।) तो फिर, पूरे दिल से सर्किट ओवरसियर की भेंटों का समर्थन कीजिए, और ज़िला ओवरसियर द्वारा दी गयी सेवा का पूरा लाभ उठाइए।
१९, २०. सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों को उनकी विश्वासयोग्य सेवा के लिए प्रतिफल कैसे मिला है?
१९ सफ़री ओवरसियर और उनकी पत्नियाँ अपनी विश्वासयोग्य सेवा के लिए भरपूर प्रतिफल पाते हैं, और वे विश्वस्त हो सकते हैं कि जो भलाई वे करते हैं उसके लिए यहोवा उनको आशीष देगा। (नीतिवचन १९:१७; इफिसियों ६:८) गेआर्ग और मागडालेना एक वृद्ध दम्पति हैं जिन्होंने अनेक वर्षों तक सफ़री कार्य में सेवा की। लक्ज़मबर्ग के एक अधिवेशन में, मागडालेना के पास एक स्त्री आयी जिसे उसने २० से अधिक वर्ष पहले साक्षी दी थी। इस यहूदी स्त्री की सत्य में दिलचस्पी उस बाइबल साहित्य से जगी जो मागडालेना उसके पास छोड़ गयी थी, और कुछ समय बाद उसका बपतिस्मा हुआ। गेआर्ग के पास एक आध्यात्मिक बहन आयी, जिसे क़रीब ४० वर्ष पहले उसके घर पर गेआर्ग की भेंट याद थी। सुसमाचार की उसकी उत्साह-भरी प्रस्तुति आख़िरकार उस स्त्री और उसके पति द्वारा सत्य को स्वीकार करने की ओर ले गयी। कहने की ज़रूरत नहीं, गेआर्ग और मागडालेना दोनों बहुत ही ख़ुश हुए।
२० इफिसुस में पौलुस की फलदायी सेवकाई से उसे ख़ुशी मिली और शायद इससे प्रेरित होकर उसने यीशु के शब्द उद्धृत किए हों: “लेने से देना धन्य है।” (प्रेरितों २०:३५) क्योंकि सफ़री कार्य में निरन्तर देना शामिल है, जो इसमें भाग लेते हैं ख़ुशी का अनुभव करते हैं, विशेषकर जब वे अपनी मेहनत के अच्छे परिणामों से अवगत होते हैं। एक सर्किट ओवरसियर को, जिसने एक निरुत्साहित प्राचीन की सहायता की, एक चिट्ठी में कहा गया: “मेरे आध्यात्मिक जीवन में आप एक बड़ा ‘दृढ़ करनेवाला साधन’ रहे हैं—आपकी जानकारी से अधिक। . . . आप कभी पूरी तरह नहीं जान पाएँगे कि आपने एक आधुनिक दिन के आसाप की कितनी मदद की है जिसके ‘पैर तो लड़खड़ाने पर थे।’”—कुलुस्सियों ४:११; भजन ७३:२, NHT.
२१. आप क्यों कहते कि १ कुरिन्थियों १५:५८ सफ़री ओवरसियरों के कार्य पर लागू होता है?
२१ एक वृद्ध मसीही जो वर्षों से सर्किट कार्य में था १ कुरिन्थियों १५:५८ (NW) के बारे में सोचना पसन्द करता है, जहाँ पौलुस ने आग्रह किया: “दृढ़ और अटल बनो, प्रभु के काम में हमेशा काफ़ी कुछ करते रहो, यह जानते हुए कि प्रभु के सम्बन्ध में तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है।” निश्चित ही सफ़री ओवरसियरों को प्रभु के काम में करने के लिए बहुत कुछ है। और हम कितने आभारी हैं कि वे कितनी ख़ुशी से यहोवा के अपात्र अनुग्रह के विश्वासयोग्य भण्डारियों के तौर पर सेवा करते हैं!
[फुटनोट]
a प्रहरीदुर्ग, मई १५, १९९१, (अंग्रेज़ी) पृष्ठ २८-३१, का लेख, “क्या आप बहुत काम करते हुए ख़ुश रह सकते हैं?” देखिए।
आप कैसे जवाब देंगे?
◻ सफ़री ओवरसियरों को क्यों ‘भले भण्डारी’ समझा जा सकता है?
◻ कुछ तत्त्व क्या हैं जो सर्किट और ज़िला ओवरसियरों को काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सहायता करते हैं?
◻ सफ़री कार्य में भाग लेनेवालों के लिए नम्रता और उत्साह इतने महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
◻ सफ़री ओवरसियरों के कौन-से उत्तम लक्ष्य होते हैं?
[पेज 16 पर तसवीर]
सफ़री ओवरसियर संगी विश्वासियों को प्रोत्साहित करने की खोज में रहते हैं
[पेज 17 पर तसवीर]
युवा और वृद्ध दोनों ही सफ़री ओवरसियरों और उनकी पत्नियों की संगति से लाभ प्राप्त कर सकते हैं
[पेज 18 पर तसवीर]
सफ़री ओवरसियर की उत्साहपूर्ण सेवकाई दूसरों में उत्साह बढ़ाती है