राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
अलास्का में परमेश्वर इसे बढ़ाता है
हिम और बर्फ की चादर तले एक छोटा-सा बीज बड़ा होने की ताक में है। तीन मिलीमीटर पत्तागोभी का बीज बस तीन महीने की अलास्का की गर्मी में बढ़कर करीब ४० किलोग्राम हो जाता है! जी हाँ, यह देश जिसे कई लोगों ने कभी बंजर, बर्फीला बेकार समझा था, प्रचुर मात्रा में फल उत्पन्न कर सकता है।
यही विशेषकर अलास्का के आध्यात्मिक क्षेत्र के मामले में भी सच है। उस लंबी सर्दियोंवाले देश में यहोवा के साक्षी राज्य बीज बोना जारी रख रहे हैं। पृथ्वी के अन्य भागों की तरह ही, परमेश्वर उपजाऊ हृदयों में बीज बढ़ाता है।—१ कुरिन्थियों ३:६, ७.
● एक बार अपनी स्कूल बस में, वनॆसा नामक एक किशोर साक्षी ने अपनी साथी विद्यार्थी ऐन को जो हमेशा अकेले बैठती थी, देखा तो उसे लगा कि ऐन दुःखी है। इसलिए वनॆसा ने ऐन को अपनी बगल में बैठने के लिए कहा। इसमें कोई अचरज नहीं कि ऐन दुःखी थी! दिल के दौरे के कारण उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी और थोड़े समय के बाद उसके पिताजी भी कैंसर की वज़ह से चल बसे थे। इसी कारण ऐन अलास्का में अपने रिश्तेदारों के साथ रहती थी।
एक शनिवार क्षेत्र सेवा के दौरान वनॆसा अपनी नयी परिचित के घर पहुँची और उसने उसे एक ब्रोशर, क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है? दिया। अगले सोमवार ही ऐन ने स्कूल में उस साक्षी को ढूँढ़ निकाला। ऐन के ऐसे कई बाइबल संबंधित प्रश्न थे जिनके उत्तर वनॆसा दे पायी। उसने पूछा, “तुम्हारी सभाएँ कहाँ होती हैं?” उसी शाम ऐन पहली बार, राज्यगृह में सभा के लिए उपस्थित हुई।
ठीक जैसे यीशु ने वादा किया था, इस १७-वर्षीया अनाथ को कई “माता” और “पिता” पाने में ज़्यादा समय नहीं लगा। (मत्ती १९:२९) और फिर, “ईश्वरीय शांति के संदेशवाहक” ज़िला अधिवेशन में प्रफुल्लित व मुसकराती ऐन को पानी के बपतिस्मे द्वारा यहोवा के प्रति अपना समर्पण चिन्हित करते देखना, कितने खुशी का अवसर था!
● अलास्का के विशाल उत्तरध्रुवीय क्षेत्रों के दूरदराज़ इलाकों में—जहाँ एक गाँव से दूसरे गाँव के बीच सैकड़ों किलोमीटर के जंगल हैं—१५० से भी अधिक समुदायों में राज्य बीज बोने के लिए वॉच टावर सोसाइटी का दो-इंजनवाला हवाई जहाज़ उपयोग किया गया है। लेकिन बाइबल के नियमित अध्ययन के ज़रिए आध्यात्मिक विकास, पत्र-व्यवहार पर निर्भर है। चूँकि कइयों के लिए पत्र लिखना एक मुश्किल काम है, इसलिए विद्यार्थी में दिलचस्पी को बरकरार रखने के लिए बाइबल के शिक्षक को रचनात्मक होने की ज़रूरत है। यह कैसे किया जा सकता है?
केथी ने ऐड्ना के साथ प्रगतिशील बाइबल अध्ययन संचालित किया, बावजूद इसके कि दोनों एक दूसरे से ६०० किलोमीटर की दूरी पर रहती थीं! अध्ययन किताब के प्रश्नों को मात्र पत्र में कॉपी करने के बजाय, केथी अलग से एक पन्ने पर प्रश्न लिखती थी और उत्तर के लिए जगह छोड़ देती थी। जब ऐड्ना उत्तर भरकर भेजती, तब केथी जवाब देती और उन मुद्दों पर टिप्पणी करती जिनके स्पष्टीकरण की ज़रूरत होती थी। केथी कहती है: “मैंने बुधवार शाम को अलग-से अपने ‘अध्ययन’ के लिए रखा था और मैंने इस सारणी से लगे रहने की कोशिश की, जैसे मैं किसी और बाइबल अध्ययन के साथ करती। मैं ऐड्ना को अपने पते के साथ स्टेम्प लगा हुआ लिफाफा भी भेजती। चूँकि डाक पहुँचने में दो हफ्ते लगते थे, ज़ाहिर है कि पत्र द्वारा अध्ययन कुछ धीमा ही रहा।”
डाक द्वारा दस महीने अध्ययन करने के बाद, जब केथी और ऐड्ना एनकरेज के ज़िला अधिवेशन में पहली बार आमने-सामने मिले तब उनके रोमांच की कल्पना कीजिए! और अलास्का के कई दूरदराज़ गाँवों में से आए बाइबल विद्यार्थियों और अन्य दिलचस्पी रखनेवाले लोगों को देखकर भी साक्षी बड़े खुश हुए।
हालाँकि कभी-कभार विकास कुछ धीमा नज़र आ सकता है, फिर भी जब कुछ “बीजांकुरों” पर सच्चाई का प्रकाश पड़ता है तब वे बड़ी जल्दी अंकुरित होते हैं। अलास्का में हर साल औसतन सौ से भी ज़्यादा यहोवा के नए स्तुतिकर्ता बपतिस्मा लेते हैं! इसे बढ़ाने के लिए हम कहते हैं, “यहोवा, तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया”!