वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा का अध्ययन करना
मई १० के सप्ताह के दौरान, हम अपनी कलीसिया पुस्तक अध्ययन में वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा पुस्तक का अध्ययन शुरू करेंगे। यीशु मसीह के जीवन और सेवकाई पर पुनर्विचार करना क्या ही आनन्द की बात होगी! चूँकि यह पुस्तक अन्य पुस्तकों से कुछ फ़र्क बनाई गई है, कुछ मार्गदर्शन लाभदायक होंगे।
२ पुस्तक के पृष्ठ नंबर नहीं हैं इसलिए हमारी राज्य सेवकाई में प्रकाशित तालिका, अध्ययन किए जानेवाले अध्यायों को सूचित करेगी, अक्सर प्रत्येक सप्ताह तीन या चार अध्याय। अध्याय ३५, १११, और ११६ ज़्यादा लम्बे हैं इसलिए प्रत्येक अध्याय को दो अध्ययन में विभाजित किया जाएगा। एक योग्य भाई द्वारा एक सम्पूर्ण अध्याय (या एक सम्पूर्ण उपशीर्षक, जैसे अध्याय ३५, १११, और ११६ में हैं) को पढ़ने के बाद, अध्ययन संचालक अध्याय के अंत में दिए प्रश्नों को पूछेगा जो उस समय पढ़े गए अध्याय या भाग से मेल खाते हैं। अध्याय में उत्तर हमेशा क्रमानुसार नहीं हैं। संक्षिप्त और सुस्पष्ट टिप्पणियाँ अध्याय में दी गई जानकारी पर आधारित होनी चाहिए।
३ इसके बाद, जैसे समय अनुमति दे, अध्याय के अंत में दिए गए सभी शास्त्रवचनों को पढ़ा जाना चाहिए। ज़्यादा लम्बे शास्त्रवचन के उद्धरणों को छोटे भागों में विभाजित किया जा सकता है ताकि अलग-अलग प्रकाशक पढ़ने में हिस्सा ले सकें, और फिर जो पढ़ा गया है उस पर टिप्पणी दी जा सकती है। संचालक द्वारा तैयार किए गए सुस्पष्ट प्रश्न अर्थपूर्ण टिप्पणियाँ निकलवाने में मदद करेंगे, जो दिखाएं कि पढ़े गए शास्त्रवचन, पुस्तक में विशिष्ट की गई बातों के साथ कैसे सम्बन्ध रखते हैं। सभी प्रश्न और टिप्पणी को उपस्थित लोगों की मदद करनी चाहिए कि वे अपना ध्यान यीशु मसीह, उसकी जीवनशैली, और उसकी शिक्षा पर केंद्रित करें।
४ सर्वश्रेष्ठ मनुष्य पुस्तक यीशु के जीवन पर कालानुक्रम विचार करती है। घटनाओं की सजीव कल्पना करना और मन में बैठाना कि वे कहाँ घटित हुई थीं, उन्हें याद रखने में एक वास्तविक मदद हो सकती है। इसलिए, रंगीन चित्रों पर चर्चा करने और पुस्तक के आरम्भ में प्रस्तावना के बाद छपे नक़्शे का बार-बार उल्लेख करने से न चूकिए।
५ पहले सप्ताह पुस्तक की प्रस्तावना पर चर्चा की जाएगी। उपशीर्षक के नीचे सभी अनुच्छेदों को पढ़ने के बाद, संचालक अपने तैयार किए हुए उपयुक्त प्रश्न पूछेगा। यह प्रारंभिक चर्चा आनेवाले अध्ययन के लिए हमें तैयार करेगी। जानकारी को किस हद तक सफ़लतापूर्वक पूरा किया जाता है यह काफ़ी हद तक सभी उपस्थित लोगों की तैयारी पर निर्भर करेगा। प्रत्येक सप्ताह, ख़ासकर संचालक की अच्छी तैयारी होनी चाहिए ताकि सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा, हमारे प्रभु और उद्धारक, यीशु मसीह के साथ अच्छी तरह परिचित होने में वह समूह की मदद कर सके।