घर-घर की सेवकाई की चुनौती का सामना करना
घर-घर जाने और अनजान व्यक्तियों से मिलने का विचार, उनमें से अनेक जनों के लिए असली चुनौती प्रस्तुत करता है जो शुद्ध उपासना का बीड़ा उठाते हैं। लेकिन यहोवा के लिए सच्चा प्रेम एक व्यक्ति को इस चुनौती का सामना करने के लिए मदद करता है, और उन्होंने भी जो स्वभाव से बहुत शर्मीले हैं, सुसमाचार के पूर्ण-समय के प्रचारक बनने की हद तक उन्नति कर ली है।
२ बाइबल से यह स्पष्ट होता है कि प्रारंभिक मसीहियों ने परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार घर-घर जाकर दिया। (प्रेरितों ५:४२; २०:२०, २१) इस २०वीं शताब्दी में मसीहियों के तौर पर, हम भी इस कार्य में भाग लेते हैं। परमेश्वर और हमारे पड़ोसी के लिए हमारा प्रेम हमें यह कार्य करने के लिए प्रेरित करता है जबकि शायद हमें अरुचि, चिढ़, अवहेलना, या सीधे विरोध का सामना करना पड़े।
३ चुनौती का सामना करने से क्या पूरा होता है: हर बार जब हम जाते हैं, हम सच्चाई के कुछ बीज बोने की कोशिश करते हैं, यह जानते हुए कि अन्त में संचित परिणाम शायद राज्य फल लाए। (सभो. ११:६) व्यक्तिगत परिस्थितियाँ बदलती हैं। शायद ऐसा कुछ हो जाए जिससे कि गृहस्वामी उस बात के बारे में सोचे जो हम में से किसी एक ने उसके द्वार पर कही थी, और अगली बार वह शायद ज़्यादा ग्रहणशील हो।
४ हमारी घर-घर की सेवकाई उन लोगों को यहोवा और उसके उद्देश्यों के बारे में सीखने का अवसर देती है जो सच्चाई और धार्मिकता की ओर प्रवृत्त होते हैं, और उन्हें अनन्त जीवन की ओर ले जानेवाले मार्ग पर चलना शुरू कराती है। अतः जो सांसारिक भोग-विलास का पीछा कर रहे हैं, उनको प्रेमपूर्वक चेतावनी दी जाती है कि यहोवा के अनुमोदन का आनन्द लेने के लिए उन्हें बदलने की ज़रूरत है। चाहे गृहस्वामी सुनें या न सुनें, यह सेवकाई यहोवा के नाम को भी फैलाती है और उसे आदर पहुँचाती है।—यहेज. ३:११.
५ सेवकाई में कार्य करने से हमें आत्मा के फल विकसित करने में मदद मिलती है, जैसे कि निःस्वार्थ प्रेम, आनन्द, मेल और धीरज। (गल. ५:२२) यह हमें नम्र और सहानुभूतिपूर्ण होने के लिए मदद करता है, क्योंकि इसमें दूसरों के लिए भला करना सम्मिलित है। यहोवा के कार्य में व्यस्त रहना हमें संसार से सुरक्षित रखने का कार्य करता है।—१ कुरि. १५:५८.
६ चुनौती का सामना करने के लिए मदद: नए जनों को सीखने की ज़रूरत है कि कैसे इस सबसे उत्तेजक कार्य में भाग लेना है। उनमें अक़सर साहस की कमी होती है और शायद इसलिए घर-घर जाने के मात्र विचार से ही निरुत्साहित हो जाएं। हम उनके साथ आम विरोध की और उसकी प्रतिक्रिया में हम क्या कह सकते हैं, इसकी चर्चा कर सकते हैं। वार्तालाप रोकनेवालों को प्रतिक्रिया दिखाने के लिए रीज़निंग पुस्तक में दिए कुछ उत्तम सुझावों का प्रयोग करने का हम अभ्यास कर सकते हैं। क्यों न उन्हें क्षेत्र सेवकाई के लिए तैयारी करने में मदद करने का प्रस्ताव रखें? नियमित रूप से क्षेत्र सेवकाई की सभाओं में उपस्थित होने और उसके बाद ज़्यादा अनुभवी प्रकाशकों के साथ काम करने के द्वारा भी वे काफ़ी मदद प्राप्त कर सकते हैं। एक दल के साथ काम करना बहुत बलदायक हो सकता है।
७ जब हम घर-घर जाते हैं, हमारे पास अपने परमेश्वर, यहोवा का प्रतिनिधित्व करने का विशेषाधिकार है। एक व्यक्ति के पास इस से बढ़कर और क्या सम्मान हो सकता है कि वह वास्तव में परमेश्वर का सहकर्मी हो? (१ कुरि. ३:९) यदि हम उस पर भरोसा करते हैं, तो उसकी आत्मा हमें घर-घर की सेवकाई की चुनौती का सामना करने की मदद करेगी।—२ कुरि. ३:५.