यहोवा की उपासना के स्थान के लिए आदर दिखाइए
जब हम किसी के घर पर मेहमान होते हैं, तो हम उस व्यक्ति की संपत्ति के लिए आदर दिखाते हैं। हम ऐसा कुछ नहीं करते जिससे उसकी संपत्ति को नुक़सान पहुँचे और हम परिवार के व्यवस्थित नित्यक्रम को भंग नहीं करते। जब हम यहोवा के मेहमान होते हैं, तब हमें और कितना ज़्यादा आदर से पेश आना चाहिए! हमें यह जानना ज़रूरी है कि उसके घर में हमें कैसा बर्ताव करना चाहिए। (भज. १५:१; १ तीमु. ३:१५) चाहे हमारी मसीही सभाएँ राज्यगृह में, किसी के घर में, या सार्वजनिक भवन में आयोजित होती हों, हम में से अधिकांश जन उपासना के अपने स्थान के लिए हमेशा आदर दिखाते हैं, मानो यह यहोवा का ही घर हो, जिसका “ऐश्वर्य पृथ्वी और आकाश के ऊपर है।”—भज. १४८:१३.
२ कुछ-कुछ भाई शोर मचाने के द्वारा या ऐसा बर्ताव करने के द्वारा सभाओं में आदर की कमी दिखाते हैं, मानो दी जा रही जानकारी महत्त्वहीन है। कुछ वयस्क जन प्रतीक्षा-कक्ष में, साहित्य व पत्रिका काउंटर के आस-पास, शौचालयों में, या राज्यगृह के बाहर अनावश्यक बातचीत करते हैं, जबकि सभा चल रही होती है। जब एक छोटे बच्चे की निगरानी करने का ज़िम्मा एक बड़े बच्चे को दिया जाता है, तब कभी-कभी दोनों खेलने लगते हैं और कार्यक्रम से ज़्यादा लाभ नहीं उठाते। कुछ बच्चों को सभाओं के बाद राज्यगृह के बाहर खेलते हुए, काफ़ी शोर मचाते हुए, यहाँ तक कि एक दूसरे के साथ कराटे-जैसी हरकतें करते हुए देखा गया है। कुछ क़िस्सों में उन्होंने पड़ोसियों को परेशान किया है या सड़क के यातायात में बाधा डाली है।
३ अनादरशील होने से कैसे बचें: हमारी उपासना की गरिमा व पवित्रता को समझते हुए, निस्संदेह हम खुसुर-फुसुर करने, खाने, चूइंग-गम चबाने, क़ाग़जों को मरोड़ने, बार-बार अनावश्यक ही शौचालय जाने, या सभाओं में आदतन देर से आने के द्वारा दूसरों को विकर्षित करना नहीं चाहेंगे। राज्यगृह में या उस घर में जहाँ पुस्तक अध्ययन आयोजित होते हैं, आदरशील व क़दरदान माता-पिता अपने बच्चों को फ़र्श पर कचरा फेंकने या वहाँ की कुर्सियों अथवा दीवारों को मैला करने की अनुमति नहीं देंगे। और बेशक हम सब सहमत हैं कि हमारी सभाओं में किसी क़िस्म के घृणित आचरण, मूर्खतापूर्ण बातों, या फूहड़ मसखरी के लिए कोई जगह नहीं है।—इफि. ५:४.
४ यदि हम अपनी मसीही सभाओं के उद्देश्य को हमेशा याद रखें, तो हम निश्चित करेंगे कि हम व हमारे बच्चे उस स्थान पर, जहाँ ‘खड़े रहने’ का हमने चुनाव किया है, यहोवा की उपासना के लिए योग्य आदर दिखाएँगे।—भज. ८४:१०.