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“धीरज धरो”

शैतान की इस गयी-गुज़री दुनिया का विनाश दिन-ब-दिन करीब आता जा रहा है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि छुटकारे के लिए यहोवा के दिन की बाट जोहते वक्‍त हम ‘धीरज धरें।’ खासकर इन आखिरी दिनों में हमारा दुश्‍मन, शैतान और उसकी दुष्ट सेनाएँ इसी कोशिश में हैं कि हम यहोवा के राज्य करने के अधिकार के सबसे अहम मसले से अपना ध्यान हटा दें और अपने स्वार्थ के कामों में उलझे रहें। इस तरह शैतान की चालाकी में आकर हम राज्य का प्रचार काम करना बंद कर देंगे या फिर उसमें धीमे पड़ जाएँगे। (याकू. ५:७, ८; मत्ती २४:१३, १४) किन तरीकों से हम धीरज के इस ज़रूरी गुण को दिखा सकते हैं?

२ शांत स्वभाव रखने के द्वारा: जब सेवकाई में लोग हमारी बात नहीं सुनते या विरोध करते हैं तो शांत स्वभाव रखने से हमें प्रचार काम में लगे रहने में मदद मिलेगी। अगर मिलनेवाले लोग रूखे या कठोर स्वभाव के हैं तब भी हम न तो उनसे घबराएँगे न ही उनका बुरा मानेंगे। (१ पत. २:२३) ऐसा अंदरूनी हौसला हमें अपने क्षेत्र में दिलचस्पी न दिखानेवालों या हमारे काम से चिढ़नेवालों के बारे में नाउम्मीद होकर कुछ ऐसा बोल देने से रोकेगा जिससे हम और हमारे साथ काम करनेवाले निराश हो जाएँ।

३ लगातार डटे रहने के द्वारा: प्रचार में जब हम दिलचस्पी दिखानेवाले किसी व्यक्‍ति से अच्छी चर्चा करते हैं, लेकिन दोबारा जाने पर उस व्यक्‍ति को घर पर नहीं पाते तो हमारे धीरज की परीक्षा हो सकती है। ऐसा तब भी हो सकता है जब हमारे साथ स्टडी करनेवाला व्यक्‍ति बहुत धीरे-धीरे प्रगति करता है या सच्चाई को अपनाने में देर करता है। अगर हम धीरज से डटे रहें तो नतीजे अकसर अच्छे होते हैं। (गल. ६:९) एक बहन को एक युवती से बार-बार मिलना पड़ा, तब जाकर कहीं वह उसके साथ बाइबल स्टडी शुरू कर पायी। पहली पाँच मुलाकातों में वह युवती दूसरे कामों में उलझी रही। छठवीं बार, उस युवती के घर जाते वक्‍त यह बहन तेज बारिश की वज़ह से पूरी तरह भीग गई और वहाँ पहुँचने पर पता चला कि घर पर कोई नहीं है। बहरहाल उस युवती को एक और मौका देने के इरादे से जब बहन उसके पास दोबारा गई तो वह स्टडी के लिए तैयार थी। इसके बाद इस युवती ने अच्छी प्रगति की और जल्द ही अपना जीवन यहोवा को समर्पित कर दिया।

४ हम जानते हैं कि यहोवा के दिन को आने में देर न होगी। इसलिए हम सारी बातें यहोवा के हाथ में छोड़कर इंतज़ार करेंगे यह जानते हुए कि उसके धीरज का फल मीठा होगा। (हब. २:३; २ पत. ३:९-१५) हमें भी यहोवा की तरह धीरज धरना है और अपने प्रचार में लगे रहना है। अपनी कड़ी मेहनत का इनाम पाने के लिए, “विश्‍वास और धीरज” के साथ यहोवा की तरफ ताकते रहिए।—इब्रा. ६:१०-१२.

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