लोगों को आने के लिए बुलावा दीजिए
सदियों पहले जो बुलावा दिया गया था, आज दुनिया भर के २३३ देशों में उसी की पुकार सुनी जा रही है: ‘आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़ें, वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।’ (यशा. २:३) लोगों को यहोवा के संगठन में बुलाकर आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने में हम उनकी मदद कर सकते हैं। और यह उन्हें अनंत जीवन के पथ पर ले जाने का एक बेहतरीन तरीका है।
२ कुछ प्रकाशक, लोगों को किंगडम हॉल में बुलाने में झिझकते हैं। वे सोचते हैं कि उन्हें पहले स्टडी करनी है और फिर काफी तरक्की के बाद ही उन्हें बुलाना ठीक रहेगा। मगर कभी-कभी लोग स्टडी शुरू करने से पहले ही सभाओं में आने लगते हैं। इसलिए हमें लोगों को दिल से निमंत्रण देने में कभी झिझकना नहीं चाहिए और सभाओं में आने के लिए उन्हें उकसाना चाहिए।
३ यह कैसे किया जा सकता है: लोगों को हमारी सभाओं के बारे में जानकारी देने के लिए हैंडबिल का ज़्यादा-से-ज़्यादा इस्तेमाल कीजिए। उन्हें बताइए कि सभाओं में अंदर आने के पैसे नहीं लिए जाते और न ही कभी सबसे चंदा माँगा जाता है। और समझाइए कि सभाओं में क्या-क्या होता है। उन्हें बताइए कि ये सभाएँ दरअसल बाइबल शिक्षा के कार्यक्रम हैं और अध्ययन की किताबें वहाँ सबको मिलती हैं ताकि अध्ययन के वक्त सभी साथ-साथ इन किताबों से सीख सकें। बताइए कि वहाँ तरह-तरह और अलग-अलग समुदाय के लोग आते हैं। उनसे कहिए कि आनेवाले लोग आपके अड़ोस-पड़ोस के ही रहनेवाले हैं और किसी भी उम्र के बच्चे आ सकते हैं। खासकर हमें उन सभी लोगों को बुलाना चाहिए जिनके साथ हम बाइबल अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें बताना चाहिए कि आप सभाओं में हाज़िर होने के लिए उन्हें किसी तरह की भी मदद देने के लिए तैयार हैं।
४ दरअसल यहोवा के जीवन देनेवाले प्रबंधों का फायदा उठाने के लिए बाइबल के आखिरी पन्ने में हमें यह बुलावा दिया गया है: “और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती है, आ; . . . और जो प्यासा हो, वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।” (प्रका. २२:१७) इसलिए लोगों को सभाओं में बुलाना बेहद ज़रूरी है।
५ यशायाह ६०:८ की भविष्यवाणी कहती है लोग “बादल की नाईं और दर्बाओं की ओर उड़ते हुए कबूतरों की नाईं चले आते हैं।” ये वे नए लोग हैं जो आज सैकड़ों और हज़ारों की तादाद में परमेश्वर के लोगों की कलीसियाओं में आ रहे हैं और यहोवा की महिमा कर रहे हैं। हम सभी इन नए लोगों को अपनी सभाओं में आने का बुलावा दे सकते हैं और जब वे आते हैं तब हमें प्यार से उनका स्वागत करना चाहिए। इस तरह हम यहोवा का साथ दे रहे होंगे जैसे-जैसे वह लोगों को बटोरने का काम तेज़ी से पूरा कर रहा है।—यशा. ६०:२२.