परमेश्वर की भविष्यवाणी के सब वचन पूरे होंगे!
यहोवा के साक्षी हमेशा से बाइबल की भविष्यवाणियों में दिलचस्पी लेते रहे हैं। पिछले साल जब हमें पता चला कि ज़िला अधिवेशन का विषय “परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन” है, तो हमें बहुत खुशी हुई। हम यह जानने के लिए बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे कि यहोवा “समय पर” हमें क्या “भोजन” देनेवाला है। (मत्ती 24:45) फिर हमारे इंतज़ार का फल बहुत ही मीठा निकला।
2 अधिवेशन की खास बातें: शुक्रवार को, “परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन पर ध्यान दें” विषय पर मूल-विचार भाषण दिया गया। इसमें यीशु के रूपांतरण के बारे में और ज़्यादा बताया गया था। (मत्ती 17:1-9) उसमें यह बात बहुत ज़ोर देकर बताई गई थी कि अब हम सबसे खास वक्त में जी रहे हैं। हम अन्तिम दिनों के सबसे आखिरी मोड़ से गुज़र रहे हैं और बस नई दुनिया में कदम रखने ही वाले हैं! इसलिए परमेश्वर के वचन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है और ऐसा करने का एक अच्छा तरीका है हर रोज़ उसे पढ़ना। “परमेश्वर के वचन को पढ़ने में खुशी पाइए,” इस परिचर्चा में बाइबल पढ़ने के ऐसे तरीके बताए गए थे जिनसे फायदा भी हो और मज़ा भी आए।
3 शनिवार दोपहर में ऐसे बहुत से कारणों को दोहराया गया जिनसे हमारा यह विश्वास मज़बूत होता है कि हम अन्तिम दिनों में जी रहे हैं। क्या आपको वे सब कारण याद हैं? रविवार की सुबह, हबक्कूक की भविष्यवाणी से हमने सीखा कि आज के दिन बिलकुल हबक्कूक के दिनों जैसे हैं और जल्द ही वह घड़ी आ जाएगी जब यहोवा सभी दुष्टों का नाश करेगा और धर्मियों को बचाएगा। क्या आपको याकूब और एसाव के बाइबल ड्रामे का मकसद समझ आया? उस ड्रामे का मकसद यही था कि हमें यहोवा की आशीष पाने के लिए बहुत मेहनत करनी चाहिए और इस बुरे संसार की तरह नहीं बनना चाहिए जो आध्यात्मिक बातों की ज़रा भी कदर नहीं करता।
4 बेहतरीन नई किताब: दानिय्येल की भविष्यवाणी पर ध्यान दें! यह नई किताब जब हमें मिली तो हमें कितनी खुशी हुई। बेशक आजकल आप इस किताब को पढ़ने में लगे होंगे। जिस भाई ने किताब रिलीज़ की थी उन्होंने कहा कि “कुछेक बारीकियों को छोड़, दानिय्येल की किताब में दी गयी सभी भविष्यवाणियाँ पूरी हो चुकी हैं।” क्या इससे यह और भी ज़ाहिर नहीं होता कि अब हमारे पास ज़्यादा वक्त नहीं बचा है?
5 अधिवेशन कार्यक्रम ने हमारे इस विश्वास को काफी मज़बूत किया है कि परमेश्वर के जो वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं वे ज़रूर पूरे होंगे। इससे हमारे अंदर यह जोश बढ़ता है कि लोगों को परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन बताते रहें!