यहोवा की मिसाल पर चलिए और भेद-भाव मत कीजिए
यहोवा हर किसी की भलाई चाहता है। वह पक्षपाती नहीं है, जो कोई उसकी बताई राह पर चलता है उसे वह पसंद करता है। (प्रेरि. १०:३४, ३५) यीशु ने भी बिना किसी पक्षपात के सब लोगों को प्रचार किया। (लूका २०:२१) यहोवा और यीशु की इस मिसाल पर हम सभी को चलना चाहिए। पौलुस उन्हीं की मिसाल पर चलता था इसलिए उसने लिखा: “सब का प्रभु तो एक ही है। और उसकी दया उन सब के लिए, जो उसका नाम लेते हैं, अपरम्पार है।”—रोमि. १०:१२, ईज़ी-टु-रीड वर्शन।
२ जब हम सब लोगों को परमेश्वर के राज्य की खुशखबरी सुनाते हैं तो इससे “परमेश्वर की महिमा” होती है। इसलिए, चाहे वे किसी भी जाति के क्यों न हों, समाज में चाहे उनका कैसा भी रुतबा क्यों न हो, वे पढ़े-लिखे हों या न हों, गरीब हों या अमीर, हमें यह संदेश सभी को सुनाना चाहिए। (रोमि. १०:११-१३) हमें बच्चे, बूढ़े, स्त्री और पुरुष में भी भेद-भाव नहीं करना चाहिए बल्कि सुननेवाले हर किसी को साक्षी देनी है। हमें हर घर का दरवाज़ा खटखटाना चाहिए ताकि सभी को सच्चाई सीखने का मौका मिले।
३ हर किसी में दिलचस्पी लीजिए: हमारी कोशिश रहती है कि हम हर किसी से मुलाकात करें। इसलिए कुछ भाई-बहनों ने क्लिनिकों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, कल्याण केंद्रों, नशाखोरों और शराबियों के सुधार केन्द्रों जैसी जगहों में जाकर साक्षी दी है। साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों, स्कूल के सुपरवाइज़रों, टीचरों और जजों को भी साक्षी दी है। ऐसे बड़े-बड़े अधिकारियों को साक्षी देते समय हम एक बात ध्यान रख सकते हैं कि समाज की भलाई के लिए वे जो मेहनत करते हैं उसके लिए उनकी कदर करें। हमें उनके साथ इज़्ज़त से बात करनी चाहिए और उन्हें पत्रिकाओं से कुछ ऐसे लेख दिखाने चाहिए जो उनके काम और उससे संबंधित समस्याओं के बारे में हों।
४ एक बार एक बहन जज को साक्षी देने के लिए उसके ऑफिस गई। उस जज ने बातचीत में बड़ी दिलचस्पी दिखाई और कहा: “आपको पता है, मुझे यहोवा के साक्षियों के बारे में कौन-सी बात बहुत पसंद है? यही कि वे अपने उसूलों के पक्के होते हैं।” बहन ने उस बड़े आदमी को कितनी अच्छी तरह साक्षी दी!
५ हम नहीं जानते कि लोगों के दिल में क्या है। लेकिन जब हम छोटे-बड़े हर किसी से बात करते हैं तो हम यह विश्वास ज़ाहिर करते हैं कि परमेश्वर की मदद से ही हम यह काम कर रहे हैं। इससे दूसरों को आशा का संदेश सुनने का मौका भी मिलता है। (१ तीमु. २:३, ४) तो आइए हम अपने कीमती समय का सही इस्तेमाल करें और यहोवा की मिसाल पर चलते हुए बिना किसी भेद-भाव के सभी को सुसमाचार सुनाएँ।—रोमि. २:११; इफि. ५:१, २.