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लोगों की जान खतरे में है!

यहोवा की इच्छा है “कि सब लोग उद्धार प्राप्त करें।” यह बात बाइबल में साफ-साफ लिखी गयी है। लेकिन पूरी दुनिया के लोगों का उद्धार कैसे हो सकता है? इसके लिए इन लोगों को यहोवा परमेश्‍वर और उसके राज्य पर विश्‍वास करना है जिसका राजा यीशु मसीह है। इस विश्‍वास को बढ़ाने के लिए ‘सत्य को जानना’ बेहद ज़रूरी है। (1 तीमु. 2:3, 4, NHT) लोगों को चेतावनी देना हमारी ज़िम्मेदारी है कि बहुत जल्द सारी पृथ्वी से दुष्ट लोगों का नाश किया जाएगा। मगर इसके साथ लोगों की जान बचाने की ज़िम्मेदारी भी हमें सौंपी गई है।—मत्ती 24:14; 28:19, 20; रोमि. 10:13-15.

2 प्रचार करना क्यों इतना ज़रूरी है? यीशु ने यह चेतावनी दी कि एक “ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ।” (मत्ती 24:21) इस क्लेश का अंत अरमगिदोन की लड़ाई में होगा। (प्रका. 16:16) बड़ी संख्या में लोग जो सुसमाचार सुनने से इनकार करते हैं, वे सब मारे जाएँगे। और इन लोगों में हमारे रिश्‍तेदार, पड़ोसी, कर्मचारी, स्कूल के दोस्त और सभी जान-पहचानवाले शामिल होंगे, जो सच्चाई में नहीं हैं। लेकिन हमारी चिंता सिर्फ हमारे जान-पहचानवालों के लिए ही नहीं होनी है। हमें “सब मनुष्यों” तक सुसमाचार पहुँचाना चाहिए। इस तरह हम यहोवा परमेश्‍वर की नकल करते हैं, जिसने पूरी मानवजाति से प्यार किया और उनके लिए अपने बेटे को बलि चढ़ा दिया। (यूह. 3:16) परमेश्‍वर की शरण में आने के लिए हमें लोगों को बुलावा देने में पूरी मेहनत करनी होगी। अपने प्रचार काम को पूरी तरह करने से हम किसी की भी मौत के ज़िम्मेदार नहीं ठहरेंगे।—यहे. 33:1-7; 1 कुरि. 9:16.

3 हमारा मकसद क्या है? परमेश्‍वर के वचन बाइबल में, शुरू से लेकर अंत तक प्रचार काम की अहमियत पर ज़ोर दिया गया है। प्रेरित पौलुस ने कहा “मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है” कि हम परमेश्‍वर के बताए हुए रास्ते पर चलें। (2 कुरि. 5:14) इसके अलावा, प्रहरीदुर्ग भी अकसर प्रचार करने की हमारी ज़िम्मेदारी पर ज़ोर देती है और हमारी राज्य सेवकाई बार-बार हमें कई हिदायतें देती है कि प्रचार काम कैसे किया जाना चाहिए। प्राचीन प्रचार के काम का इंतज़ाम करने के साथ उसमें हिस्सा लेने के लिए हमें बढ़ावा भी देते हैं। हमारे भाई-बहन अपने साथ प्रचार में जाने के लिए हमें बुलाते हैं। हर बार हमसे यह भी कहा जाता है कि प्रचार करने के लिए हमें तैयारी करनी चाहिए। लोगों को मैगज़ीन और दूसरे साहित्य देने चाहिए, रिटर्न विज़िट्‌स करनी चाहिए, लोगों के साथ बाइबल स्टडी करनी चाहिए, और हर मौके पर गवाही देनी चाहिए। अगर हम ये सब करेंगे तो लोगों की जान बचाने का हमारा मकसद पूरा होगा।—1 कुरि. 9:22, 23; इफि. 1:13.

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