“सभ्यता और क्रमानुसार” काम कीजिए
एक ज़िला अधिवेशन को कामयाब बनाने के लिए सभी को मिल-जुलकर मेहनत करने की ज़रूरत होती है। अधिवेशन का प्रशासन विभाग अधिवेशन के लिए अच्छे हॉल के साथ-साथ भाइयों के रहने का भी इंतज़ाम करता है। दूसरी तरफ हर व्यक्ति और अलग-अलग परिवार अपने सफर और रहने की योजनाएँ बनाते हैं। और कई कलीसियाएँ स्वंय सेवक भाई-बहनों का इंतज़ाम करती हैं ताकि मिलकर अधिवेशन के अलग-अलग विभागों के कामों में हाथ बँटाया जा सके। यह सब करने का एक ही मकसद होता है कि “सारी बातें सभ्यता और क्रमानुसार की जाएं।”—1 कुरि. 14:40.
2 जब आप अधिवेशन के इंतज़ाम को देखते हुए अपनी योजनाएँ बनाएँ तो इस बात का ध्यान रखिए कि इसकी तैयारी में महीने और कभी-कभी तो कई साल लग जाते हैं। सारा इंतज़ाम करने में सैकड़ों भाई अपना काफी वक्त लगाते हैं। इसमें हॉल किराए पर लेना, अधिवेशन के लिए सामान जुटाना और काम के लिए लोगों को नियुक्त करना शामिल है। ये सारी तैयारियाँ काफी पहले करने की वजह से सभी को आध्यात्मिक आशीषें मिल पाती हैं। मगर हम इस काम में कैसे हाथ बँटा सकते हैं?
3 रहने के इंतज़ाम में सहयोग देना: यह बेहद ज़रूरी है कि हम सब अधिवेशन की व्यवस्था को सहयोग दें। यह खास तौर से हमारे रहने के इंतज़ाम के संबंध में ज़रूरी है। हर अधिवेशन के लिए लगभग सैकड़ों कमरों की ज़रूरत पड़ती है। हमारे अधिकतर भाइयों के पास ज़्यादा पैसा नहीं है इसलिए उन्हें ऐसे कमरे चाहिए जिनका किराया कम हो। होटलवालों से बातचीत करके पूरी-पूरी कोशिश की गई है कि कम-से-कम किराए पर कमरे लिए जा सकें। इसलिए हमें भी चाहिए कि हम दूसरों की ज़रूरत का ख्याल रखें और “अपनी ही हित की नहीं, बरन दूसरों की हित की भी चिन्ता करे।”—फिलि. 2:4.
4 अधिवेशन के लिए, कमरे उपलब्ध कराने के संबंध में हमें जो भी हिदायतें दी जाती हैं उनका हमें ठीक-ठीक पालन करना चाहिए। ऐसा करने से सभी को फायदा होता है। लेकिन इन हिदायतों को नज़रअंदाज़ करने पर खामखाह परेशानियाँ खड़ी होती हैं। वह कैसे? जब हम इन सुझावों पर अमल करते हैं तो होटलवालों को पहले से ही मालूम होता है कि हमने कितने कमरे बुक किए हैं और कितने लोग उनमें रहेंगे। इससे उन्हें योजना बनाने में मदद मिलती है और नतीजा यह हो सकता है कि आनेवाले सालों में भी वे हमें कम दाम पर कमरे दें। अगर हममें से ज़्यादातर जन अपनी बुकिंग कैन्सल कर दें या कोई और इंतज़ाम कर लें, तो इससे होटलवालों के साथ-साथ दूसरे भाई-बहनों को भी परेशानी उठानी पड़ती है, जिन्हें शायद उन कमरों की ज़रूरत हो। और शायद होटलवाले यह सोचकर भविष्य में हमें कम कमरे दें कि हम अपने ज़बान के पक्के नहीं हैं। इसलिए कितना अच्छा होगा अगर हम अपनी बात के सच्चे रहें यानी हमारी बात “हां की हां” हो! (तिरछे टाइप हमारे।)—मत्ती 5:37.
5 इन अच्छे परिणामों पर गौर कीजिए: एक अधिवेशन के बाद शिविर की जगह के एक मैनेजर ने कहा: ‘मैंने देखा है कि यहोवा के साक्षी अपने हर काम में बड़े ही ईमानदार हैं। पिछले हफ्ते, 40 साक्षी मेरे शिविर की जगह पर ठहरे थे, और उन्होंने कोई समस्या खड़ी नहीं की। इसके बजाय, सिर्फ वे ही ऐसे लोग हैं जो आकर हमें इस बात की इत्तला देते हैं कि उनके साथ कोई और आकर ट्रेलर या शिविर में ठहरा है। अगर मुझसे पूछा जाए तो मैं यही कहूँगा कि उनसे अच्छा ग्राहक तो आपको कहीं नहीं मिल सकता।’ हमें किराए पर कमरे देनेवाला हर किसी का अगर ऐसा बढ़िया अनुभव हो तो यह कितना अच्छा होगा! इससे उन्हें कितनी अच्छी गवाही मिलेगी!
6 बहुत सारे होटलों के एक क्षेत्रीय मैनेजर ने कहा: “मुझे नहीं लगता कि हमारे यहाँ ठहरे किसी और बड़े समूह ने यहोवा के साक्षियों की तरह अपने विश्वास के मुताबिक जीने में ऐसी बढ़िया मिसाल कायम की हो। हम पूरी उम्मीद करते हैं कि अगली बार भी आप हमारे यहाँ ठहरेंगे।” इस तरह की तारीफ से ज़ाहिर होता है कि अच्छे चाल-चलन से न सिर्फ हमें बल्कि देखनेवालों को भी ताज़गी मिलती है।
7 कुछ अहम तरीके जिनसे हम सहयोग दे सकते हैं: ऐसे छोटे-छोटे तरीके हैं जिनसे हम अधिवेशन में अपने रहने के इंतज़ाम में सहयोग दे सकते हैं। (1) आपको जितने कमरे चाहिए उनसे ज़्यादा की बुकिंग मत कीजिए। (2) बुकिंग के लिए ज़रूरी रकम पहले से भेज दीजिए। (3) जिन होटलों में सुबह का नाश्ता मुफ्त में दिया जाता है, उसका नाजायज़ फायदा मत उठाइए। (4) याद रखिए कि होटल के मालिकों का हमसे यह उम्मीद करना वाजिब है कि हम होटल के नियमों का पालन करेंगे।
8 यहोवा परमेश्वर के सेवक होने के नाते हम सभी के लिए यह एक मौका है कि हम हर काम में यहोवा के गुणों को ज़ाहिर करें। इसमें परमेश्वर के नाम से जुड़े अधिवेशनों को आयोजित करने और उनमें हाज़िर होने के लिए इंतज़ाम करना भी शामिल है। याद रखिए कि “परमेश्वर गड़बड़ी का नहीं, परन्तु शान्ति का कर्त्ता है।” (1 कुरि. 14:33) इसलिए आइए हम ठान लें कि जब हम “परमेश्वर के वचन के सिखानेवाले” ज़िला अधिवेशन के लिए योजना बनाते और उसमें हाज़िर होते हैं तो परमेश्वर का यह गुण देखनेवालों को हमारे चालचलन में साफ नज़र आए। हम यही उम्मीद करते हैं कि नेकदिल लोगों को यह एहसास होगा कि यहोवा के लोगों की सभाओं में हर काम “सभ्यता और क्रमानुसार” किया जाता है।—भज. 68:26.