यहोवा के प्रेम के लिए कदर दिखाने से मिलनेवाली आशीषें —भाग 1
प्रेरित यूहन्ना ने लिखा: “हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले [यहोवा] ने हम से प्रेम किया।” (1 यूह. 4:19) जब हम इस बात पर सोचते हैं कि यहोवा ने हमें कितना कुछ दिया है, तो मन करता है कि हम कुछ ऐसा काम करें जिससे हम दिखा सकें कि हम उसके कितने एहसानमंद हैं। यीशु ने ऐसी कदरदानी दिखाने की बढ़िया मिसाल कायम की। उसने परमेश्वर की आज्ञा मानते हुए उसके नाम और राज्य की गवाही दी। (यूह. 14:31) तो अच्छा होगा कि हम यहोवा के प्रेम के लिए कदर दिखाने के कुछ तरीकों के बारे में चर्चा करें और देखें कि ऐसा करने से हमें क्या आशीषें मिलती हैं।
2 घर-घर जाना: यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि राज्य का प्रचार कैसे करें। उसके निर्देशों से साफ पता लगता है कि वे घर-घर जाकर सुसमाचार का प्रचार करते थे। (लूका 9:1-6; 10:1-7) अगर हम परमेश्वर से और पड़ोसी से प्रेम करते हैं, तो चाहे हमें प्रचार में बेरुखी और विरोध का ही सामना क्यों न करना पड़े, हम फिर भी घर-घर जाते रहेंगे। ऐसा करते वक्त, हमें भी फायदा होता है क्योंकि हमारा विश्वास ज़्यादा मज़बूत होता है, हमारा संकल्प और पक्का होता है और हमारी आशा और भी उज्ज्वल होती है।
3 घर-घर प्रचार करते वक्त, हमें स्वर्गदूतों की मदद से ऐसे बहुत-से लोग मिले हैं जो सच्चाई के भूखे-प्यासे थे। (प्रका. 14:6) कई घर-मालिकों ने कहा है कि जब वे मदद के लिए प्रार्थना कर ही रहे थे कि तभी कोई साक्षी उनके दरवाज़े पर आया। एक कैरिबियन द्वीप में, दो साक्षी और एक छोटा बच्चा घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे। जब बड़ों ने उस दिन का प्रचार खत्म करके घर जाने का फैसला किया, तो बच्चे ने खुद-ब-खुद आगे जाकर अगला दरवाज़ा खटखटाया। एक युवती ने दरवाज़ा खोला। जब बड़ों ने यह देखा तो उसके पास जाकर उससे बात की। उसने उन्हें अंदर बुलाया और बताया कि वह अभी परमेश्वर से यही प्रार्थना कर रही थी कि वह साक्षियों को उसके पास भेजे ताकि वह बाइबल सीख सके!
4 सड़कों पर गवाही देना: कुछ इलाकों में लोग घर पर बड़ी मुश्किल से मिलते हैं, इसलिए उनसे मिलने के लिए सड़क पर गवाही देना ज़्यादा असरदार तरीका है। यही नहीं, एक ही समुदाय के लोग कॉलोनियों में रहते हैं या ऐसी इमारतों में रहते हैं जहाँ कड़ी सुरक्षा का इंतज़ाम होता है, इसलिए हम वहाँ घर-घर नहीं जा सकते। लेकिन, यहोवा के प्रेम के लिए कदरदानी हमें उकसाती है कि हर मुमकिन तरीके से लोगों को राज्य का संदेश सुनाएँ, जिनमें से एक तरीका है, सड़क पर गवाही देना।—नीति. 1:20, 21.
5 फिर से भेंट करना: हम ऐसे लोगों को ढूँढ़ रहे हैं जो “अपनी आध्यात्मिक ज़रूरत के प्रति सचेत हैं,” इसलिए इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए हमसे जो हो सकता है हम करना चाहते हैं। (मत्ती 5:3, NW) इसके लिए ज़रूरी है कि जहाँ हम सच्चाई के बीज बोते हैं, उन्हें सींचने के लिए हम दोबारा जाएँ। (1 कुरि. 3:6-8) ऑस्ट्रेलिया में एक बहन ने एक स्त्री को ट्रैक्ट दिया, मगर ऐसा लग रहा था कि उसे कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। मगर, हमारी बहन उसके घर पर उससे दोबारा मिलने के लिए बार-बार जाती रही। जब आखिरकार वह उससे मिली, तो हमारी बहन को पता चला कि पहली मुलाकात के बाद, उस स्त्री ने एक महँगी बाइबल खरीदी थी। बहन ने उसके साथ फौरन अध्ययन शुरू किया!
6 बाइबल अध्ययन चलाना: यह हमारी सेवकाई का एक ऐसा पहलू है, जिससे हमें सबसे ज़्यादा खुशी मिल सकती है और हम अपनी मेहनत का फल पा सकते हैं। हमारे लिए यह कितनी बड़ी आशीष है कि हम यहोवा के बारे में लोगों को सीखने में मदद देते हैं, उन्हें ज़िंदगी में कई बदलाव करते देखते हैं ताकि वे परमेश्वर को खुश कर सकें और उन्हें परमेश्वर को अपना जीवन समर्पित करने की निशानी के तौर पर बपतिस्मा लेते देखते हैं!—1 थिस्स. 2:20; 3 यूह. 4.
7 अगले अंक में, हम ऐसे कुछ और तरीके देखेंगे जिनसे यहोवा के प्रेम के लिए कदर दिखाने से हमें आशीषें मिलती हैं।