लगातार सभाओं में हाज़िर होना —बेहद ज़रूरी
मसीही परिवार जानते हैं कि कलीसिया की सभाओं में लगातार हाज़िर होना बेहद ज़रूरी है। मगर ऐसा करना आज एक चुनौती हो सकती है क्योंकि रोज़मर्रा के कामों में ही हमारा सारा वक्त निकल जाता है। क्या यहोवा की उपासना के लिए ठहराया गया समय भी हमारे घर के काम-काज, नौकरी या स्कूल की पढ़ाई में चला जाता है? अगर हम इस हालात को यहोवा के नज़रिए से देखें तो हमें ज़रूरी कामों को पहली जगह देने में मदद मिलेगी।—1 शमू. 24:6; 26:11.
2 एक इस्राएली पुरुष ने जानबूझकर सब्त के बारे में यहोवा का नज़रिया नहीं अपनाया और वह सब्त के दिन लकड़ी इकट्ठी करने चला गया। शायद उसने यह कहकर खुद को समझा लिया कि मैं तो अपने बाल-बच्चों की खातिर यह काम कर रहा हूँ या उसने सोचा होगा कि यह तो बस एक छोटा-सा काम है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मगर यहोवा ने ऐसे रवैए के लिए उसे सज़ा दी। इस तरह उसने दिखाया कि उपासना के लिए ठहराए गए समय में रोज़मर्रा के काम करना संगीन जुर्म है।—गिन. 15:32-36.
3 मुश्किल पार करना: कई मसीहियों को सभाओं में लगातार हाज़िर होने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है ताकि उनकी नौकरी इसमें रुकावट न पैदा करे। कुछ लोगों ने अपने मालिक से बात करने, ज़रूरत के मुताबिक अपने सहकर्मियों के साथ शिफ्ट की अदला-बदली करने, कोई और नौकरी ढूँढ़ने या सादगी भरा जीवन जीने के ज़रिए इस मुश्किल को पार किया है। इन भाई-बहनों ने सच्ची उपासना की खातिर जो त्याग किए हैं, उसे देखकर परमेश्वर ज़रूर खुश होता है।—इब्रा. 13:16.
4 बच्चों के लिए स्कूल से मिलनेवाला काम एक चुनौती खड़ी कर सकता है। एक लड़की कहती है: “मैं सभाओं से पहले थोड़ा-बहुत होमवर्क कर लेती हूँ और बाकी घर लौटने के बाद करती हूँ।” अगर सभाओं के दिन बच्चों के लिए सारा होमवर्क करना मुमकिन नहीं है, तो कुछ माता-पिताओं ने टीचरों से मिलकर उन्हें इसकी वजह बतायी कि उनके परिवार के लिए मसीही सभाओं में हाज़िर होना बेहद ज़रूरी है।
5 सभाओं के दिन घर का सारा काम-काज निपटाने के लिए ज़रूरी है कि पहले से अच्छी योजना बनायी जाए और सभी सदस्य काम में एक-दूसरे का हाथ बटाएँ। (नीति. 20:18) ऐसा करने से पूरा परिवार समय पर सभाओं में हाज़िर हो सकेगा। छोटे बच्चों को भी सिखाया जा सकता है कि सभाओं के दिन, उन्हें ठीक कितने बजे तक कपड़े बदलकर तैयार हो जाना चाहिए। माता-पिता अपनी अच्छी मिसाल से बच्चों के दिमाग में यह बात बिठा सकते हैं कि सभाएँ हमारे लिए बहुत अहमियत रखती हैं।—नीति. 20:7.
6 इस दुनिया में ज़िंदगी के दबाव दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं, इसलिए सभाओं में लगातार हाज़िर होना निहायत ज़रूरी है। आइए हम हालात को यहोवा के नज़रिए से देखें और सभाओं में लगातार हाज़िर होने से किसी भी बात को रुकावट न बनने दें।—इब्रा. 10:24, 25.