निजी दिलचस्पी दिखाइए—दूसरों की तारीफ कीजिए
जब लोगों की दिल से तारीफ की जाती है, तो इससे उनका हौसला बढ़ता है, उन्हें कदम उठाने का बढ़ावा मिलता है और वे खुश होते हैं। बहुत-से भाई-बहनों ने पाया है कि जब वे प्रचार में मिलनेवाले लोगों की तारीफ करते हैं, तो लोग उनके संदेश को सुनने के लिए तैयार होते हैं। तो फिर दूसरों को खुशखबरी सुनाते वक्त हम उनकी तारीफ कैसे कर सकते हैं?
2 ध्यान से देखिए: महिमावान यीशु मसीह ने एशिया माइनर की सात कलीसियाओं के अच्छे कामों पर गौर किया था और उनकी सराहना की थी। (प्रका. 2:2, 3, 13, 19; 3:8) वैसे ही, अगर हम प्रचार में मिलनेवाले लोगों में सच्ची दिलचस्पी लेंगे, तो हम उनकी तारीफ करने के मौके ढूँढ़ेंगे। मिसाल के लिए, जब हम देखते हैं कि घर का आँगन साफ-सुथरा है, एक माता या पिता अपने बच्चे को प्यार कर रहा है, या कोई घर-मालिक मुस्कराकर हमें सलाम करता है, तो ऐसे में हम उनकी तारीफ कर सकते हैं। क्या आप ऐसी बातों पर गौर करते हैं और दूसरों की तारीफ करते हैं?
3 ध्यान से सुनिए: दूसरों को गवाही देते वक्त, उन्हें अपनी राय ज़ाहिर करने के लिए उकसाइए और इसके लिए उनसे सही सवाल पूछिए। फिर वे जो कहते हैं उसे ध्यान से सुनकर उन्हें आदर दिखाइए। (रोमि. 12:10) शायद उनकी कोई बात आपको अच्छी लगे जिसके लिए आप उनकी मन से तारीफ कर सकते हैं। उसके बाद, जिस विषय पर आप दोनों के विचार मिलते हैं उसी पर आप बातचीत आगे बढ़ा सकते हैं।
4 समझ से काम लीजिए: जब कोई घर-मालिक ऐसी बात कहता है जो बाइबल की सच्चाई के खिलाफ हो, तो आप क्या कर सकते हैं? उसकी बात को गलत बताने के बजाय, उसे शुक्रिया कहिए। फिर आप उससे कुछ ऐसा भी कह सकते हैं: “मैं देख सकता हूँ कि आपने इस बारे में काफी सोचा है।” (कुलु. 4:6) इसके अलावा, अगर एक इंसान किसी विषय को लेकर आपसे बहस करता है, तब भी उस विषय पर उसकी दिलचस्पी के लिए आप उसकी तारीफ कर सकते हैं। इस तरह नरमी से बात करने से कड़क-से-कड़क इंसान भी पिघल सकता है और सुसमाचार सुनने के लिए राज़ी हो सकता है।—नीति. 25:15.
5 अगर हम दूसरों को हौसला दिलाना चाहते हैं, तो हमें दिल से उनकी तारीफ करनी चाहिए। इस तरह हम यहोवा का सम्मान करते हैं और लोगों का ध्यान राज्य के संदेश की तरफ खींचते हैं।