पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग जुला.-सितं.
“क्या आपने कभी उस जलप्रलय के बारे में सुना है, जिसने पूरी दुनिया का नाश कर दिया था? कुछ लोगों का मानना है कि वह एक असल घटना थी। इसके बारे में आप क्या सोचते हैं, क्या ऐसा प्रलय आया होगा? [जवाब के लिए रुकिए।] आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि यीशु ने भी उस जलप्रलय का ज़िक्र किया, जिससे पता चलता है कि वह एक सच्ची घटना थी। क्या मैं आपको यीशु की वह बात पढ़कर सुना सकता हूँ? [अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहे, तो लूका 17:26, 27 पढ़िए।] इस लेख में कुछ ऐसी वजह बतायी गयी हैं, जो हमें यकीन दिलाती हैं कि धरती पर वाकई जलप्रलय आया था।”
सजग होइए! जुला.-सितं.
“आजकल जवानों में निराशा की भावना बढ़ती जा रही है, जिससे बाहर निकलना उनके लिए बहुत मुश्किल हो रहा है। इसलिए बहुत-से लड़के-लड़कियाँ अपनी जान ले लेते हैं। हम ऐसे जवानों की मदद कैसे कर सकते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो 2 तिमुथियुस 3:1 पढ़िए। पेज 25 पर दिया लेख दिखाइए।] इस लेख में जवानों के लिए कारगर सुझाव दिए गए हैं, जिनकी मदद से वे आज के इस कठिन समय का सामना कर सकते हैं।”