पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग जनवरी से मार्च
“आज बढ़ते दबावों की वजह से पति-पत्नी के रिश्ते में आसानी से दरार पैदा हो जाती है। शादी के बंधन को मज़बूत बनाने के लिए क्या बात उनकी मदद कर सकती है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको एक प्राचीन किताब से वह सिद्धांत पढ़कर सुना सकता हूँ, जिस पर चलने से शादीशुदा ज़िंदगी खुशहाल हो सकती है? [अगर घर-मालिक हाँ कहता है, तो इफिसियों 5:33 पढ़िए। फिर पेज 12 पर दिया लेख दिखाइए।] इस लेख में ऐसे कई सिद्धांत दिए हैं, जिनसे पति-पत्नी को एक-दूसरे से किया वादा निभाने में मदद मिलेगी।”
सजग होइए! जनवरी से मार्च
“आज हर कोई ज़िंदगी में कामयाब होना चाहता है और इस विषय पर काफी चर्चा की जाती है। लेकिन कामयाबी का मतलब क्या है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं परमेश्वर के वचन से कुछ ऐसी बातें बता सकता हूँ जो एक इंसान को सही मायने में कामयाब बनाती हैं? [अगर घर-मालिक हाँ कहता है, तो भजन 1:1-3 पढ़िए। फिर पेज 6 पर दिया लेख दिखाइए।] इस लेख में कामयाबी के छः गुर बताए गए हैं।”
प्रहरीदुर्ग अप्रैल से जून
“बहुत-से लोग मरे हुओं से डरते हैं। इस बारे में आपका क्या खयाल है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको बता सकता हूँ कि हमें जीवन देनेवाला, मरे हुओं की हालत के बारे में क्या कहता है? [अगर घर-मालिक हाँ कहता है और आपको लगता है कि उसे दिलचस्पी है तो उत्पत्ति 3:19 पढ़िए। फिर पेज 12 पर दिया लेख दिखाइए।] इस लेख में ऐसे कई कारण बताए गए हैं कि हमें मरे हुओं से क्यों नहीं डरना चाहिए।”
सजग होइए! अप्रैल से जून
“जब लोग मुसीबतों से गुज़रते हैं, तो उन्हें लगता है कि परमेश्वर उन्हें उनके किए की सज़ा दे रहा है। क्या आप भी ऐसा सोचते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक को दिलचस्पी है, तो पूछिए कि क्या आप उसे एक आयत पढ़कर सुना सकते हैं? अगर वह हाँ कहता है, तो याकूब 1:13 पढ़िए। फिर पेज 17 पर दिया लेख दिखाइए।] यह लेख समझाता है कि हम पर आनेवाली मुसीबतों के लिए कौन ज़िम्मेदार है और हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि जल्द ही सारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी।”