टेलिफोन पर गवाही देने के अच्छे नतीजे मिल सकते हैं
1. टेलिफोन से गवाही देना, हमारी सेवा का ज़रूरी हिस्सा क्यों माना जाता है?
1 हमें टेलिफोन से गवाही देने के बारे में क्यों सोचना चाहिए? क्योंकि यह एक और तरीका है जिससे हम दूसरों को सही ज्ञान लेने में मदद दे सकते हैं ताकि उनका उद्धार हो। (2 पत. 3:9) हालाँकि परमेश्वर के राज की खुशखबरी सुनाने के लिए घर-घर जाना हमारा मुख्य तरीका है, लेकिन हम घर पर न मिलनेवाले लोगों तक पहुँचने के लिए दूसरे तरीके भी अपनाते हैं।—मत्ती 24:14; लूका 10:1-7; प्रका. 14:6.
2. टेलिफोन गवाही देने के काम को कैसे संगठित किया जाता है?
2 इस काम को कैसे संगठित किया जाता है: घर-घर के प्रचार की तरह ही टेलिफोन गवाही के लिए प्रचारकों को एक इलाका दिया जाता है। टेलिफोन पर गवाही देने का काम अकेले या दो-तीन लोगों के साथ मिलकर किया जा सकता है। टेलिफोन पर बात करने के लिए ऐसी जगह चुनिए जहाँ शोरगुल और ध्यान भटकानेवाली चीज़ें न हों। कई भाई-बहनों ने देखा है कि अगर वे टेबल के पास बैठकर अपने सामने उन चीज़ों को सजा दें जो वे आम तौर पर घर-घर के प्रचार में इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें अच्छी तरह गवाही देने में मदद मिलती है।
3. टेलिफोन पर गवाही देते वक्त हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
3 टेलिफोन पर गवाही कैसे दें: टेलिफोन पर गवाही देते वक्त हमें अपनी पेशकश इस तरह देनी चाहिए मानो हम उस व्यक्ति से आमने-सामने बात कर रहे हों। जो भाई-बहन पहली बार टेलिफोन पर गवाही देते हैं, वे कोई भी एक पेशकश बोलचाल की शैली में घर-मालिक को पढ़कर सुना सकते हैं। इस मामले में, किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें पुस्तिका और हमारी राज-सेवा में दिए पेशकश के सुझाव, साथ ही क्या आप सच्चाई जानना चाहेंगे? ट्रैक्ट मददगार साबित हो सकते हैं। जब आप अपने मन से पेशकश तैयार करते हैं तो पहले एक विषय चुनिए, फिर तय कीजिए कि आप इस विषय पर घर-मालिक से क्या सवाल पूछेंगे और बाइबल से उसका जवाब देने के लिए एक-दो आयतें चुनिए। जब घर-मालिक अपनी राय बताए तो ध्यान से उसकी सुनिए। क्योंकि ऐसा करने से आप जान पाएँगे कि आपको बातचीत जारी रखनी चाहिए या नहीं। आम तौर पर आप वही किताबें-पत्रिकाएँ पेश कर सकते हैं, जो घर-घर के प्रचार में इस्तेमाल की जाती हैं। एक बार फिर हम आपको इन बातों के बारे में ध्यान दिलाना चाहेंगे: आराम से और धीरे-धीरे बोलिए। फोन पर प्यार से, अदब से और धैर्य से पेश आइए क्योंकि घर-मालिक आसानी से पहचान सकता है कि आप किस तरह उससे पेश आ रहे हैं। जब घर-मालिक अपने विचार ज़ाहिर करता है, तो उसे सुनिए और अपनी राय देने के लिए उसकी सराहना कीजिए। ध्यान रखिए कि आप फोन पर दान के इंतज़ाम का ज़िक्र न करें। इससे वह इस गलतफहमी में पड़ सकता है कि हम टेलिफोन के ज़रिए चंदा माँगने का काम करते हैं। अगर आपको लगे कि घर-मालिक को हमारे संदेश में दिलचस्पी नहीं है, तो बातचीत वहीं खत्म कर दीजिए।
4. टेलिफोन गवाही से हम अपने प्रचार के इलाके में किन लोगों तक पहुँच पाते हैं?
4 आप जिस व्यक्ति से फोन पर बात करते हैं, वह शायद बीमारी या किसी और वजह से कहीं आ-जा न सके। या फिर उसका काम ही ऐसा हो कि उससे घर पर मिलना मुश्किल है। कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो कड़ी सुरक्षावाली इमारतों में रहते हैं या फिर ऐसी कॉलोनियों से हैं जहाँ एक समुदाय के लोग साथ रहते हैं और हमें वहाँ जाने की इजाज़त नहीं है। ऐसे में अपनी सेवा को अच्छी तरह पूरा करने के लिए टेलिफोन से गवाही देने के बारे में सोचिए। यकीन मानिए, इस तरह गवाही देने के अच्छे नतीजे मिलते हैं।