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हमारी राज-सेवा—2013
राज-सेवा 12/13 पेज 8

पेशकश के नमूने

जनवरी के पहले शनिवार को बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए

“हम अपने सभी पड़ोसियों से एक छोटी-सी मुलाकात कर रहे हैं। हमने जिन लोगों से बातचीत की उनका कहना है कि सबसे मुश्‍किल हालात जिसका उन्होंने सामना किया वह है, अपने अज़ीज़ की मौत। क्या आप भी ऐसा ही मानते हैं? [जवाब के लिए रूकिए।] क्या मैं आपको इस सिलसिले में हौसला बढ़ानेवाली कुछ बातें बता सकता हूँ अगर घर-मालिक राज़ी होता है तो उसे जनवरी-मार्च की प्रहरीदुर्ग का आखिरी पेज दिखाइए और पहले सवाल पर दी जानकारी और उसमें दी कम-से-कम एक आयत पर गौर कीजिए। पत्रिका पेश कीजिए और दोबारा मिलकर अगले सवाल पर चर्चा करने का इंतज़ाम कीजिए।”

प्रहरीदुर्ग जनवरी से मार्च

“भाग-दौड़ भरी इस ज़िंदगी में आध्यात्मिक बातों के बारे में सोचना एक चुनौती है। क्या आपको लगता है कि हमारी ज़िंदगी में परमेश्‍वर का होना ज़रूरी है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको सदियों पहले कहे गए, जाने-माने शब्द दिखा सकता हूँ जो इस बात की अहमियत बताते हैं कि सच्ची खुशी पाने के लिए हमें आध्यात्मिक बातों की ज़रूरत है। [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है तो मत्ती 5:3 पढ़िए।] यह पत्रिका ऐसी तीन वजह बताती है कि हमें परमेश्‍वर की ज़रूरत क्यों है।”

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