जीएँ मसीहियों की तरह
ज़ुल्म सहने पर भी खुश रहिए
मसीही जानते हैं कि उन्हें सताया जाएगा। (यूह 15:20) और जब ऐसा होता है तो हमें चिंता तो होती ही है और शायद हमें कुछ तकलीफों से भी गुज़रना पड़े। पर ऐसे ज़ुल्मों के दौरान भी हम खुश रह सकते हैं, अगर हम धीरज से उनका सामना करें।—मत 5:10-12; 1पत 2:19, 20.
हम खुश रह सकते हैं . . . ज़ुल्म के बावजूद वीडियो देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए।
भाई बैज़नोव के अनुभव से आपने आगे बतायी बातों के बारे में क्या सीखा?
रोज़ बाइबल पढ़ना
भाई-बहनों से मिलनेवाली मददa
लगातार प्रार्थना करना
राज-गीत गाना
अपने विश्वास के बारे में लोगों से बात करना
a जेल में कैद मसीही भाई-बहनों के लिए हम प्रार्थना कर सकते हैं। यहाँ तक कि हम उनका नाम लेकर भी ऐसा कर सकते हैं। मगर शाखा दफ्तर के लिए यह मुमकिन नहीं है कि वह हमारा खत ऐसे भाई-बहनों को भेजे।