जीएँ मसीहियों की तरह
हम जो सोचते हैं, उसमें भी हमें निर्दोष रहना है
हम जो बोलते हैं और जो काम करते हैं, सिर्फ उन मामलों में निर्दोष बने रहना काफी नहीं है। हम क्या सोचते हैं, उसमें भी हमें निर्दोष बने रहना है। (भज 19:14) इसलिए बाइबल में बढ़ावा दिया गया है कि हम ऐसी बातों के बारे में सोचें जो सच्ची हैं, गंभीर सोच-विचार के लायक हैं, नेक हैं, साफ-सुथरी हैं, चाहने लायक हैं, अच्छी मानी जाती हैं, सद्गुण की हैं और तारीफ के लायक हैं। (फिल 4:8) बेशक, यह हमेशा मुमकिन नहीं कि हम बुरे विचारों को अपने मन में आने से रोक पाएँ। लेकिन अगर हम संयम रखें, तो हम अपने मन से बुरे विचार निकाल पाएँगे और उनके बदले अच्छी बातें सोच पाएँगे। और अगर हम अच्छी बातें सोचेंगे तो हम अच्छे काम भी करेंगे और इस तरह हम निर्दोष बने रहेंगे।—मर 7:21-23.
आगे दी आयतों के नीचे लिखिए कि हमें किस तरह की गलत सोच से दूर रहना चाहिए: